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नोएडा के 11 बिल्डरों के खिलाफ UPPCB ने किया CJM कोर्ट में केस

UPPCB की नोएडा इकाई ने एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 के तहत के 11 बिल्डरों के खिलाफ CJM कोर्ट में केस दर्ज कराया है. जो की नोएडा में पहली बार हुआ है.

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Published : Aug 22, 2019, 6:31 PM IST

Uttar Pradesh Pollution Control Board Etv bharat

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) की नोएडा इकाई ने पहली बार एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 के तहत के 11 बिल्डरों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है.

11 बिल्डरों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस दर्ज

एनजीटी के नियमों के उल्लंघन पर 11 बिल्डरों पर गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी की संतुष्टि के बाद कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है.

इन बिल्डरों पर केस दर्ज कराया गया

  • सेक्टर 16 बी शाही एक्सपोर्ट
  • सेक्टर 144 प्लॉट नंबर 7 ऑक्सीजन बिजनेस पार्क
  • सेक्टर 30 एस. टी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड
  • सेक्टर 142 मैसर्स लॉजिक इन्फोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड
  • सेक्टर 150 ब्रिकराइज़ डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड.
  • सेक्टर 134 अजनारा टाइम्स स्क्वायर
  • सेक्टर 62 जयकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
  • सेक्टर 74 सुपरटेक सेक्टर 75 गार्डेनिया गेट वे प्लॉट नंबर 9,10

UPPCB ने नोएडा के इन बिल्डरों के खिलाफ ई. पी एक्ट की धारा 15/16 के तहत केस दर्ज कराया है.

जेल और जुर्माना दोनों है निश्चित

नोएडा क्षेत्राधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि वातावरण को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से कार्रवाई की गई है. NGT के नियमों के उल्लंघन में बिल्डरों पर जुर्माना लगाया गया है और बीट आउट ड्रम भी कराया गया.

उसके बाद भी कोई प्रतिक्रिया ना मिलने पर बिल्डरों खिलाफ सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है. बता दें कि दोषी पाए जाने पर जेल और जुर्माना दोनों ही सजा निश्चित है. अधिकतम सजा ई. पी एक्ट के तहत 5 साल की है.

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) की नोएडा इकाई ने पहली बार एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 के तहत के 11 बिल्डरों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है.

11 बिल्डरों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस दर्ज

एनजीटी के नियमों के उल्लंघन पर 11 बिल्डरों पर गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी की संतुष्टि के बाद कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है.

इन बिल्डरों पर केस दर्ज कराया गया

  • सेक्टर 16 बी शाही एक्सपोर्ट
  • सेक्टर 144 प्लॉट नंबर 7 ऑक्सीजन बिजनेस पार्क
  • सेक्टर 30 एस. टी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड
  • सेक्टर 142 मैसर्स लॉजिक इन्फोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड
  • सेक्टर 150 ब्रिकराइज़ डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड.
  • सेक्टर 134 अजनारा टाइम्स स्क्वायर
  • सेक्टर 62 जयकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
  • सेक्टर 74 सुपरटेक सेक्टर 75 गार्डेनिया गेट वे प्लॉट नंबर 9,10

UPPCB ने नोएडा के इन बिल्डरों के खिलाफ ई. पी एक्ट की धारा 15/16 के तहत केस दर्ज कराया है.

जेल और जुर्माना दोनों है निश्चित

नोएडा क्षेत्राधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि वातावरण को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से कार्रवाई की गई है. NGT के नियमों के उल्लंघन में बिल्डरों पर जुर्माना लगाया गया है और बीट आउट ड्रम भी कराया गया.

उसके बाद भी कोई प्रतिक्रिया ना मिलने पर बिल्डरों खिलाफ सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है. बता दें कि दोषी पाए जाने पर जेल और जुर्माना दोनों ही सजा निश्चित है. अधिकतम सजा ई. पी एक्ट के तहत 5 साल की है.

Intro:उत्तर प्रदेश पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की नोएडा इकाई ने पहली बार एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 के तहत के 11 बिल्डरों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर CJM कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है। NGT के नियमों के उल्लंघन पर 11 बिल्डरों पर गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी की संतुष्टि के बाद कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है। नोएडा जिले में पहली बार ऐसा हुआ है कि 11 बिल्डरों के खिलाफ NGT के उल्लंघन के चलते 11 मुक़दमे CJM कोर्ट में दर्ज कराए गए हैं।


Body:सेक्टर 107 ग्रेट वैल्यू शरणम, सेक्टर 16 बी शाही एक्सपोर्ट, सेक्टर 144 प्लॉट नंबर 7 ऑक्सीजन बिजनेस पार्क, सेक्टर 30 एस. टी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर 142 मैसर्स लॉजिक इन्फोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर 150 ब्रिकराइज़ डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर 134 अजनारा टाइम्स स्क्वायर, सेक्टर 62 जयकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, सेक्टर 74 सुपरटेक, सेक्टर 75 गार्डेनिया गेट वे प्लॉट नंबर 9,10 के खिलाफ ई. पी एक्ट की धारा 15/16 के तहत केस दर्ज कराया गया है।


Conclusion:नोएडा क्षेत्राधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि वातावरण को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से कार्रवाई की गई है। NGT के नियमों के उल्लंघन में बिल्डरों पर जुर्माना लगाया गया, नोटिस भेजे गया और बीट आउट ड्रम भी कराया गया लेकिन उसके बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर उनके खिलाफ सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है।

बता दे कि दोषी पाए जाने पर जेल और जुर्माना दोनों की सजा है। अधिकतम सजा ई. पी एक्ट के तहत 5 साल की है।
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