नोएडा: नोएडा के थाना सेक्टर 20 क्षेत्र के कैलाश अस्पताल में बुधवार की देर रात जमकर हंगामा हुआ. अस्पताल के डॉक्टरों पर दिल्ली की एक प्रसव पीड़ित महिला का दो बार गलत ऑपरेशन करने का आरोप है, जिसके चलते महिला और नवजात शिशु को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. महिला की बिगड़ती हालत देखकर परिवार के लोगों ने डॉक्टरों से सवाल किया, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर परिवार की महिलाएं रो पड़ीं. वहीं अन्य परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया. सूचना मिलने पर प्रसूति एवं महिला रोग विभाग की एचओडी डॉ. उमा शर्मा मौके पर पहुंचीं जो डॉ महेश शर्मा की पत्नी है, जिसके बाद खुद सांसद डॉ. महेश शर्मा (Noida MP Dr Mahesh Sharma) अस्पताल पहुंचे.
बताया गया कि दिल्ली के न्यू अशोक नगर निवासी एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर नोएडा के सेक्टर-27 स्थित कैलाश अस्पताल में 27 अगस्त को भर्ती किया गया था. परिजनों का आरोप है कि कैलाश अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाही की है और गर्भवती महिला का गलत तरीके से ऑपरेशन किया गया है और जच्चा-बच्चा की हालत नाजुक होने पर दोनों को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया दिया है. महिला के भर्ती होने के करीब आठ दिन बाद डॉक्टरों ने बिना किसी को बताए उसका दोबारा ऑपरेशन कर दिया. परिजनों का कहना है कि गलत ऑपरेशन को सुधारने के लिए बिना बताए दोबारा ऑपरेशन किया गया है, जिससे महिला और नवजात शिशु की हालत बिगड़ी.
महिला के परिजनों के हंगामे की सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची. वहीं लोगों ने पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया. परिजनों का कहना है कि डॉ. उमा शर्मा हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं. हालांकि स्थानीय सांसद और कैलाश अस्पताल के मालिक डॉ. महेश शर्मा द्वारा महिला के परिजनों को हाथ जोड़कर आश्वासन दिया गया कि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी और महिला सकुशल घर जाएगी. इसके बाद परिजनों का गुस्सा ठंडा हुआ. महिला का नाम आकांक्षी बताया जा रहा है.
यह भी पढ़ें-Ghaziabad MMG hospital में अलग पर्ची पर दवा लिखकर बाहर से दवा मंगवा रहे डॉक्टर
कैलाश अस्पताल में भर्ती महिला के परिजनों का यह भी आरोप है कि उन्हें डराने की कोशिश की जा रही है और पूरे मामले को दबाया जा रहा है. उनका कहना है कि अगर डॉक्टर महेश शर्मा सांसद हैं तो वह जवाब देने से नहीं बच सकते हैं. महेश शर्मा को अस्पताल में सांसद नहीं, बल्कि डॉक्टर या अस्पताल के मालिक की हैसियत से बात करनी चाहिए. उनके अस्पताल और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हमारे परिवार के 2 सदस्य मौत के मुहाने पर खड़े हुए हैं. ऐसे में भी महेश शर्मा चाहते हैं कि हम प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उनसे दूर खड़े होकर बात करें तो हम ऐसा नहीं कर सकते है, भले ही कुछ भी हो जाए. मामला बढ़ता देख पुलिस विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह मामले को शांत किया.
यह भी पढ़ें-अस्पताल की लापरवाही: दो मासूम 72 घंटे से मां के आंचल से दूर, लड़की को नहीं अपनाना चाह रहे परिवार