नई दिल्ली/नोएडा: कोरोना वायरस चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने नया कानून बनाया है. उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को कैबिनेट ने मंजूरी दी है.
कोरोना वॉरिर्यस पर हमले पर सजा
उक्त जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि नए कानून के तहत स्वास्थ्यकर्मी, पैरामेडिकल कर्मियों, पुलिसकर्मियों, स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन द्वारा तैनात किए गए इन लोगों पर अगर हमला या बदसलूकी की तो छह महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
थूकने पर भी होगी कार्रवाई
आलोक सिंह ने बताया कि इसके अतिरिक्त थूकने या किसी तरह की गंदगी फैलाने और क्वारंटाइन के दौरान आइसोलेशन तोड़ने और इसके खिलाफ हमले या बदसलूकी के लिए भड़काने वाले पर भी कड़ी कार्यवाई होगी.
इसके लिए 2 से 5 वर्ष तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया कि क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर 1 से 3 साल की सजा और जुर्माना 10 हजार रुपए से 1 लाख तक का होगा.
अश्लील अभद्र आचरण करने पर 1 से 3 साल की सजा और 50 हजार रुपए से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना होंगे और लॉकडाउन तोड़ने तथा बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान किया गया है.
कोरोना होने पर छुपे तो ये सजा
पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छुपाएगा तो उसे एक से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार से 1 लाख तक का जुर्माना देना होगा. अगर कोरोना मरीज जानबूझकर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करता है, तो उसके लिए 1 से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से दो लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है.