नई दिल्ली/नोएडा : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) YEIDA को क्षेत्र के सभी प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूलों के साथ पीएचसी और प्राइमरी हेल्थ सेंटर व कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को आधुनिक बनाने (modernize schools and health centers) के निर्देश दिए हैं. इसके बाद प्राधिकरण एक्शन में आ गया. अधिकारियों ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी है. इन स्वास्थ्य केंद्रों और स्कूलो में क्या-क्या काम किए जाने हैं, इसका भी ब्यौरा मांगा है. जानकारी मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा. यह जानकारी प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने दी.
यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण स्वास्थ्य और शिक्षा पर देगा ध्यान : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्राथमिक और स्वास्थ्य केंद्रों की दशा सुधारने के निर्देश दिए है. यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राधिकरण क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले सभी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों को 'ऑपरेशन कायाकल्प' के तहत आधुनिक बनाने के निर्देश दिए हैं. इस ऑपरेशन के तहत कुल 14 मानक तय किए गए हैं, जिनमें कमरों का निर्माण, बिजली, पानी, शौचालय और रंगाई पुताई आदि का काम शामिल है.
उन्होंने बताया कि इस काम को 30 सितंबर तक पूरा करने के लिए पूरे क्षेत्र को आठ जोन में बांटा गया है. CEO डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में कुल 96 गांव हैं, लेकिन कुछ गांव ऐसे हैं, जहां एक से अधिक स्कूल हैं. यानी कुल 121 स्कूलों का कायाकल्प 30 सितंबर तक कर दिया जाएगा. प्राधिकरण के डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि सभी प्राइमरी हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को भी आधुनिक बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि सभी पीएचसी और सीएचसी के भवनों को दुरुस्त कराने के साथ ही हेल्थ एटीएम लगाने को कहा गया है. उस हेल्थ एटीएम के साथ टेली मैक्सिंग और टेली कंसल्टेंसी को जोड़ने के निर्देश दिए हैं. जल्दी इस पर काम शुरू हो जाएगा और व्यवस्थाएं और बेहतर हो जाएंगी.
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प्राधिकरण के सीईओ का है ये कहना : प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस काम को भी दो से तीन माह में पूरा करा लिया जाएगा. इसके लिए सीएसआर के तहत फंड की व्यवस्था की जाएगी. अगर किसी कारण सीएसआर से फंड की व्यवस्था नहीं हुई तो प्राधिकरण अपने संसाधनों से धन की व्यवस्था करेगा. प्राधिकरण पहले से ही क्षेत्र के सभी गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने का काम कर रहा है, इसलिए इस काम में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी और आसानी से काम पूरा किया जाएगा.
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