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नोएडा: UNCLOCK शुरू पर ई-रिक्शा चलाकों की आमदनी पर अभी भी LOCKDOWN - Social Distancing in noida

सोशल डिस्टेंसिंग की सबसे ज्यादा मार उनके ऊपर पड़ रही है जो नोएडा शहर और बॉर्डर से सवारी लेकर जगह-जगह छोड़ने का काम करते हैंं. ई-रिक्शा चालक जहां 5 सवारी बैठते थे, वहीं अब उनको 2 सवारी से काम चलाना पड़ रहा है. लोग भी कोरोना के डर से ई-रिक्शा पर कम बैठ रहे हैं.

Passengers are not sitting on e-rickshaws due to corona and Social Distancing in noida
नोएडा : UNCLOCK शुरू पर ई-रिक्शा चलाकों की आमदनी पर अभी भी LOCKDOWN
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Published : Jun 5, 2020, 9:33 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 9:13 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर चलने वाले वाहनों पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद खासकर ई-रिक्शा चलाने वालों ने सवारी ढोने की जगह सब्जी बेचने का कारोबार शुरू कर दिया, क्योंकि प्रशासन द्वारा सब्जी बेचने वालों को छूट दी गई थी. लॉकडाउन में किसी तरह सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण करने वाले ई-रिक्शा चालक लॉकडाउन खत्म होने और अनलॉक शुरू होने पर सड़कों पर सवारियां खोजने निकल पड़े हैं.

अनलॉक 1 में भी ई-रिक्शा चालकों की आमदनी पर 'लॉकडाउन'

कोरोना के डर से नहीं बैठ रही सवारियां

हालांकि कोरोना वायरस के चलते प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए 2 लोगों को सफर करने की अनुमति दी गई है. इसके चलते ई-रिक्शा पर जहां पांच सवारियां बैठती थीं, वहीं अब उन्हें 2 सवारियां ही बैठानी पड़ रही है. पूरा दिन पसीना बहाने के बाद भी संतोषजनक आमदनी नहीं हो पा रही है. 2 से ज्यादा सवारी बैठाने पर प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. खासकर सबसे ज्यादा समस्या नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर चलने वाले ई-रिक्शा चालकों के सामने आ रही है. यहां सवारियां जरूर हैं पर ई-रिक्शा में बैठने की जगह कोरोना वायरस के डर से लोग पैदल ही जा रहे हैं.

क्या कह रहे ई-रिक्शा चालक

लॉकडाउन और लॉकडाउन के बाद आई समस्याओं के संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने ई-रिक्शा चालकों से बात की तो उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान जैसे-तैसे परिवार का भरण-पोषण किया. कुछ मदद प्रशासन की तरफ से राशन के रूप में मिल गई तो घर का खर्च चल गया पर अब जब लॉकडाउन खत्म हुआ है और अनलॉक शुरू हुआ है तो ई-रिक्शा लेकर सड़कों पर कमाने निकले हैं पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के चलते दो से ज्यादा सवारियां नहीं बैठ रही हैं. घंटों इंतजार के बाद ही सवारियां मिल रही हैं.

नई दिल्ली/नोएडा: लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर चलने वाले वाहनों पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद खासकर ई-रिक्शा चलाने वालों ने सवारी ढोने की जगह सब्जी बेचने का कारोबार शुरू कर दिया, क्योंकि प्रशासन द्वारा सब्जी बेचने वालों को छूट दी गई थी. लॉकडाउन में किसी तरह सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण करने वाले ई-रिक्शा चालक लॉकडाउन खत्म होने और अनलॉक शुरू होने पर सड़कों पर सवारियां खोजने निकल पड़े हैं.

अनलॉक 1 में भी ई-रिक्शा चालकों की आमदनी पर 'लॉकडाउन'

कोरोना के डर से नहीं बैठ रही सवारियां

हालांकि कोरोना वायरस के चलते प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए 2 लोगों को सफर करने की अनुमति दी गई है. इसके चलते ई-रिक्शा पर जहां पांच सवारियां बैठती थीं, वहीं अब उन्हें 2 सवारियां ही बैठानी पड़ रही है. पूरा दिन पसीना बहाने के बाद भी संतोषजनक आमदनी नहीं हो पा रही है. 2 से ज्यादा सवारी बैठाने पर प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. खासकर सबसे ज्यादा समस्या नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर चलने वाले ई-रिक्शा चालकों के सामने आ रही है. यहां सवारियां जरूर हैं पर ई-रिक्शा में बैठने की जगह कोरोना वायरस के डर से लोग पैदल ही जा रहे हैं.

क्या कह रहे ई-रिक्शा चालक

लॉकडाउन और लॉकडाउन के बाद आई समस्याओं के संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने ई-रिक्शा चालकों से बात की तो उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान जैसे-तैसे परिवार का भरण-पोषण किया. कुछ मदद प्रशासन की तरफ से राशन के रूप में मिल गई तो घर का खर्च चल गया पर अब जब लॉकडाउन खत्म हुआ है और अनलॉक शुरू हुआ है तो ई-रिक्शा लेकर सड़कों पर कमाने निकले हैं पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के चलते दो से ज्यादा सवारियां नहीं बैठ रही हैं. घंटों इंतजार के बाद ही सवारियां मिल रही हैं.

Last Updated : Jun 6, 2020, 9:13 AM IST
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