नई दिल्ली/गाजियाबाद: 10 वें दौर की वार्ता में केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए तीनों कानूनों को डेढ़ वर्ष तक निलंबित रखे जाने के प्रस्ताव रखा गया था. केंद्र सरकार द्वारा रखे गए प्रस्तावों पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को कई घंटों आम सभा चली, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा रखे गए प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि आज केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को डेढ़ वर्ष तक निलंबित किए जाने के प्रस्ताव पर सभी किसानों से बातचीत की गई. जिसमें किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक तीनों कानूनों की वापसी नहीं होती है और न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार कानून नहीं बनाती है. तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा.
किसानों से राकेश टिकैत ने की अपील
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा दसवें दौर की वार्ता में सरकार ने जो प्रस्ताव रखा था, उसको किसानों ने खारिज कर दिया है. 11 वें दौर की वार्ता में अगर सरकार द्वारा कोई प्रस्ताव रखा जाएगा तो, उस पर किसान विचार करेगा. गांवों से आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे किसानों से राकेश टिकैत ने अपील की है कि तमाम किसान खाने पीने का सामान राशन आदि साथ लेकर आएं, साथ ही बारिश से बचने के लिए ट्रॉलियों के ऊपर त्रिपाल जरूर लगाकर आएं.