अमरावती: आंध्र प्रदेश में पहले चरण के मतदान के अगले दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने कुछ ईवीएम में गड़बड़ियों को लेकर निर्वाचन आयोग पर बरसे. उन्होंने कहा कि 'चुनाव को तमाशा बना दिया गया है.
नायडू ने कहा कि एक गैर-भरोसेमंद तकनीक, वीवीपैट पर्चियां लगी ईवीएम की संख्या बढ़ाने से इनकार, अधिकारियों का तबादला और आयोग की अन्य गतिविधियों का संचालन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज्ञा से होना इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है.
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तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने ऐसा असंवेदनशील, गैरजिम्मेदार और बेकार निर्वाचन आयोग कभी नहीं देखा था.
उन्होंने कहा कि वह लोकतंत्र को बचाने के अपने संघर्ष को किसी भी हद तक ले जाने के लिए तैयार हैं. जो कुछ उन्होंने कहा, वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), जिसमें हेराफेरी की गुंजाइश के चलते संकटपूर्ण हो चली स्थिति को भांपते हुए कहा है.
नायडू ने निर्वाचन आयोग पर दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए हैरत जताई कि लोकतंत्र को मशीन की कृपा पर क्यों निर्भर रहना चाहिए.
यह दावा करते हुए कि राज्य में गुरुवार को हुए मतदान के दौरान 35 फीसदी ईवीएम ठीक से काम नहीं कर रही थीं, नायडू ने कहा कि मतदाताओं को परेशानी हुई, वे शुक्रवार तड़के तक कतार में खड़े अपनी बारी की प्रतीक्षा करते दिखे.
उन्होंने कहा, कई बूथों पर मतदान दोपहर एक बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे खत्म कर दिया गया. कुछ लोग तड़के 3.30 बजे मतदान कर पाए. क्या देश के प्रति आपकी यही प्रतिबद्धता है? क्या आप लोकतंत्र में वोट का खयाल रखते हैं? निर्वाचन आयोग को जवाब देना चाहिए.
नायडू ने उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा के इस बयान की कड़ी निंदा की कि ईवीएम में गड़बड़ी एक छोटा मुद्दा है और कहा कि एक समय 4,600 ईवीएम काम नहीं कर रही थीं.
उन्होंने सिन्हा के लिए कहा, आम आदमी की तो बात ही छोड़िए, आपके अपने सीईओ (मुख्य निर्वाचन अधिकारी) तक वोट नहीं कर सकते. इसके बारे में आप ये क्या कह रहे हैं.