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तीन महीने में नहीं हट पाएगा ट्विन टावर का मलबा, लग सकता है इतना दिन

नोएडा के सेक्टर 93a स्थित ट्विन टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त किया गया. ध्वस्तीकरण से पूर्व एडिफिस कंपनी ने दावा किया गया था कि तीन महीने में मलबे को हटा दिया जाएगा, लेकिन 44 दिन बीतने के बाद भी अभी तक सिर्फ 4000 टन मलबा हटाया गया है.

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ट्विन टावर का मलबा
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Published : Oct 12, 2022, 5:59 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा की बहुचर्चित बहुमंजिला इमारत ट्विन टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था. इसके बाद से ट्विन टावर का मलबा हटाने का काम शुरू किया. एडिफिस कंपनी ने 90 दिनों में मलबा हटाने का दावा किया था, जिसमें 80,000 टन मलबा होने की बात कही गई है. 44 दिन बीतने के बाद भी अभी तक सेक्टर 93a स्थित ट्विन टावर से महज 4000 टन मलबा हटाया गया है.

यहां सवा 200 मजदूरों की मदद से दो दर्जन गैस कटर, सरिया काटने की मशीन और पॉपलिन लगाकर काम किया जा रहा है. जिस धीमी गति से मलबा हटाया जा रहा है, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि तीन महीने मलबा हटा पाना संभव नहीं है. एडिफिस कंपनी के कर्मचारियों की माने तो पूरी तरीके से मलबा हटाने का काम जनवरी तक पूरा हो पाएगा.

बता दें, ट्विन टावर से 80,000 टन मलबा होने का दावा किया गया था. इसमें से 50, 000 टन मलबा टावर के डबल फ्लोर की बेसमेंट पार्किंग को भरने में प्रयोग किया जाएगा, शेष 30,000 टन मलबा बाहर जाएगा. इसमें सरिया और कंक्रीट निकाला जाएगा. 44 दिन में अभी तक 1000 टन स्क्रैप निकाला गया है, जिसको करीब चार करोड़ रुपए में बेचा गया है.

वहीं, 3000 टन कंक्रीट निकाला गया है, जिसको सेक्टर 80 स्थित सी&डी मिक्सिंग प्लांट में भेजा गया है. मलबा हटाने के दौरान एडिफिस कंपनी को कई अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है.

ट्विन टावर का मलबा

ये भी पढ़ें : खबर का असर : ट्विन टावर से मलबा निकालना शुरू, अब तक बन चुकी है 2000 टाइल्स

वहीं, एडिफिस कंपनी के सुपरवाइजर पंकज सिंह का कहना है कि मलबा हटाने के लिए 9 पॉपलिन मशीन लगाई गई है, 22 गैस कटर और 8 मशीन सरिया काटने के लिए लगाई गई है, 235 के करीब मजदूरों की संख्या है, जिनकी मदद से सुबह 8 बजे से रात के 8 बजे तक काम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि मलबा हटाने में कई अड़चनें सामने आ रही है, जिसमें सबसे बड़ी अड़चन कंक्रीट को हटाने की है. नोएडा प्राधिकरण के नियम के अनुसार कंक्रीट को सिर्फ सेक्टर 80 स्थित सी&डी मिक्सिंग प्लांट ही भेजना है. जहां माल की अत्यधिक खपत नहीं हो पा रही है, जिसके चलते मौके पर कंक्रीट डंप होने लगा. साथ ही अन्य अड़चनें हैं जो काम को प्रभावित कर रही है. इसके चलते तीन महीने में मलबा हटा पाना संभव नहीं हो पाएगा.

नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा की बहुचर्चित बहुमंजिला इमारत ट्विन टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था. इसके बाद से ट्विन टावर का मलबा हटाने का काम शुरू किया. एडिफिस कंपनी ने 90 दिनों में मलबा हटाने का दावा किया था, जिसमें 80,000 टन मलबा होने की बात कही गई है. 44 दिन बीतने के बाद भी अभी तक सेक्टर 93a स्थित ट्विन टावर से महज 4000 टन मलबा हटाया गया है.

यहां सवा 200 मजदूरों की मदद से दो दर्जन गैस कटर, सरिया काटने की मशीन और पॉपलिन लगाकर काम किया जा रहा है. जिस धीमी गति से मलबा हटाया जा रहा है, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि तीन महीने मलबा हटा पाना संभव नहीं है. एडिफिस कंपनी के कर्मचारियों की माने तो पूरी तरीके से मलबा हटाने का काम जनवरी तक पूरा हो पाएगा.

बता दें, ट्विन टावर से 80,000 टन मलबा होने का दावा किया गया था. इसमें से 50, 000 टन मलबा टावर के डबल फ्लोर की बेसमेंट पार्किंग को भरने में प्रयोग किया जाएगा, शेष 30,000 टन मलबा बाहर जाएगा. इसमें सरिया और कंक्रीट निकाला जाएगा. 44 दिन में अभी तक 1000 टन स्क्रैप निकाला गया है, जिसको करीब चार करोड़ रुपए में बेचा गया है.

वहीं, 3000 टन कंक्रीट निकाला गया है, जिसको सेक्टर 80 स्थित सी&डी मिक्सिंग प्लांट में भेजा गया है. मलबा हटाने के दौरान एडिफिस कंपनी को कई अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है.

ट्विन टावर का मलबा

ये भी पढ़ें : खबर का असर : ट्विन टावर से मलबा निकालना शुरू, अब तक बन चुकी है 2000 टाइल्स

वहीं, एडिफिस कंपनी के सुपरवाइजर पंकज सिंह का कहना है कि मलबा हटाने के लिए 9 पॉपलिन मशीन लगाई गई है, 22 गैस कटर और 8 मशीन सरिया काटने के लिए लगाई गई है, 235 के करीब मजदूरों की संख्या है, जिनकी मदद से सुबह 8 बजे से रात के 8 बजे तक काम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि मलबा हटाने में कई अड़चनें सामने आ रही है, जिसमें सबसे बड़ी अड़चन कंक्रीट को हटाने की है. नोएडा प्राधिकरण के नियम के अनुसार कंक्रीट को सिर्फ सेक्टर 80 स्थित सी&डी मिक्सिंग प्लांट ही भेजना है. जहां माल की अत्यधिक खपत नहीं हो पा रही है, जिसके चलते मौके पर कंक्रीट डंप होने लगा. साथ ही अन्य अड़चनें हैं जो काम को प्रभावित कर रही है. इसके चलते तीन महीने में मलबा हटा पाना संभव नहीं हो पाएगा.

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