नई दिल्ली/नोएडा: देश को आजाद कराने में नोएडा के गांव नलगढ़ा की बड़ी भूमिका रही. इसी गांव में क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव ने बम बनाया और गांव में तकरीबन 3 वर्षों तक छिपे रहे थे. नोएडा के सेक्टर 145 के नलगढ़ा गांव में ही अंग्रेज सेना पर हमला करने की योजना भी बनाई गई थी. बम बनाने के लिए बारूद और अन्य सामग्रियों को जिस पत्थर पर रखकर मिलाया जाता था वो पत्थर आज भी इस गांव में मौजूद है.
नोएडा के इसी गांव में भगत सिंह ने बम फेंकने की बनाई थी योजना
नोएडा के गांव नलगढ़ा में क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव ने बम बनाया और गांव में तकरीबन 3 वर्षों तक छिपे रहे थे. नलगढ़ा गांव के निवासी लगातार यहां पर शहीद भगत सिंह पार्क की मांग करते रहे. लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण यह पार्क अभी भी नहीं बना है.
नलगढ़ा गांव शहीद भगत सिंह
नई दिल्ली/नोएडा: देश को आजाद कराने में नोएडा के गांव नलगढ़ा की बड़ी भूमिका रही. इसी गांव में क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव ने बम बनाया और गांव में तकरीबन 3 वर्षों तक छिपे रहे थे. नोएडा के सेक्टर 145 के नलगढ़ा गांव में ही अंग्रेज सेना पर हमला करने की योजना भी बनाई गई थी. बम बनाने के लिए बारूद और अन्य सामग्रियों को जिस पत्थर पर रखकर मिलाया जाता था वो पत्थर आज भी इस गांव में मौजूद है.
बताया जाता है कि सेक्टर 145 नलगढ़ा गांव में गुरुद्वारे में पत्थर मौजूद है. पत्थर में दो गड्ढे हैं, जिनमें बारूद को मिलाया जाता था. हालांकि यह जगह आज भी लोगों की नजरों से ओझल है. नलगढ़ा गांव के निवासी लगातार यहां पर शहीद भगत सिंह पार्क की मांग करते रहे. लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण यह पार्क अभी भी नहीं बना है. बता दें कि असेंबली में बम फेंकने से पहले यहीं पर क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह ने प्रशिक्षण किया और बम तैयार किया था. 'गांव में बनाई योजना और किया प्रशिक्षण'
नोएडा - ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के किनारे बसा नलगढ़ा गांव पहले हरनंदी और यमुना नदी के बीच पड़ता था. यहां नदी के बीच में से और घने जंगल से होकर गांव में पहुंचना पड़ता था. घना जंगल होने के कारण यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. ऐसे में गांव में क्रांतिकारियों ने ठिकाना बनाया और अंग्रेजों से लड़ाई की योजना बनाई थी.
बताया जाता है कि सेक्टर 145 नलगढ़ा गांव में गुरुद्वारे में पत्थर मौजूद है. पत्थर में दो गड्ढे हैं, जिनमें बारूद को मिलाया जाता था. हालांकि यह जगह आज भी लोगों की नजरों से ओझल है. नलगढ़ा गांव के निवासी लगातार यहां पर शहीद भगत सिंह पार्क की मांग करते रहे. लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण यह पार्क अभी भी नहीं बना है. बता दें कि असेंबली में बम फेंकने से पहले यहीं पर क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह ने प्रशिक्षण किया और बम तैयार किया था. 'गांव में बनाई योजना और किया प्रशिक्षण'
नोएडा - ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के किनारे बसा नलगढ़ा गांव पहले हरनंदी और यमुना नदी के बीच पड़ता था. यहां नदी के बीच में से और घने जंगल से होकर गांव में पहुंचना पड़ता था. घना जंगल होने के कारण यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. ऐसे में गांव में क्रांतिकारियों ने ठिकाना बनाया और अंग्रेजों से लड़ाई की योजना बनाई थी.