ETV Bharat / city

थानों में धूल फांक रहीं 'स्वयं सिद्धा' पेट्रोलिंग स्कूटी, ताक पर महिला सुरक्षा - महिला सुरक्षा स्कूटी नोएडा

गौतम बुद्ध नगर जिले में महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात की गई "स्वयं सिद्धा" पेट्रोलिंग स्कूटी थानों में धूल फांकती खड़ी हुई हैं. पुलिस कर्मियों का कहना है कि जिन महिला पुलिस कर्मियों की ड्यूटी इसमें लगाई गई है, उसमें से कई को स्कूटी चलानी ही नहीं आती, वहीं जिनसे आती है, वो स्वयं की स्कूटी से चलती हैं, ऐसे में स्वयं सिद्धा थानों में खड़ी हुई हैं.

"Swayam Siddha" patrolling Scooty standing in police stations noida
थानों में धूल फांक रहीं "स्वयं सिद्धा" पेट्रोलिंग स्कूटी
author img

By

Published : Apr 3, 2021, 8:48 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गौतम बुद्ध नगर जिले में महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाले अपराध को रोकने के लिए स्वयं सिद्धा नाम से पेट्रोलिंग स्कूटी चलाई गई. ये स्कूटी हॉटस्पाट वाले 22 थानों में चलाई जानी थीं और हर स्कूटी में दो महिला कांस्टेबल तैनात की गईं थीं,जिन्हें भीड़-भाड़, बाजारों, मॉल, सुनसान एरिया सहित अन्य जगहों पर महिलाओं की रक्षा करनी थी. शुरुआत में ऐसा हुआ भी लेकिन अब ये स्वयं सिद्धा थानों में धूल फांकती खड़ी हुई हैं.

थानों में धूल फांक रहीं "स्वयं सिद्धा" पेट्रोलिंग स्कूटी

1 अगस्त को हुई थी शुरुआत

स्वयं सिद्धा को 8 माह पहले 1 अगस्त 2020 को पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने सेक्टर 108 स्थित कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था. यह स्कूटी करीब 163 हॉट स्पॉट एरिया को चिन्हित करके वहां पर निगरानी करने के लिए चलाई गई थीं. लेकिन शुरुआत के कुछ महीनों तक सड़कों पर और संवेदनशील जगहों पर पेट्रोलिंग करती हुई स्वंय सिद्धा देखी गई, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए वैसे-वैसे थानों पर स्वयं सिद्धा खड़ी होने लगी और आज की स्थिति यह हो गई है कि थाने पर अगर 9 स्कूटी है तो उसमें से ज्यादातर थानों पर खड़ी हैं.

इसे भी पढ़ें- सीलमपुर में फायरिंग और पुलिस कार्य में बाधा डालने वाले गिरफ्तार

सिर्फ कागजों में है टीम

पेट्रोलिंग स्कूटी स्वयं सिद्धा को चलाने के लिए टीम में महिला उप निरीक्षक, मुख्य आरक्षक और आरक्षक की टीम बनाई गई थी, लेकिन वह टीम अब केवल कागजों में ही सीमित रह गई है. गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरी में चलाई गई इस योजना की तरफ अगर देखा जाए तो अधिकारियों से लेकर उनका भी ध्यान नहीं जा रहा है, जिन्हें यह स्वयं सिद्धा सौंपी गई थी.

थानों पर क्यों खड़ी हैं स्वयं सिद्धा

जब इस मामले में थाने के पुलिस कर्मियों से जानकारी ली गई तो उन्होंने कैमरे पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन ऑफ कैमरा उन्होंने बताया कि महिला पुलिस कर्मियों के अभाव में ज्यादातर स्कूटी खड़ी हैं. इसके साथ ही जो महिला पुलिसकर्मी थाने पर हैं उन्हें स्कूटी चलानी नहीं आती है. जो स्कूटी चलाना जानती भी हैं, वह अपनी स्वयं की स्कूटी या अन्य गाड़ियों से चलती हैं, जिसके चलते स्वयं सिद्धा को थानों पर खड़ा करना पड़ा है.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतम बुद्ध नगर जिले में महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाले अपराध को रोकने के लिए स्वयं सिद्धा नाम से पेट्रोलिंग स्कूटी चलाई गई. ये स्कूटी हॉटस्पाट वाले 22 थानों में चलाई जानी थीं और हर स्कूटी में दो महिला कांस्टेबल तैनात की गईं थीं,जिन्हें भीड़-भाड़, बाजारों, मॉल, सुनसान एरिया सहित अन्य जगहों पर महिलाओं की रक्षा करनी थी. शुरुआत में ऐसा हुआ भी लेकिन अब ये स्वयं सिद्धा थानों में धूल फांकती खड़ी हुई हैं.

थानों में धूल फांक रहीं "स्वयं सिद्धा" पेट्रोलिंग स्कूटी

1 अगस्त को हुई थी शुरुआत

स्वयं सिद्धा को 8 माह पहले 1 अगस्त 2020 को पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने सेक्टर 108 स्थित कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था. यह स्कूटी करीब 163 हॉट स्पॉट एरिया को चिन्हित करके वहां पर निगरानी करने के लिए चलाई गई थीं. लेकिन शुरुआत के कुछ महीनों तक सड़कों पर और संवेदनशील जगहों पर पेट्रोलिंग करती हुई स्वंय सिद्धा देखी गई, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए वैसे-वैसे थानों पर स्वयं सिद्धा खड़ी होने लगी और आज की स्थिति यह हो गई है कि थाने पर अगर 9 स्कूटी है तो उसमें से ज्यादातर थानों पर खड़ी हैं.

इसे भी पढ़ें- सीलमपुर में फायरिंग और पुलिस कार्य में बाधा डालने वाले गिरफ्तार

सिर्फ कागजों में है टीम

पेट्रोलिंग स्कूटी स्वयं सिद्धा को चलाने के लिए टीम में महिला उप निरीक्षक, मुख्य आरक्षक और आरक्षक की टीम बनाई गई थी, लेकिन वह टीम अब केवल कागजों में ही सीमित रह गई है. गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरी में चलाई गई इस योजना की तरफ अगर देखा जाए तो अधिकारियों से लेकर उनका भी ध्यान नहीं जा रहा है, जिन्हें यह स्वयं सिद्धा सौंपी गई थी.

थानों पर क्यों खड़ी हैं स्वयं सिद्धा

जब इस मामले में थाने के पुलिस कर्मियों से जानकारी ली गई तो उन्होंने कैमरे पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन ऑफ कैमरा उन्होंने बताया कि महिला पुलिस कर्मियों के अभाव में ज्यादातर स्कूटी खड़ी हैं. इसके साथ ही जो महिला पुलिसकर्मी थाने पर हैं उन्हें स्कूटी चलानी नहीं आती है. जो स्कूटी चलाना जानती भी हैं, वह अपनी स्वयं की स्कूटी या अन्य गाड़ियों से चलती हैं, जिसके चलते स्वयं सिद्धा को थानों पर खड़ा करना पड़ा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.