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कार्तिक आर्यन समेत इन सितारों ने बिना 'गॉडफादर' लिखी अपनी किस्मत, आज हैं दर्शकों की पहली पसंद

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Published : Nov 24, 2022, 6:29 PM IST

बॉलीवुड में कई शानदार एक्टर्स हैं, जिन्होंने बिना गॉडफादर के खुद को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया है. इन एक्टर्स को दर्शक बेहद पसंद करते हैं और आज ये दर्शकों की पहली पसंद बने हुए हैं.

राजकुमार राव
कार्तिक आर्यन

मुंबई: जिंदगी में एक गॉडफादर हो तो जिंदगी आसान बन जाती है. गिरना और चढ़ना तो एक प्रक्रिया है. फिल्म जगत के लिए गॉडफादर तो मस्ट हैं मगर कई ऐसे सुपरस्टार हैं, जिन्होंने अपनी किस्मत खुद ही लिखी है. पंकज त्रिपाठी, राजकुमार राव, कार्तिक आर्यन समेत कई चमकते सितारे हैं, जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर खुद की दम पर पूरा किया है. खास बात है कि ये एक्टर्स नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से हैं और खुद के गॉडफादर हैं.

अनुपम खेर: शिमला के निवासी अनुपम खेर के पिता पुष्कर नाथ एक कश्मीरी पंडित थे, वे पेशे से क्लर्क थे. अनुपम शिमला में प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से स्नातक पूरा किए. एक्टर ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत 1982 में 'आगमन' नाम की फिल्म से की थी. 1984 में आई 'सारांश' उनकी पहली हिट फिल्म मानी जाती है. एक्टर ने फिल्म जगत को एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी हैं. एक्टर को 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री के साथ ही कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. अनुपम खेर ने 1985 में एक्ट्रेस किरण खेर से शादी कर लिया था. हाल ही में एक्टर की फिल्म ऊंचाई रिलीज हुई है, जो कि बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर रही है.

मनोज वाजपेई: बिहार के पश्चिमी चंपारण के छोटे से गांव बेलवा बहुअरी से निकले मनोज वाजपेई की एक्टिंग का बच्चा-बच्चा दिवाना है. प्रारम्भिक शिक्षा केआर हाई स्कूल, बेतिया से लेने के बाद मनोज दिल्ली चले गये और रामजस कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई की. हालांकि, उन्हे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में तीन कोशिशों के बावजूद प्रवेश नही मिल सका. इसके बाद उन्होने बैरी जॉन के साथ रंगमंच पर काम किया. मनोज ने कैरियर की शुरूआत दूरदर्शन पर प्रसारित शो स्वाभिमान के साथ शुरु किया. बैंडिट क्वीन की कास्टिंग के दौरान तिग्मांशु धूलिया ने मनोज को पहली बार शेखर कपूर से मिलवाया था. इस फ़िल्म मे मनोज ने डाकू मान सिंह का चरित्र निभाया था. 1998 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म सत्या के बाद मनोज ने कभी वापस मुड़ कर नहीं देखा. इस फिल्म में उनके द्वारा निभाये गये भीखू म्हात्रे के किरदार के लिये उन्हें कई पुरस्कार मिले.

पंकज त्रिपाठी: पंकज त्रिपाठी आज सिनेमा जगत का एक ऐसा नाम है, जिसे सुनते ही लोग फिल्म में मजबूत कहानी को लेकर श्योर हो जाते हैं. बिहार के गोपालगंज से निकले पंकज ने कई फ़िल्मों में काम किया है. रन फिल्म से कैरियर की शुरुआत करने वाले पंकज छाए रहते हैं. 2018 की वेब सीरीज मिर्जापुर और मिर्जापुर सीजन 2 के बाद से तो पंकज त्रिपाठी उस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां से केवल सफलता नजर आती है.

