नई दिल्ली/नोएडा: देशभर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में मुनाफाखोर भी सक्रिय हो गए हैं. कई लोग कालाबाजारी पर उतर आये हैं, तो कई मजबूरी का फायदा उठाकर लोगों से अधिक पैसे ऐंठ रहे हैं. एंबुलेंस द्वारा ओवररेटिंग और मनमाने ढंग से पैसा वसूलने की खबरें भी देखी जा रही हैं. वहीं, कुछ लोग महामारी के इस बुरे वक्त में लोगों का सहारा बन रहे हैं. इसी कड़ी में नोएडा के सद्भावना सेवा संस्था द्वारा देशभर के 11 राज्यों में तकरीबन 300 एंबुलेंस की फ्री सेवा लोगों को पहुंचाई जा रही है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर में करीब 20 से ज्यादा एंबुलेंस सड़कों पर दौड़ रही है और जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रही है. मरीजों को हॉस्पिटल और कोविड संक्रमितों की डेड बॉडी को श्मशान पहुंचाने का कार्य कर रही है. यह सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है.
इस वजह से शुरू की नि:शुल्क सेवा
नोएडा की सद्भावना सेवा संस्था के चेयरमैन अनिल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कारवां 10 दिसंबर, 2010 से शुरू किया गया, जब उनके छोटे भाई की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई, 3 घंटे तक छोटा भाई सड़क पर पड़ा रहा लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया, उनका कहना है कि वक्त पर अगर एंबुलेंस पहुंच जाती तो शायद आज उनके भाई की जान बच जाती. ऐसे में अनिल के मन में एक कसक थी कि सड़क दुर्घटना वाले किसी भी व्यक्ति की जान ना जाए, जिसको ध्यान में रखते हुए एंबुलेंस सेवा शुरू की गई, लेकिन कोरोना काल के दौरान सभी एंबुलेंस मरीजों को नि:शुल्क हॉस्पिटल तक पहुंचाने का कार्य कर रही है.
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ओवर रेटिंग करने वालों के लिए संदेश
ओवर रेटिंग और अवैध रूप से चार्ज वसूली करने वाले एंबुलेंस चालकों को सद्भावना सेवा संस्था के चेयरमैन ने संदेश देते हुए कहा कि आपदा की घड़ी में किसी के साथ नाज़ायज़ न करें. नाज़ायज़ पैसा किसी के काम नहीं आता है, पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी है, आईसीयू/वेंटीलेटर बेड्स की कमी है, दवाइयों की कालाबाजारी से लोग परेशान हैं और ऐसे में अगर एंबुलेंस चालक भी अवैध रूप से चार्ज करेंगे तो पीड़ित परिवार को बहुत कष्ट पहुंचेगा, इसलिए ओवर रेटिंग करने वाले सभी एंबुलेंस चालकों से निवेदन है कि इस आपदा की घड़ी में अवसर न ढूंढें.