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'मैं किसानों की निशानी के रूप में इन पौधों की निगरानी कर रहा हूं'

प्रदर्शन के दौरान एक दिन किसानों ने सरकार को उनकी अहमियत बताते हुए पार्क के कुछ स्थानों पर सब्जी के बीज बोने का काम किया था. उन बीजों ने अंकुरित होकर अब पौधे का रूप ले लिया है. किसानों की इस बुआई और बीज से बने पौधे की निगरानी भले ही किसान यहां से जाने के बाद नहीं कर पाए. लेकिन पार्क में तैनात गार्ड राजू झा उन पौधों की निगरानी करने में लगे हुए हैं.

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Published : Jan 29, 2021, 10:35 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: कृषि कानून के विरोध में नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने 58 दिनों तक लगातार धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसान कुछ न कुछ नया करने का काम करते थे, ताकि सरकार का ध्यान आकर्षित हो. किसानों ने ऐसा ही कुछ चिल्ला बॉर्डर से सटे हुए एक पार्क में किया. पार्क के गार्ड ने किसानों की एक निशानी और याद के रूप में संजो रखा है.

किसानों द्वारा लगाए गए बीज हुए अंकुरित

सरकार को अहमियत बताने को लगाए पौधे

प्रदर्शन के दौरान एक दिन किसानों ने सरकार को उनकी अहमियत बताते हुए पार्क के कुछ स्थानों पर सब्जी के बीज बोने का काम किया था. उन बीजों ने अंकुरित होकर अब पौधे का रूप ले लिया है. किसानों की इस बुआई और बीज से बने पौधे की निगरानी भले ही किसान यहां से जाने के बाद नहीं कर पाए. लेकिन पार्क में तैनात गार्ड राजू झा उन पौधों की निगरानी करने में लगे हुए हैं. राजू रोजाना सुबह-शाम पौधों को पानी देने का काम करते हैं.


'किसानों की निशानी हैं ये पौधे'

पार्क के गार्ड राजू का कहना है कि 58 दिनों में किसानों के बीच रहना और उनका खाना खाने के साथ ही उनके बीच रहने से काफी लगाव हो गया था. उनके द्वारा पार्क में बोए गए बीज अब अंकुरित हो गए हैं. जिसमें पानी देकर उनकी निशानी को याद के रूप में मानकर पौधों को पानी देने का काम करता हूं. राजू ने बताया कि प्रदर्शनकारी किसानों ने पार्क में सरसों, धनिया, मेथी और सरसों समेत कई अन्य चीजों के बीज बोए गए हैं, जो रोज पानी देने के बाद अब हरे-भरे हो गए हैं.

नई दिल्ली/नोएडा: कृषि कानून के विरोध में नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने 58 दिनों तक लगातार धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसान कुछ न कुछ नया करने का काम करते थे, ताकि सरकार का ध्यान आकर्षित हो. किसानों ने ऐसा ही कुछ चिल्ला बॉर्डर से सटे हुए एक पार्क में किया. पार्क के गार्ड ने किसानों की एक निशानी और याद के रूप में संजो रखा है.

किसानों द्वारा लगाए गए बीज हुए अंकुरित

सरकार को अहमियत बताने को लगाए पौधे

प्रदर्शन के दौरान एक दिन किसानों ने सरकार को उनकी अहमियत बताते हुए पार्क के कुछ स्थानों पर सब्जी के बीज बोने का काम किया था. उन बीजों ने अंकुरित होकर अब पौधे का रूप ले लिया है. किसानों की इस बुआई और बीज से बने पौधे की निगरानी भले ही किसान यहां से जाने के बाद नहीं कर पाए. लेकिन पार्क में तैनात गार्ड राजू झा उन पौधों की निगरानी करने में लगे हुए हैं. राजू रोजाना सुबह-शाम पौधों को पानी देने का काम करते हैं.


'किसानों की निशानी हैं ये पौधे'

पार्क के गार्ड राजू का कहना है कि 58 दिनों में किसानों के बीच रहना और उनका खाना खाने के साथ ही उनके बीच रहने से काफी लगाव हो गया था. उनके द्वारा पार्क में बोए गए बीज अब अंकुरित हो गए हैं. जिसमें पानी देकर उनकी निशानी को याद के रूप में मानकर पौधों को पानी देने का काम करता हूं. राजू ने बताया कि प्रदर्शनकारी किसानों ने पार्क में सरसों, धनिया, मेथी और सरसों समेत कई अन्य चीजों के बीज बोए गए हैं, जो रोज पानी देने के बाद अब हरे-भरे हो गए हैं.

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