नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: 70 साल पहले कुछ हिंदू परिवार जो पाकिस्तान छोड़ भारत में आए थे उन्हीं में से कुछ गौतमबुद्ध नगर के दादरी इलाके में बस गए. सभी के दस्तावेज भारतीय हैं पर वोटर कार्ड और आधार कार्ड पर पते की जगह पाकिस्तान वाली गली लिखी है. इससे इन्हे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
'पाकिस्तान वाली गली' बनी परेशानी की वजह
वोटर आई कार्ड और आधार कार्ड पर पते की जगह लिखा है पाकिस्तान वाली गली. ये ही पता इन परिवारों को अपनों के बीच बेगाना बना रहा है. पते के तौर पर पाकिस्तानी वाली गली दर्ज होने के कारण बच्चों का रिश्ता करने और स्कूलों में दाखिले में बेहद परेशानी होती है.
कुछ बुजुर्ग अपने भाईयों के साथ आए थे भारत
दादरी नगर पालिका परिषद के वॉर्ड-2 में गौतमपुरी मोहल्ला है. यहां रहने वाले बताते हैं, कि देश के बंटवारे के समय चुन्नीलाल नाम के उनके बुजुर्ग अपने कुछ भाइयों के साथ करांची से आकर यहां बस गए थे. गौतमपुरी मोहल्ले की जिस गली में पाकिस्तान से आकर वे लोग बसे थे, उसी समय से उस क्षेत्र की पहचान पाकिस्तान वाली गली के रूप में हो रही है.
लोग शक करते हैं
लोगों का ऐतराज है कि अगर उन्हें पाकिस्तानी कहलाना पसंद होता तो उनके पुरखे पाकिस्तान को छोड़कर हिंदुस्तान नहीं आते. पाकिस्तानी वाली गली के निवासी कहते हैं कि उनकी आस्था और निष्ठा हिंदुस्तान में है. लोग उन्हें शक की निगाह से देखते हैं.
एयरपोर्ट पर विशेष चेकिंग होती है
लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि रेल या हवाई जहाज से कहीं जाने पर उनको विशेष चेकिंग से गुजरना पड़ता है. संजयवती ने कहा कि उनके परिवारों के लोग बच्चों के रिश्ते करने जाते हैं तो अपना पता बताने में शर्म महसूस होती है.
दादरी के एसडीएम राजीव राय कहते हैं कि उनके संज्ञान में ऐसा मामला नहीं आया है. वह नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी से बात करेंगे और कानून के मुताबिक जो भी समाधान निकल सकता है, निकाला जाएगा.