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गुजरात का गरबा डांस यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल

Gujarat's Garba dance UNESCO: गुजरात का गरबा डांस यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल हो गया है. इसकी पुष्टि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने की है.

Gujarat's Garba dance UNESCO
(Photo- UNESCO Twitter
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By PTI

Published : Dec 6, 2023, 6:45 PM IST

अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने बुधवार को कहा कि राज्य के लोकप्रिय गरबा नृत्य को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया है. भारत ने नवरात्रि उत्सव के दौरान पूरे गुजरात और देश के कई अन्य हिस्सों में आयोजित होने वाले गरबा को सूची में शामिल करने के लिए नामांकित किया था.गरबा के रूप में देवी मां की भक्ति की सदियों पुरानी परंपरा जीवित और विकसित हो रही है.

भूपेन्द्र पटेल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'गुजरात की पहचान बन चुके गरबा को यूनेस्को ने अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची के तहत मंजूरी दे दी है. यह दुनिया भर में फैले गुजरातियों के लिए गौरव का क्षण है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की विरासत को महत्व दिए जाने और ऐसी विरासत को दुनिया भर में ले जाने का परिणाम है. पटेल ने आगे कहा, गुजरात के लोगों को बधाई.'

  • The Garba is a unique manifestation of worshiping the divine feminine - the primordial Goddess.

    Garba's inclusion in the @UNESCO
    Intangible Cultural Heritage list is truly a proud moment for Gujarat and India. It is an honour given by the world to the ancient culture of India.… https://t.co/dBYQ0hGZWJ

    — Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) December 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंगलवार को कसाने, बोत्सवाना में शुरू हुई अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की हिफाजत के लिए अंतर सरकारी समिति की 18वीं बैठक के दौरान अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सहेजने संबंधी 2003 की संधि के प्रावधानों के तहत इसे सूची में शामिल किया गया.

  • માઁ આદ્યશક્તિની ભાવભરી ભક્તિના પ્રતીક સમા ગરબાની સદીઓ પુરાણી પરંપરા આજના સાંપ્રત સમયમાં પણ જીવંત રહી છે અને પૂરા તેજ સાથે ખીલી છે. ગુજરાતની ઓળખ સમા ગરબાની @UNESCO દ્વારા 'અમૂર્ત સાંસ્કૃતિક વારસા' તરીકે પસંદગી કરવામાં આવી છે.

    વિશ્વભરમાં વસેલા ગુજરાતીઓ માટે આ ગૌરવની ક્ષણ છે.… pic.twitter.com/ZqTh0xbgPl

    — Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) December 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, 'गुजरात का गरबा नृत्य इस सूची में शामिल होने वाला भारत की 15वीं अमूर्त सांस्कृतिक विरासत है. यह उपलब्धि सामाजिक और लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देने वाली एकीकृत शक्ति के रूप में गरबा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है.'

विज्ञप्ति में कहा गया, 'एक नृत्य शैली के रूप में गरबा परंपरा और श्रद्धा की जड़ों में गहराई से समाया हुआ है, जिसमें सभी क्षेत्रों के लोग शामिल होते हैं और यह समुदायों को एकजुट करने वाली एक जीवंत परंपरा के रूप में विकसित हो रहा है.'

यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, गरबा एक "अनुष्ठानात्मक और भक्तिपूर्ण नृत्य" है जो नवरात्रि के त्योहार के अवसर पर किया जाता है, जो स्त्री ऊर्जा या 'शक्ति' की पूजा के लिए समर्पित है.

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अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने बुधवार को कहा कि राज्य के लोकप्रिय गरबा नृत्य को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया है. भारत ने नवरात्रि उत्सव के दौरान पूरे गुजरात और देश के कई अन्य हिस्सों में आयोजित होने वाले गरबा को सूची में शामिल करने के लिए नामांकित किया था.गरबा के रूप में देवी मां की भक्ति की सदियों पुरानी परंपरा जीवित और विकसित हो रही है.

भूपेन्द्र पटेल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'गुजरात की पहचान बन चुके गरबा को यूनेस्को ने अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची के तहत मंजूरी दे दी है. यह दुनिया भर में फैले गुजरातियों के लिए गौरव का क्षण है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की विरासत को महत्व दिए जाने और ऐसी विरासत को दुनिया भर में ले जाने का परिणाम है. पटेल ने आगे कहा, गुजरात के लोगों को बधाई.'

  • The Garba is a unique manifestation of worshiping the divine feminine - the primordial Goddess.

    Garba's inclusion in the @UNESCO
    Intangible Cultural Heritage list is truly a proud moment for Gujarat and India. It is an honour given by the world to the ancient culture of India.… https://t.co/dBYQ0hGZWJ

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मंगलवार को कसाने, बोत्सवाना में शुरू हुई अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की हिफाजत के लिए अंतर सरकारी समिति की 18वीं बैठक के दौरान अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सहेजने संबंधी 2003 की संधि के प्रावधानों के तहत इसे सूची में शामिल किया गया.

  • માઁ આદ્યશક્તિની ભાવભરી ભક્તિના પ્રતીક સમા ગરબાની સદીઓ પુરાણી પરંપરા આજના સાંપ્રત સમયમાં પણ જીવંત રહી છે અને પૂરા તેજ સાથે ખીલી છે. ગુજરાતની ઓળખ સમા ગરબાની @UNESCO દ્વારા 'અમૂર્ત સાંસ્કૃતિક વારસા' તરીકે પસંદગી કરવામાં આવી છે.

    વિશ્વભરમાં વસેલા ગુજરાતીઓ માટે આ ગૌરવની ક્ષણ છે.… pic.twitter.com/ZqTh0xbgPl

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एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, 'गुजरात का गरबा नृत्य इस सूची में शामिल होने वाला भारत की 15वीं अमूर्त सांस्कृतिक विरासत है. यह उपलब्धि सामाजिक और लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देने वाली एकीकृत शक्ति के रूप में गरबा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है.'

विज्ञप्ति में कहा गया, 'एक नृत्य शैली के रूप में गरबा परंपरा और श्रद्धा की जड़ों में गहराई से समाया हुआ है, जिसमें सभी क्षेत्रों के लोग शामिल होते हैं और यह समुदायों को एकजुट करने वाली एक जीवंत परंपरा के रूप में विकसित हो रहा है.'

यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, गरबा एक "अनुष्ठानात्मक और भक्तिपूर्ण नृत्य" है जो नवरात्रि के त्योहार के अवसर पर किया जाता है, जो स्त्री ऊर्जा या 'शक्ति' की पूजा के लिए समर्पित है.

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