मुंबई : फिल्म निर्देशन ओम राउत की माइथोलॉजिकल फिल्म 'आदिपुरुष' ने देशभर में हंगामा खड़ा कर रखा है. साउथ स्टार प्रभास, बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति, सनी सिंह और सैफ अली खान स्टारर यह फिल्म अपने डायलॉग्स, वीएफएक्स और किरदारों के भद्दे लुक से चौतरफा आलोचना का शिकार हो रही है. फिल्म पर भारत में बैन लगाने की मांग उठ रही है. इस बीच एक और टीवी शो 'महाभारत' फेम एक्टर गजेंद्र चौहान ने बड़ा खुलासा किया है. एक इंटरव्यू में 66 वर्षीय एक्टर ने बताया है कि महाभारत के कुछ सीन को लेकर तत्कालीन सरकार ने आपत्ति जताई थी और महाभारत के मेकर्स ने एक रात में कोर्ट में मामला निपटा दिया था.
महाभारत के इस डायलॉग पर मचा था गदर
बीआर चोपड़ा द्वारा बनाई गई 'महाभारत' में गजेंद्र चौहान ने युधिष्ठिर का किरदार बखूबी निभाया था. आज भी लोग उन्हें युधिष्ठिर के नाम से जानते हैं. आदिपुरुष पर बवाल के बीच एक इंटरव्यू में एक्टर ने महाभारत के साथ हुए ऐसे विरोध का जिक्र करते हुए बताया, मुझे याद सितंबर 1988 में महाभारत सीरियल को लॉन्च करने के लिए ताज होटल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी, महाभारत 2 अक्टूबर 1988 से ऑन एयर की जानी थी, जबकि दूर-दर्शन पर इसका प्रीव्यू हो चुका था, लेकिन तत्तकालीन सत्ता ने सीरियल के कुछ डायलॉग्स पर आपत्ति जताई थी, वो डायलॉग राज बब्बर ने लिखे थे, वो डायलॉग था जिसमें राजा भरत यह कहते हैं कि राजपथ वंश नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर होना चाहिए, यह डायलॉग उस वक्त की सरकार को खुद के खिलाफ लगा और उन्होंने इस डायलॉग को शो से हटाने की मांग की'.
तत्तकालीन सरकार को क्या थी दिक्कत?
गजेंद्र ने आगे बताया कि कैसे 'समय का चक्र' भी विवाद से नहीं बच सका था. उन्होंने कहा, महाभारत की शुरुआत एक चक्र से होती जिसे समय का चक्र या समय का पहिया और कालचक्र कहते हैं, लेकिन इस पर भी तत्तकालीन सरकार ने उंगली उठाई थी और कहा था कि यह पहिया विपक्ष (जनता दल) का प्रचार करता है, जो कि उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह है, उस समय की सरकार ने इसका भी विरोध किया और इस हटाने को कहा'.
मेकर्स ने एक रात में कर दिया फैसला
गजेंद्र ने आगे बताया कि आखिर कैसे शो को आखिर में हरी झंडी मिली. एक्टर ने कहा, 'बीआर चोपड़ा महाभारत की रचना, इसके किरदार, एक-एक डायलॉग और इसके राइटर को लेकर एकदम साफ और सतुंष्ट थे, वह किसी भी कीमत पर सरकार की बात मानने को तैयार नहीं होना चाहते थे, इसके लिए वह कोर्ट गए और अपना पक्ष रखा, मेरा विश्वास करना उन्होंने 1 अक्टूबर की रात को ही कोर्ट से इस पर क्लीयरेंस ले लिया था और 2 अक्टूबर 1988 से महाभारत लोगों के बीच पहुंच चुकी थी'.