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नारी तू नारायणी: पहले दादा और अब पोती ने संभाली कमान, पुस्तैनी काम चढ़ा परवान

वोकल फॉर लोकल के सपनों को चारचांद लगाने वाली महिला यशोदा इन दिन चर्चाओं में बनी हुई है. झारखंड के रांची से नोएडा आई यशोदा लाखों महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है.

Women Yashoda from jharkhand a source of inspiration for women in shilp haat noida
महिला दिवस: दादा, पिता के बाद घर की बेटी ने संभाली कमान, पुस्तैनी काम को दी नहीं ऊंचाई
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Published : Mar 12, 2021, 6:06 AM IST

Updated : Mar 12, 2021, 8:20 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने वोकल फ़ॉर लोकल के सपनों को चारचांद लगाने वाली महिला यशोदा इन दिन चर्चाओं में बनी हुई है. झारखंड के रांची से नोएडा आई यशोदा लाखों महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है. झारखंड की यशोदा आदिवासी ज्वैलरी का काम करती हैं और यह इनका पुश्तैनी काम है, लेकिन इसकी खास बात यह है कि पहले दादा यह काम किया करते थे, उसके बाद में पिता ने कमान संभाली और अब घर की बेटी 'यशोदा' ने जिम्मेदारी संभाली है.

दादा, पिता के बाद घर की बेटी ने संभाली कमान
क्या होती है ट्राइबल ज्वेलरी?

यशोदा ने बताया कि 'ट्राइबल ज्वेलरी' का काम करती हैं. मतलब वह गहने जो झारखंड के आदिवासी लोग अपनी परंपराओं में इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि ट्राईबल ज्वैलरी चांदी के आभूषणों को कहते हैं और झारखंड के आदिवासी सिर्फ चांदी के ही आभूषण अपनी परंपराओं को सुनने के लिए पहनते हैं.

जानिए क्या है ट्राइबल ज्वैलरी.

आदिवासी आभूषण के डिजाइन आम ज्वेलरी से बिल्कुल अलग होता है. आदिवासी आभूषण की खास बात यह भी बताई गई आदिवासी इलाकों में मार्केट जमीन पर दरी डालकर लगती है और महंगे से महंगे सोना-चांदी जमीन पर ही बैठकर खरीदा जाता है.

जानिए ट्राइबल ज्वैलरी से कितनो को मिला रोजगार.



'सोच को बदला, महिला के हाथ में कमान'

यशोदा ने बताया कि ट्राइबल ज्वेलरी के काम की मदद से 10 महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराती हैं. जिनमें 8 महिलाएं ज्वेलरी बनाने में निपुण तो वहीं दो महिलाएं मार्केटिंग का काम संभालती है. उन्होंने बताया कि ट्राइबल ज्वेलरी का कारोबार कई पुस्तों से चल रहा है, लेकिन कई वर्षों से घर के पुरुष कमान संभाले हुए थे, लेकिन अब घर की बेटी यशोदा ने काम की जिम्मेदारी संभाली है.

जानिए ट्राइबल ज्वैलरी से कितनो को मिला रोजगार.
'महिलाओं को दिया खास संदेश'

झारखंड की यशोदा ने कहा कि महिलाएं खुद में एक शक्ति हैं और उन्हें इस बात को समझना होगा, हिम्मत न हारें. महिलाओं से समाज है, समाज से महिलाएं नहीं है. इसलिए समाज महिला हिम्मत ना हारे और अपने सपनों को साकार करने में जुट जाएं.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने वोकल फ़ॉर लोकल के सपनों को चारचांद लगाने वाली महिला यशोदा इन दिन चर्चाओं में बनी हुई है. झारखंड के रांची से नोएडा आई यशोदा लाखों महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है. झारखंड की यशोदा आदिवासी ज्वैलरी का काम करती हैं और यह इनका पुश्तैनी काम है, लेकिन इसकी खास बात यह है कि पहले दादा यह काम किया करते थे, उसके बाद में पिता ने कमान संभाली और अब घर की बेटी 'यशोदा' ने जिम्मेदारी संभाली है.

दादा, पिता के बाद घर की बेटी ने संभाली कमान
क्या होती है ट्राइबल ज्वेलरी?

यशोदा ने बताया कि 'ट्राइबल ज्वेलरी' का काम करती हैं. मतलब वह गहने जो झारखंड के आदिवासी लोग अपनी परंपराओं में इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि ट्राईबल ज्वैलरी चांदी के आभूषणों को कहते हैं और झारखंड के आदिवासी सिर्फ चांदी के ही आभूषण अपनी परंपराओं को सुनने के लिए पहनते हैं.

जानिए क्या है ट्राइबल ज्वैलरी.

आदिवासी आभूषण के डिजाइन आम ज्वेलरी से बिल्कुल अलग होता है. आदिवासी आभूषण की खास बात यह भी बताई गई आदिवासी इलाकों में मार्केट जमीन पर दरी डालकर लगती है और महंगे से महंगे सोना-चांदी जमीन पर ही बैठकर खरीदा जाता है.

जानिए ट्राइबल ज्वैलरी से कितनो को मिला रोजगार.



'सोच को बदला, महिला के हाथ में कमान'

यशोदा ने बताया कि ट्राइबल ज्वेलरी के काम की मदद से 10 महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराती हैं. जिनमें 8 महिलाएं ज्वेलरी बनाने में निपुण तो वहीं दो महिलाएं मार्केटिंग का काम संभालती है. उन्होंने बताया कि ट्राइबल ज्वेलरी का कारोबार कई पुस्तों से चल रहा है, लेकिन कई वर्षों से घर के पुरुष कमान संभाले हुए थे, लेकिन अब घर की बेटी यशोदा ने काम की जिम्मेदारी संभाली है.

जानिए ट्राइबल ज्वैलरी से कितनो को मिला रोजगार.
'महिलाओं को दिया खास संदेश'

झारखंड की यशोदा ने कहा कि महिलाएं खुद में एक शक्ति हैं और उन्हें इस बात को समझना होगा, हिम्मत न हारें. महिलाओं से समाज है, समाज से महिलाएं नहीं है. इसलिए समाज महिला हिम्मत ना हारे और अपने सपनों को साकार करने में जुट जाएं.

Last Updated : Mar 12, 2021, 8:20 AM IST
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