कार्तिक आर्यन: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से मुंबई तक का कार्तिक आर्यन का सफर आसान नहीं रहा. डॉक्टर पैरेंट्स और इंजिनियरिंग के स्टूडेंट के लिए फिल्मों में जाने को लेकर कार्तिक ने एक बार बताया कि कॉलेज के दिनों में वह अपनी क्लासेज को छोड़ देते थे और ऑडिशन में भाग लेने के लिए दो-दो घंटे तक सफर करते थे. आर्यन ने यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए मॉडलिंग करियर की शुरुआत की और तीन साल तक फिल्मों में असफल ऑडिशन देने के बाद उन्होंने क्रेटिंग चरकट्स इंस्टीट्यूट से एक्टिंग का कोर्स किया. उन्होंने अपनी पहली फिल्म साइन करने के बाद ही अपने माता-पिता को अपनी अभिनेता बनने की इच्छा के बारे में बताया था. कॉलेज में अपने तृतीय वर्ष के दौरान आर्यन ने लव रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा से अभिनय की शुरुआत की थी. और आज एक्टर की झोली में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में हैं.

राजकुमार राव: हरियाणा के गुरुग्राम में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में राजकुमार को दसवीं कक्षा में ही एक्टिंग का कीड़ा लग गया था. उन्होंने अपना स्कूली सफर गुरुग्राम में और ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की. राव ने एफटीआईआई, पुणे से भी पढ़ाई की जिसके बाद वे मुंबई शिफ्ट हो गए. राजकुमार ने करियर की शुरूआत फिल्म 'लव, सेक्स और धोखा' फिल्म से की. उन्होंने अपना ऑडिशन तब दिया जब उन्होंने एक विज्ञापन देखा जिसमें फिल्म के निर्देशक दिबाकर बनर्जी कुछ नए लड़कों को अपनी फिल्म में लेना चाह रहे थे. रागिनी एमएमएस, शैतान, काय पो छे, शाहिद जैसी फिल्मों से उन्होंने अपना अलग मुकाम बना लिया.

विजय वर्मा: विजय वर्मा को फिल्म 'पिंक' में अंकित मल्होत्रा, 'सुपर 30' में फुग्गा कुमार और फिल्म बाग़ी 3 में अख्तर लाहोरी के किरदार के रूप काफी सराहा गया है. हैदराबाद के तेलंगाना में जन्में एक्टर ने हैदराबाद में एक थिएटर कलाकार के रूप में अपनी अभिनय की शुरुआत की थी. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) में अभिनय की शिक्षा प्राप्त करने के लिए दो साल के लिए पुणे जाने का फैसला करने से पहले उन्होंने कई नाटकों पर काम किया. इसके बाद एक्टर काम की तलाश में मुंबई आ गये. उनका पहला अभिनय काम राज निदिमोरु और कृष्णा डीके की लघु फिल्म 'शोर' था. जो कि बहुत सराही गई थी.

यह भी पढ़ें- अभिनेता पैदा नहीं होते हैं...जानिए किस मुद्दे पर अनुपम खेर ने कही ये बड़ी बात

मुंबई: जिंदगी में एक गॉडफादर हो तो जिंदगी आसान बन जाती है. गिरना और चढ़ना तो एक प्रक्रिया है. फिल्म जगत के लिए गॉडफादर तो मस्ट हैं मगर कई ऐसे सुपरस्टार हैं, जिन्होंने अपनी किस्मत खुद ही लिखी है. पंकज त्रिपाठी, राजकुमार राव, कार्तिक आर्यन समेत कई चमकते सितारे हैं, जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर खुद की दम पर पूरा किया है. खास बात है कि ये एक्टर्स नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से हैं और खुद के गॉडफादर हैं.

अनुपम खेर: शिमला के निवासी अनुपम खेर के पिता पुष्कर नाथ एक कश्मीरी पंडित थे, वे पेशे से क्लर्क थे. अनुपम शिमला में प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से स्नातक पूरा किए. एक्टर ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत 1982 में 'आगमन' नाम की फिल्म से की थी. 1984 में आई 'सारांश' उनकी पहली हिट फिल्म मानी जाती है. एक्टर ने फिल्म जगत को एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी हैं. एक्टर को 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री के साथ ही कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. अनुपम खेर ने 1985 में एक्ट्रेस किरण खेर से शादी कर लिया था. हाल ही में एक्टर की फिल्म ऊंचाई रिलीज हुई है, जो कि बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर रही है.

