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नारी तू नारायणी: लॉकडाउन में पैशन चढ़ा परवान, हर जुबां पर हिमाचली फूड का स्वाद

लॉकडाउन में नोएडा की नीतिका का पैशन परवान चढ़ा और उन्होंने हिमाचली फूड से स्टार्टअप शुरू किया.थोड़े से ही समय में उनके बनाए हिमाचली व्यंजन का स्वाद लोगों की जुबां पर ऐसा चढ़ा कि यूके और यूएस से आर्डर आने शुरू हो गए. इनकी सबसे फेमस डिश पंजीरी है, जो देश ही नहीं विदेशों में भी खाई जाती है.

noida women start up and become self sufficient
हिमाचली फूड
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Published : Mar 11, 2021, 6:01 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत लगातार समाज में महिलाओं के लिए नजीर बन चुकी महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियों को लोगों तक पहुंचा रहा है. ऐसी ही एक महिला हैं नीतिका. नीतिका मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है.

हर जुबां पर हिमाचली फूड का स्वाद

हिमाचली फूड को लेकर लोगों के मन में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए और अपने पैशन को परवान चढ़ाने के लिए उन्होंने घर से ही 'हिमाचली फूड' की डिलीवरी शुरू की. लॉकडाउन के दौरान उनका पैशन सिर चढ़कर बोला और हिमाचली फूड का स्वाद लोगों की जुबां पर ऐसा चढ़ा कि देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जायके की तारीफ हो रही है.


आपदा को अवसर में बदला
हिमाचली फूड के स्टार्टअप करने वाली नीतिका ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने फूड डिलीवरी की शुरुआत की. इससे पहले उन्होंने अपने घर की छत पर एक हिमाचली एंबिएंस को ध्यान में रखते हुए कमरा बनाया था. 10 से 12 लोगों की बैठने की व्यवस्था थी और वहीं पर लोगों को हिमाचली फूड परोसा करती थी. लेकिन लॉकडाउन के दौरान उन्होंने फूड डिलीवरी की शुरुआत की. दिल्ली-एनसीआर सहित हरियाणा सोनीपत सहित अन्य जिलों में हिमाचली फूड की डिलीवरी की जाती है.

प्रमुख हिमाचली फूड
नीतिका ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर वो सुनती हैं कि हिमाचल जाकर लोग मैगी और चाय आर्डर करते हैं उसे ही हिमाचल फूड समझे थे जो उन्हें गवारा नहीं होता था. अपने पैशन को कंटिन्यू करने के लिए हिमाचली फूड को लोगों तक पहुंचने के लिए हिमाचली फूड की शुरुआत की है.

यूके और यूएस से भी आते हैं पंजीरी के आर्डर

हिमाचली पंजीरी, काले चने का म्हनी, तेलहिया माह, आलू चना का मदरा, सोए वाली चना दाल, पहाड़ी साग, भटुरु, बब्रु, पत्तोडे सहित कई फेमस डिश बना रही हैं. इनकी सबसे फेमस डिश पंजीरी है, जो देश ही नहीं विदेशों में भी खाई जाती है. यूके और यूएस से भी पंजीरी के आर्डर आते हैं. खास बात यह है कि यह स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है. इस पंजीरी की खासियत यह भी है कि इसे फ्रिज में रखने की कोई जरूरत नहीं है कि करीब एक-डेढ़ साल तक खराब नहीं होती है.

शक्ति है नारी, किसी सहारे की जरूरत नहीं


लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकीं नीतिका ने महिला दिवस के मौके पर देश की महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि महिलाएं अपने पैशन को जिंदा रखें और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें. नारी एक शक्ति है और उसे किसी भी सहारे की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि राह को ही राह मिलती है इसलिए महिलाओं को अपनी राह चुननी चाहिए और कदम बढ़ाकर उसे पूरा करना चाहिए.


