नई दिल्ली/नोएडा: यूपी के शो विंडो नोएडा में RTE (शिक्षा का अधिकार कानून) के तहत गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में एडमिशन देने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. निजी स्कूल नए बहाने बनाकर गरीब परिवारों के बच्चों को एडमिशन देने से बचते दिखाई दे रहे हैं.
नोएडा के सेक्टर-30 में बने दिल्ली पब्लिक स्कूल में आज पैरेंट्स एडमिशन से संबंधित जानकारी लेने पहुंचे, तो स्कूल ने किसी भी लिस्ट में नाम होने से मना कर दिया. हालांकि, मामला बढ़ते देख स्कूल प्रबंधन ने पैरेंट्स से 1 हफ्ते का वक्त मांगा है. प्राइवेट स्कूल मनमानी पर उतारू हैं और निजी स्कूलों में दाखिला नहीं देना पड़े, इसके लिए तरह-तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं.
पैरेंट्स को घुमाया जा रहा
एडमिशन के पास को लेकर सेक्टर-30 के निजी स्कूल पहुंचे युवा क्रांति संगठन सदस्य अविनाश ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से लिस्ट 20 जुलाई को जारी कर दी गई थी. हालांकि, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और पैरेंट्स को लौटाया जा रहा था.
मामला बढ़ता देख स्कूल एक हफ्ते का वक्त मांगा है और एडमिशन देने का आश्वासन भी दिया है. अविनाश ने जानकारी देते हुए बताया कि आरटीई के तहत पहली लिस्ट में 25 बच्चों का नाम था. हालांकि एडमिशन नहीं देने के चलते उन्होंने बाकी स्कूलों में दाखिला ले लिया है, लेकिन अभी भी कई बच्चे हैं. जिनका एडमिशन होना बाकी है.
6 सदस्यीय टीम कर रही जांच
जिले में एक्टिव युवा क्रांति संगठन ने प्राइवेट स्कूल के खिलाफ RTE(राइट टू एजुकेशन) की मुहिम को छेड़ा है. मामले की सूचना डीएम तक पहुंती तो उन्होंने संज्ञान लेते हुए बीएसए को जांच के आदेश दिए. जांच के लिए बनाई गई 6 सदस्यीय टीम निजी स्कूलों में तथ्यों की जांच कर रही, स्कूलों में जाकर पड़ताल कर रही है.