हैदराबाद : साउथ फिल्म इंडस्ट्री का चर्चित कपल नयनतारा और विग्नेश शिवान हाल ही में सरोगेसी के जरिए जुड़वां बच्चों के पेरेंट्स बने हैं. एक तरफ कपल के फैंस के बीच इस गुडन्यूज से खुशी की लहर दौड़ गई थी तो दूसरी और कपल पर सरोगेसी नियम तोड़ने के आरोप लगे. इसके बाद कपल जांच के घेरे में गया. अब तमिलनाडू सरकार ने जांच के बाद पाया है कि कपल ने भारत में मौजूद सरोगेसी के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है.
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार की टीम का कहना है कि कपल ने सरोगेसी के कोई नियम नहीं तोड़े हैं. इस बाबत तमिलनाडु सरकार ने 3 मेंबर का पैनल बनाया था, जिन्हें हेल्थ और फैमिली वेल्फेयर विभाग से चुना गया था.
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पैनल ने पेश की रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पैनल ने इस केस की पूरी पड़ताल कर बुधवार को सरकार अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के मुताबिक कपल ने सरोगेसी का कोई रुल नहीं तोड़ा है, लेकिन जांच में पता चला है कि कपल को सरोगेसी की सुविधा देने वाले अस्पताल पर लापरवाही बरतने के लिए कार्रवाई की जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पैनल ने बताया, जब हमने सरोगेसी करने वाले डॉक्टर की टीम से बात की तो पता चला कि कपल का परिवार का साल 2020 में एक सिफारिश पत्र मिला था, जिसके बाद उन्हें सरोगेसी की प्रकिया शुरू हुई'. लेकिन पैनल की कपल के फैमिली डॉक्टर से जांच-पड़ताल इसलिए नहीं हो पाई है क्योंकि वह देश बाहर हैं.
कपल ने नहीं तोड़ा सरोगेसी रूल
पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, सरोगेट मां ने साल 2021 के नवंबर महीने में कपल के साथ एक एग्रीमेंट किया था और साल 2022 में सरोगेट महिला की कोख में भ्रूण को रखा गया. अक्टूबर 2022 में सरोगेट महिला ने जुड़वां बच्चों के जन्म दिया.
गौरतलब है कि भारत में सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 के तहत कमर्शियल सरोगेसी पर बैन लगा दिया गया था, लेकिन कपल की बैन की टाइमिंग के अनुसार कपल का प्रोसेस पहले से ही शुरू हुआ था, जिसके कारण कपल का यह कदम गैर-कानूनी नहीं माना गया है.
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