मनोज वाजपेई: बिहार के पश्चिमी चंपारण के छोटे से गांव बेलवा बहुअरी से निकले मनोज वाजपेई की एक्टिंग का बच्चा-बच्चा दिवाना है. प्रारम्भिक शिक्षा केआर हाई स्कूल, बेतिया से लेने के बाद मनोज दिल्ली चले गये और रामजस कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई की. हालांकि, उन्हे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में तीन कोशिशों के बावजूद प्रवेश नही मिल सका. इसके बाद उन्होने बैरी जॉन के साथ रंगमंच पर काम किया. मनोज ने कैरियर की शुरूआत दूरदर्शन पर प्रसारित शो स्वाभिमान के साथ शुरु किया. बैंडिट क्वीन की कास्टिंग के दौरान तिग्मांशु धूलिया ने मनोज को पहली बार शेखर कपूर से मिलवाया था. इस फ़िल्म मे मनोज ने डाकू मान सिंह का चरित्र निभाया था. 1998 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म सत्या के बाद मनोज ने कभी वापस मुड़ कर नहीं देखा. इस फिल्म में उनके द्वारा निभाये गये भीखू म्हात्रे के किरदार के लिये उन्हें कई पुरस्कार मिले.

पंकज त्रिपाठी: पंकज त्रिपाठी आज सिनेमा जगत का एक ऐसा नाम है, जिसे सुनते ही लोग फिल्म में मजबूत कहानी को लेकर श्योर हो जाते हैं. बिहार के गोपालगंज से निकले पंकज ने कई फ़िल्मों में काम किया है. रन फिल्म से कैरियर की शुरुआत करने वाले पंकज छाए रहते हैं. 2018 की वेब सीरीज मिर्जापुर और मिर्जापुर सीजन 2 के बाद से तो पंकज त्रिपाठी उस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां से केवल सफलता नजर आती है.

कार्तिक आर्यन: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से मुंबई तक का कार्तिक आर्यन का सफर आसान नहीं रहा. डॉक्टर पैरेंट्स और इंजिनियरिंग के स्टूडेंट के लिए फिल्मों में जाने को लेकर कार्तिक ने एक बार बताया कि कॉलेज के दिनों में वह अपनी क्लासेज को छोड़ देते थे और ऑडिशन में भाग लेने के लिए दो-दो घंटे तक सफर करते थे. आर्यन ने यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए मॉडलिंग करियर की शुरुआत की और तीन साल तक फिल्मों में असफल ऑडिशन देने के बाद उन्होंने क्रेटिंग चरकट्स इंस्टीट्यूट से एक्टिंग का कोर्स किया. उन्होंने अपनी पहली फिल्म साइन करने के बाद ही अपने माता-पिता को अपनी अभिनेता बनने की इच्छा के बारे में बताया था. कॉलेज में अपने तृतीय वर्ष के दौरान आर्यन ने लव रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा से अभिनय की शुरुआत की थी. और आज एक्टर की झोली में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में हैं.

राजकुमार राव: हरियाणा के गुरुग्राम में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में राजकुमार को दसवीं कक्षा में ही एक्टिंग का कीड़ा लग गया था. उन्होंने अपना स्कूली सफर गुरुग्राम में और ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की. राव ने एफटीआईआई, पुणे से भी पढ़ाई की जिसके बाद वे मुंबई शिफ्ट हो गए. राजकुमार ने करियर की शुरूआत फिल्म 'लव, सेक्स और धोखा' फिल्म से की. उन्होंने अपना ऑडिशन तब दिया जब उन्होंने एक विज्ञापन देखा जिसमें फिल्म के निर्देशक दिबाकर बनर्जी कुछ नए लड़कों को अपनी फिल्म में लेना चाह रहे थे. रागिनी एमएमएस, शैतान, काय पो छे, शाहिद जैसी फिल्मों से उन्होंने अपना अलग मुकाम बना लिया.

विजय वर्मा: विजय वर्मा को फिल्म 'पिंक' में अंकित मल्होत्रा, 'सुपर 30' में फुग्गा कुमार और फिल्म बाग़ी 3 में अख्तर लाहोरी के किरदार के रूप काफी सराहा गया है. हैदराबाद के तेलंगाना में जन्में एक्टर ने हैदराबाद में एक थिएटर कलाकार के रूप में अपनी अभिनय की शुरुआत की थी. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) में अभिनय की शिक्षा प्राप्त करने के लिए दो साल के लिए पुणे जाने का फैसला करने से पहले उन्होंने कई नाटकों पर काम किया. इसके बाद एक्टर काम की तलाश में मुंबई आ गये. उनका पहला अभिनय काम राज निदिमोरु और कृष्णा डीके की लघु फिल्म 'शोर' था. जो कि बहुत सराही गई थी.

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