हैदराबाद : हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिवंगत अभिनेता ओम पुरी की 18 अक्टूबर को बर्थ एनिवर्सरी है. ओम पुरी का जन्म 18 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था. ओम पुरी अपनी दमदार आवाज और बेहतरीन एक्टिंग के लिए आज भी फैंस के दिलों में जिंदा हैं. ओम पुरी की डायलॉग डिलीवरी और उस पर उनके चेहरे के एक्सप्रेशन दर्शकों को अपनी ओर खींचते थे. ओम पुरी हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अभिनेता मदन पुरी और अमरीश पुरी के छोटे भाई हैं.
चाय की दुकान पर किया था काम
ओम पुरी को लेकर कहा जाता है कि इनका बचपन काफी मुश्किलों में गुजरा. बताया जाता है कि महज 6 साल की उम्र में ओम पुरी ने सड़क किनारे कप धोए थे. वह एक चाय की दुकान पर काम करते थे. ओम पुरी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अभिनय जगत में आने के लिए कॉलेज में एक क्लर्क की नौकरी छोड़ दी थी. ओम पुरी को अभिनय उनके भाईयों से मिला था और वह बचपन से एक्टर बनने का सपना रखते थे. इसके लिए ओम पुरी स्कूल में किसी भी फंक्शन में हिस्सा लेने में पीछे नहीं रहते थे.
इस एक्ट्रेस ने कहा था कैसे-कैसे लोग...
ओम पुरी के चेहरे पर कई दाग थे, बावजूद इसके दर्शकों ने उनके चेहरे को नहीं बल्कि उनके चेहरे पर फिट किए गये किरदार पर नजर रखी और उन्हें सिर पर बैठाया. हालांकि, चेहरे पर चेचक के दाग होने की वजह से ओम पुरी को फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआती दौर में काफी संघर्ष करना पड़ा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओम पुरी को देख एक्ट्रेस शबाना आजमी ने कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में कैसे-कैसे एक्टर बनने के लिए आ जाते हैं, लेकिन ओम पुरी के काम ने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया.
शहीद जवान का किया था अपमान
ओम पुरी ने अपने फिल्मी करियर में तकरीबन 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया था. एक दफा ओम पुरी यह कहकर लोगों के निशाने पर आ गए थे कि ‘शहीद जवान को किसने कहा था फौज में भर्ती होकर गोली खाने के लिए’. दरअसल, ओम पुरी ने यह बयान बारामूला आतंकी हमले में शहीद हुए एक जवान को लेकर दिया था. इस बयान से ओम पुरी बाद में बहुत शर्मिंदा हुए और कहा था कि भारतीय सेना जो सजा देना चाहे मंजूर है.
उस वक्त ओम पुरी ने कहा था, 'मैंने बहस के दौरान जो शहीद का अपमान किया था, वो मेरी गलती थी, मेरा दिल विचलित था, अगर किसी और देश में होता तो हाथ और पैर कटवा दिए गए होते'.
ओम पुरी को सम्मान
बता दें, हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें साल 1990 में पद्मश्री अवार्ड और साल 2004 में ब्रिटिश फिल्मों में योगदान के लिए मानक ओबीई (ऑडर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर) से सम्मानित किया गया था. बता दें, साल 2017 में दिल का दौरा पड़ने से 66 साल की उम्र में ओम पुरी का निधन हो गया था.
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