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बजट 2020: नोएडा के किसान बोले- हमारे लिए ये जीरो बजट

बजट 2020 पर किसानों ने कहा कि पिछले कई वर्षों बजट को देख रहे हैं. लेकिन किसी भी सरकार ने फसल बेचने की प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया है.

farmers reactions on budget 2020 in noida
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Published : Feb 1, 2020, 4:50 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. बजट भाषण के दौरान कई बड़े ऐलान किए गए. अब बजट के बारे में किसानों ने अपनी राय रखी. किसानों ने कहा कि उनके हाथ निराशा लगी है और ये बजट किसानों के लिए जीरो बजट साबित हुआ है.

'फसल बेचने की प्रणाली में नहीं कोई बदलाव'

'जीरो बजट है ये'
किसानों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो इस बजट को जीरो बजट की तरह देखते हैं. किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना देने की बात कही गई. न तो सरकार वो दे पाई और न ही सरकार स्वामीनाथन की रिपोर्ट की सिफारिशें लागू कर पाई है. सरकार किसानों की फसल MSP पर नहीं खरीद पाती. आवारा पशुओं की समस्या पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा.

'फसल बेचने की प्रणाली में नहीं कोई बदलाव'
किसानों ने कहा कि पिछले कई वर्षों बजट को देख रहे हैं. लेकिन किसी भी सरकार ने फसल बेचने की प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया है. उन्होंने कहा कि किसान की फसल का लागत मूल्य बढ़ गया है. लेकिन सरकार ने न पेट्रोल-डीजल, न बिजली के दामों में किसानों को कोई छूट ही दी है. अनाज भंडारण की कोई व्यवस्था नहीं है.

किसानों ने सवाल करते हुए पूछा कि ये इतिहास का सबसे बड़ा बजट है. लेकिन किसानों के लिये किस मद में कितना क्रय किया जाएगा इसका कोई लेखा-जोखा नहीं दिया गया.

नई दिल्ली/नोएडा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. बजट भाषण के दौरान कई बड़े ऐलान किए गए. अब बजट के बारे में किसानों ने अपनी राय रखी. किसानों ने कहा कि उनके हाथ निराशा लगी है और ये बजट किसानों के लिए जीरो बजट साबित हुआ है.

'फसल बेचने की प्रणाली में नहीं कोई बदलाव'

'जीरो बजट है ये'
किसानों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो इस बजट को जीरो बजट की तरह देखते हैं. किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना देने की बात कही गई. न तो सरकार वो दे पाई और न ही सरकार स्वामीनाथन की रिपोर्ट की सिफारिशें लागू कर पाई है. सरकार किसानों की फसल MSP पर नहीं खरीद पाती. आवारा पशुओं की समस्या पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा.

'फसल बेचने की प्रणाली में नहीं कोई बदलाव'
किसानों ने कहा कि पिछले कई वर्षों बजट को देख रहे हैं. लेकिन किसी भी सरकार ने फसल बेचने की प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया है. उन्होंने कहा कि किसान की फसल का लागत मूल्य बढ़ गया है. लेकिन सरकार ने न पेट्रोल-डीजल, न बिजली के दामों में किसानों को कोई छूट ही दी है. अनाज भंडारण की कोई व्यवस्था नहीं है.

किसानों ने सवाल करते हुए पूछा कि ये इतिहास का सबसे बड़ा बजट है. लेकिन किसानों के लिये किस मद में कितना क्रय किया जाएगा इसका कोई लेखा-जोखा नहीं दिया गया.

Intro:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। बजट भाषण के दौरान कई बड़े ऐलान किए गए लेकिन बजट के बारे में किसान क्या कहते आइये उन्हीं से जानते हैं। किसानों ने उनके हाथ निराशा हाथ लगी है और ये बजट किसानों के लिए जीरो बजट साबित हुआ है।


Body:"जीरो बज़ट"
किसानों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो इस बजट को जीरो बजट की तरह देखते हैं। किसानों को उसकी लागत का डेढ़ गुना देने की बात कही गई न तो सरकार वो दे पाई और न सरकार स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू कर पाई है। सरकार किसानों की फसल MSP पर नहीं खरीद पाती, आवारा पशुओं की समस्या पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं बोला।

"बातों का बज़ट"
किसान ने कहा कि पिछले कई वर्षों बजट को देख रहे हैं लेकिन किसी भी सरकार हर फसल बेचने की प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि किसान की फसल का लागत मूल्य बढ़ गया है लेकिन सरकार ने ना पेट्रोल-डीजल, ना बिजली के दामों में किसानों को कोई छूट दी है। अनाज़ भंडारण की कोई व्यवस्था नहीं है।




Conclusion:किसानों ने सवाल करते हुए पूछा कि ये इतिहास का सबसे बड़ा बजट लेकिन किसानों के लिये किस मद में कितना क्रय किया जाएगा इसका लेखा-जोखा नहीं दिया गया।
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