ये भी पढ़ें:-महिला दिवस : कुतुब मीनार, ताजमहल सहित सभी संरक्षित स्मारकों में महिलाओं को निशुल्क प्रवेश

हिमाचली फूड लवर सोशल मीडिया साइट पर जाकर पहाड़ी पत्तल नाम के पेज के जरिए हिमाचली फूड का लुत्फ उठा सकते हैं. 'आत्मनिर्भर' नीतिका कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है.

ये भी पढ़ें:-गाजियाबाद: दोगुनी होगी एनडीआरएफ की ताकत, महिला कर्मियों को दी गयी स्पेशल ट्रेनिंग

नई दिल्ली/नोएडा : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत लगातार समाज में महिलाओं के लिए नजीर बन चुकी महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियों को लोगों तक पहुंचा रहा है. ऐसी ही एक महिला हैं नीतिका. नीतिका मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है.

हर जुबां पर हिमाचली फूड का स्वाद

हिमाचली फूड को लेकर लोगों के मन में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए और अपने पैशन को परवान चढ़ाने के लिए उन्होंने घर से ही 'हिमाचली फूड' की डिलीवरी शुरू की. लॉकडाउन के दौरान उनका पैशन सिर चढ़कर बोला और हिमाचली फूड का स्वाद लोगों की जुबां पर ऐसा चढ़ा कि देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जायके की तारीफ हो रही है.


आपदा को अवसर में बदला
हिमाचली फूड के स्टार्टअप करने वाली नीतिका ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने फूड डिलीवरी की शुरुआत की. इससे पहले उन्होंने अपने घर की छत पर एक हिमाचली एंबिएंस को ध्यान में रखते हुए कमरा बनाया था. 10 से 12 लोगों की बैठने की व्यवस्था थी और वहीं पर लोगों को हिमाचली फूड परोसा करती थी. लेकिन लॉकडाउन के दौरान उन्होंने फूड डिलीवरी की शुरुआत की. दिल्ली-एनसीआर सहित हरियाणा सोनीपत सहित अन्य जिलों में हिमाचली फूड की डिलीवरी की जाती है.

प्रमुख हिमाचली फूड
नीतिका ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर वो सुनती हैं कि हिमाचल जाकर लोग मैगी और चाय आर्डर करते हैं उसे ही हिमाचल फूड समझे थे जो उन्हें गवारा नहीं होता था. अपने पैशन को कंटिन्यू करने के लिए हिमाचली फूड को लोगों तक पहुंचने के लिए हिमाचली फूड की शुरुआत की है.

यूके और यूएस से भी आते हैं पंजीरी के आर्डर

हिमाचली पंजीरी, काले चने का म्हनी, तेलहिया माह, आलू चना का मदरा, सोए वाली चना दाल, पहाड़ी साग, भटुरु, बब्रु, पत्तोडे सहित कई फेमस डिश बना रही हैं. इनकी सबसे फेमस डिश पंजीरी है, जो देश ही नहीं विदेशों में भी खाई जाती है. यूके और यूएस से भी पंजीरी के आर्डर आते हैं. खास बात यह है कि यह स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है. इस पंजीरी की खासियत यह भी है कि इसे फ्रिज में रखने की कोई जरूरत नहीं है कि करीब एक-डेढ़ साल तक खराब नहीं होती है.

शक्ति है नारी, किसी सहारे की जरूरत नहीं


लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकीं नीतिका ने महिला दिवस के मौके पर देश की महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि महिलाएं अपने पैशन को जिंदा रखें और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें. नारी एक शक्ति है और उसे किसी भी सहारे की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि राह को ही राह मिलती है इसलिए महिलाओं को अपनी राह चुननी चाहिए और कदम बढ़ाकर उसे पूरा करना चाहिए.


ये भी पढ़ें:-महिला दिवस : कुतुब मीनार, ताजमहल सहित सभी संरक्षित स्मारकों में महिलाओं को निशुल्क प्रवेश

हिमाचली फूड लवर सोशल मीडिया साइट पर जाकर पहाड़ी पत्तल नाम के पेज के जरिए हिमाचली फूड का लुत्फ उठा सकते हैं. 'आत्मनिर्भर' नीतिका कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है.

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