मुंबईः पंजाबी सिंगर (सिद्धू मूसेवाला) की गोली मार कर की गई हत्या से देश के साथ ही विदेशों में भी मातम पसर गया. हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है. पहले भी कई ऐसी हस्तियां हैं जिनको इस तरह से गोली मारकर उनकी सांसे छिन ली गई. आज हम यहां इन सितारों के बारे में विस्तार से बात करेंगे...
सिद्धू मूसेवाला: देश विदेशों में पंजाब का नाम रौशन करन वाले पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला अब इस दुनिया में नहीं रहे. सिद्धू मूसेवाला के देहांत के साथ देश में ही नहीं विदेशों में भी उनके प्रशंसक दुखी हैं. मूसेवाला सिर्फ 28 साल के थे, इसके बावजूद कम उम्र में ही उन्होंने देश-विदेश में नेम फेम बना लिया था. उनकी मौत पर तमाम फिल्मी सितारों ने दुख जताया है.
म्युजिक इंडस्ट्री में सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर हुए सिंगर का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था. सिद्धू का जन्म पंजाब के जिला मानसा के गांव मूसा में 11 जून 1993 में हुआ था. उनका कद 185 सेमी और वजन 85 किलो था. फेमस सिद्धू गांव में ही रहना पसंद करते थे.
अमर सिंह चमकीला: अमर सिंह चमकीला का जन्म 21 जुलाई 1961 को लुधियाना के नजदीक गांव दुग्गरी में हुआ था. अमर सिंह एक फेमस पंजाबी सिंगर, गीतकार और म्यूजिशियन थे. उन्हें 'पंजाब के एल्विस के तौर पर भी जाना जाता था.' गायक की 27 साल की उम्र में हत्या कर दी गई थी. आज भी पंजाबी चमकीला के गीतों को बहुत पसंद करते हैं.
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बता दें कि चमकीला की इच्छा इलैक्ट्रीशियन बनने की थी, जो कि पूरी नहीं हुई और उन्हें लुधियाना के एक कपड़ा मिल में काम मिल गया. संगीत की कुदरती योग्यता के साथ उन्होंने हारमोनीयम और ढोलक बजाना सिखा. पंजाबी संगीतकार सुरिन्दर शिन्दा ने बताया कि 1978 में चमकीला पहली बार साइकिल पर उन के पास आए थे.
पंजाब के फेमस सिंगर 8 मार्च 1988 को गांव महसमपुर में प्रोग्राम को पहुंचे थे. जब वह लगभग 2 बजे अपनी गाड़ी से बाहर निकल रहे थे तभी चमकीला और अमरजोत दोनों को गिल और समूह के अन्य बदमाशों ने AK 47 मार दी थी.
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आगे बता दें कि धर्मेंद्र का चचेरा भाई वरिन्दर पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री का जाना -पहचाना नाम था. हालांकि, वह जैसे -जैसे सफल होता गया, उसके दुश्मनों की लिस्ट भी लम्बी होती गई. 6 दिसंबर 1988 को फिल्म की सेट पर वरिन्दर की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. मरहूम अदाकार अपनी मौत के समय सिर्फ 40 साल के थे. वरिन्दर को गोली किसने मारी, इस का आज तक खुलासा नहीं हो सका है.
दिलशाद अख्तर: दिलशाद अख्तर पंजाब के कोटकपूरा के एक छोटे से गांव के रहने वाले थे. दुख की बात है कि 1995 में एक बैठक के दौरान एक शराबी डीएसपी ने उन्हें हंसराज हंस के गीत 'नाची जो हमारे के साथ' गाने के लिए कहा, पर दिलशाद ने उसे ठुकरा दिया. क्योंकि यह गीत किसी और गायक का था. इंकार से नाराज डीएसपी ने बॉडीगार्ड से बंदूक छीन ली और गायक को गोली मार दी. दिलशाद की मौके पर ही मौत हो गई.