नई दिल्ली/नोएडा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. बजट भाषण के दौरान कई बड़े ऐलान किए गए. अब बजट के बारे में किसानों ने अपनी राय रखी. किसानों ने कहा कि उनके हाथ निराशा लगी है और ये बजट किसानों के लिए जीरो बजट साबित हुआ है.
'जीरो बजट है ये'
किसानों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो इस बजट को जीरो बजट की तरह देखते हैं. किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना देने की बात कही गई. न तो सरकार वो दे पाई और न ही सरकार स्वामीनाथन की रिपोर्ट की सिफारिशें लागू कर पाई है. सरकार किसानों की फसल MSP पर नहीं खरीद पाती. आवारा पशुओं की समस्या पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा.
'फसल बेचने की प्रणाली में नहीं कोई बदलाव'
किसानों ने कहा कि पिछले कई वर्षों बजट को देख रहे हैं. लेकिन किसी भी सरकार ने फसल बेचने की प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया है. उन्होंने कहा कि किसान की फसल का लागत मूल्य बढ़ गया है. लेकिन सरकार ने न पेट्रोल-डीजल, न बिजली के दामों में किसानों को कोई छूट ही दी है. अनाज भंडारण की कोई व्यवस्था नहीं है.
किसानों ने सवाल करते हुए पूछा कि ये इतिहास का सबसे बड़ा बजट है. लेकिन किसानों के लिये किस मद में कितना क्रय किया जाएगा इसका कोई लेखा-जोखा नहीं दिया गया.