नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली एनसीआर का सबसे प्रदूषित जिला नोएडा और ग्रेटर नोएडा 'गैस चैंबर' में तब्दील हो चुका है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पाबंदी के बावजूद एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ता जा रहा है. हवा जहरीली होती जा रही, शहरवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाने के बाद भी जिले भर में कूड़ा जलाने से लेकर निर्माण स्थलों पर GRAP (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) के नियमों का उल्लंघन बदस्तूर जारी है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा एयर क्वालिटी इंडेक्स 'बेहद खतरनाक श्रेणी' में है. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक ग्रेटर नोएडा का AQI 470 और नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 498 के पार है.
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन इंस्टॉल किए हैं. जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन का AQI 482, सेक्टर 125 और सेक्टर 1 स्टेशन काम नहीं कर रहा और सेक्टर 116 में 499 AQI दर्ज किया गया है. जिले की सेहत नाज़ुक होती जा रही है. अगर इस ओर जिला प्रशासन ध्यान नहीं देगा तो हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी और लोगों की समस्याएं बढ़ेंगी. लगातार बढ़ता AQI जिला प्रशासन के लिए रेड अलर्ट है.
ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं, जिसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 471 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 464 दर्ज़ किया गया है. ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयां और कंस्ट्रक्शन साइट ज्यादा संख्या में है. ऐसे में ग्रुप के नियमों का सख्ती से पालन में उसको अथॉरिटीज को सुनिश्चित करना होगा ताकि लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सके.
खतरनाक ढूंढ का डेरा
गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास एल.वाई लगातार सख्त कार्रवाई और नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ FIR की कार्रवाई की बात कर रहे हैं. DM ने प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में सभी शहरवासियों का भी साथ मांगा और स्पष्ट किया कि जो लोग नियमों की अनदेखी करेंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. 15 अक्टूबर से जिले में GRAP ( ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू है. हाउसिंग सोसायटी और हाई राइज सोसायटी में डीजल जनरेटर पूरी तरीके से प्रतिबंधित है ऐसे में उसकी अनदेखी पर कार्रवाई की जा रही है.