मुंबई: एक स्थानीय सत्र अदालत ने मंगलवार को जाने-माने कवि-गीतकार जावेद अख्तर की उस अर्जी पर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत से जवाब तलब किया है, जिसमें उन्होंने मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से जारी समन आदेश को चुनौती दी है. कंगना की ओर से दायर एक मुकदमे में जावेद अख्तर को मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से तलब किया गया है, जिसे अख्तर ने सत्र अदालत में चुनौती दी है.
कथित आपराधिक धमकी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (डिंडोशी अदालत) ए. जेड. खान ने रनौत को नोटिस जारी कर जवाब मांगा और मामले की सुनवाई 24 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी. अख्तर ने सत्र अदालत के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि उपनगरीय अंधेरी स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें 'जल्दबाजी में और अनुचित तरीके' से समन जारी किया है, जिससे 'न्याय का गला घोंट दिया गया है'.
वकील जय भारद्वाज के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया, न्यायिक रिकॉर्ड पर यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि विवादित आदेश पारित करने के लिए मजिस्ट्रेट के पास पर्याप्त सामग्री उपलब्ध थी. याचिका में कहा गया है, 'मजिस्ट्रेट ने समग्र तथ्यात्मक पहलुओं और न्यायिक रिकॉर्ड का पता लगाए बिना शिकायत में दर्ज निराधार और अप्रमाणित बयानों को लेकर कार्रवाई की.' वर्ष 2020 में 76-वर्षीय गीतकार ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि रनौत ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए थे, जिससे कथित तौर पर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा था.
उन्होंने आरोप लगाया था कि जून 2020 में फिल्मस्टार सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद रनौत ने बॉलीवुड में मौजूद एक 'कोटरी' का जिक्र करते हुए साक्षात्कार के दौरान उनका (अख्तर का) नाम घसीटा था. छत्तीस-वर्षीया अभिनेत्री ने बाद में कथित 'जबरन वसूली और आपराधिक धमकी' के लिए अख्तर के खिलाफ उसी अदालत में जवाबी शिकायत दर्ज की.
रनौत ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि एक सह-कलाकार के साथ उनके सार्वजनिक विवाद के बाद, गीतकार ने उन्हें और उनकी बहन रंगोली चंदेल को 'गलत इरादों और गलत उद्देश्यों के साथ अपने घर बुलाया तथा फिर उन्हें आपराधिक रूप से डराया और धमकाया.' मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर एम शेख ने 24 जुलाई को अख्तर को समन जारी किया और उन्हें पांच अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा था. मजिस्ट्रेट ने अख्तर के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप हटा दिए, लेकिन कहा कि उनके खिलाफ आपराधिक धमकी के मामले में आगे बढ़ने का व्यापक आधार है.
(एजेंसी)