मुंबई: चिट्ठी न कोई संदेश...गजल सम्राट जगजीत सिंह का एक-एक गजल बड़े से बड़े घाव के लिए मरहम है, हम कह सकते हैं कि उनकी जुबान से निकला हर एक गजल हर दर्द की दवा है. जब उनकी गजल को लोग सुनते और गुनगुनाते हैं तो उसी में खो जाते हैं. आज भी गजल सम्राट बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं. उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती से घुल-मिल जाती है और आहिस्ता-आहिस्ता दिलों में उतर जाती हैं.
बता दें कि जगजीत सिंह को 2003 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. फरवरी 2014 में सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए. आश्चर्यजनक मगर सत्य है कि गुजरने के (10 अक्टूबर) 11 साल बाद भी वह श्रोताओं के दिलों में अमर हैं. उनकी पुण्यतिथि पर दिल और दिमाग को सुकून देने वाले गजलों को सुनिए और गजल की दूनिया में खो जाइए.
तेरे आने की जब खबर बहके
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चिट्ठी न कोई संदेश
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मां सुनाओ मुझे वो कहानी
कोई फरियाद दिल में बची हो जैसे
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तुमको देखा तो ये ख्याल आया
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होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो
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होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है
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तुम जो इतना मुस्कुरा रहे हो
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करोड़ों लोगों को दीवाना बनाने वाले जगजीत सिंह ने मीरो-ग़ालिब से लेकर फ़ैज-फ़िराक़ तक और गुलज़ार-निदा फ़ाजली से लेकर राजेश रेड्डी और आलोक श्रीवास्तव तक हर दौर के शायर की गजलों को अपनी आवाज दी है. शायर निदा फाजली, बशीर बद्र, गुलज़ार, जावेद अख़्तर जगजीत सिंह जी के पसंदीदा शायरों में रहे हैं.
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