नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के सेक्टर 30 में करोड़ो की लागत से बने जिला अस्पताल में जहां 1 रुपये की पर्ची कटवाने के बाद हजारों रुपये की जांच फ्री में की जाती है. वहीं हाल यह है कि मरीज पर्ची जरूर कटवा रहे हैं पर उसकी जांच भगवान भरोसे ही हो रही है. खासकर उन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जो अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी जांचें कैसे हो इस पर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है.
जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में बेसिक किटों का है अभाव
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट कहां जाने वाला करीब 600 करोड़ रुपये की लागत से बना सेक्टर 30 स्थित राजकीय संयुक्त जिला चिकित्सालय का हाल यह है कि आज सुविधाओं के अभाव के चलते मात्र एक बिल्डिंग के रूप में खड़ा है. वहीं यहां की पैथोलॉजी का हाल यह है कि करीब आधा दर्जन से अधिक किटों के ना होने से मरीजों की जांच होने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
आपको बता दें कि अस्पताल की पैथोलॉजी में फ्लोराइड वाचक (ब्लड शुगर किट) , ब्लड ग्रुप जांच किट, प्रेगनेंसी रैपिड कार्ड, आरपीआर रैबिट कार्ड , 5ml सिरिंज, प्रेगनेंसी टेस्ट किट, मलेरिया रैपिड कार्ड , डेंगू रैपिड कार्ड , हाईपो सलूसन और 3 लेयर फेस मास्क का टोटा काफी समय से चल रहा है. वहीं अगर सूत्रों की माने तो इन किटों का काफी समय से टोटा चल रहा है और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के संज्ञान में होने के बावजूद भी किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है.
अस्पताल के सीएमएस का क्या है कहना
जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में करीब आधा दर्जन से अधिक जांच किटों के न होने की जानकारी लेने जब ईटीवी भारत की टीम अस्पताल के सीएमएस के पास पहुंची, तो उनका कहना है कि अस्पताल में सभी पैथोलॉजी की किट पर्याप्त मात्रा में है. वहीं जब उनसे 5ml की सिरिंज की बात कही गई, तो उन्होंने जिस कर्मचारी को सिरिंज लाने के लिए भेजा था. वह पैथोलॉजी की जगह इमरजेंसी से 5ml की सिरिंज लेकर पहुंचा. इसके साथ ही जब सीएमएस से कैमरे पर अस्पताल में सभी किटों के होने की बात कहे जाने के लिए कहा गया, तो उन्होंने उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग होने की बात कहकर टाल दिया.