नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पॉपुलर रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' की हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है. आज, 24 सितंबर को 105वें एपिसोड है. आज के एपिसोड में पीएम मोदी ने जहां चंद्रयान-3 और जी20 समिट के बारे में चर्चा की, वहीं उन्होंने जर्मन सिंगर और सॉन्गराइटर कैसमी की भी तारीफ की है.
पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' के 105वें एपिसोड में देश की जनता को संबोधित करते हुए जर्मन सिंगर-सॉन्ग राइटर कैमसी के सिंगिंग की प्रशंसा की. उन्होंने कैमसी के बारे में जिक्र करते हुए बताया, '21 साल की कैसमी इन दिनों इंस्टाग्राम पर पर खूब छाई हुई है. जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही इन्सपायरिंग है.'
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21 साल की कैसमी इन दिनों Instagram पर खूब छाई हुई है। जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही Inspiring है।#MannKiBaat pic.twitter.com/dX249GnPc4
— BJP (@BJP4India) September 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">21 साल की कैसमी इन दिनों Instagram पर खूब छाई हुई है। जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही Inspiring है।#MannKiBaat pic.twitter.com/dX249GnPc4
— BJP (@BJP4India) September 24, 202321 साल की कैसमी इन दिनों Instagram पर खूब छाई हुई है। जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही Inspiring है।#MannKiBaat pic.twitter.com/dX249GnPc4
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पीएम मोदी कहते हैं, 'कैसमी जन्म से ही देख नहीं पाती हैं. लेकिन ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई है. म्यूजिक और क्रिएटिविटी को लेकर उनका पैशन कुछ ऐसा था कि बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया था. उन्होंने 3 साल की उम्र में ही अफ्रीकन ड्रमिंग की शुरुआत कर दी थी. भारतीय संगीत से उनका परिचय 5-6 साल पहले ही हुआ और भारतीय संगीत ने उन्हें ऐसा मोह लिया कि उन्हें इससे प्यार हो गया.'
कैसमी की सराहना करते हुए पीएम कहते हैं, 'उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है. सबसे प्रेरित करने वाली बात तो यह है कि वे कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने महारत हासिल कर चुकी हैं. संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, कन्नड़, बंगाली, उर्दू इन सबमें अपने सूर साधे हैं. दूसरों के लिए इतनी सारी भाषाएं बोलना जितना कठिन होता है, कैसमी के लिए ये सब उतना ही आसान. भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की हृदय से सराहना करता हूं.'