नोएडा: नोएडा इलाके में एक गिरोह विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे. नोएडा के थाना सेक्टर 113 और आईटी सेल के माध्यम से गिरोह के 10 लोगों को छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया हैं. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस सबसे पहले सेक्टर 70 थाना फेज-3 के पास से आरोपी पवन को गिरफ्तार किया. उसके निशानदेही पर मयूर विहार फेस-1 से 9 लोगों को हिरासत में लिया गया. इनके कब्जे से करीब पौने सात लाख नगद बरामद किया गया.
पकड़े गए आरोपी दिल्ली के मयूर विहार फेस वन में फर्जी कॉल सेंटर खोलकर लोगों का डाटा लेकर धोखाधड़ी करते थे. नोएडा के सेक्टर 75 निवासी नरेंद्र शिंदे ने इस मामले को लेकर थाने में शिकायत की थी. इसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया और गिरोह से जुड़े 10 लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पवन कुमार, जितेश कुमार रामकिशन, दीपेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार सिंह, अरविंद कुमार यादव, तेजपाल सिंह, रोहित कुमार, सुभाष चंद्र और रामकृष्ण सिंह के रूप में हुई है.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक गाड़ी, 674000 नगद, 17 मोबाइल और सात लैपटॉप बरामद किया है. इन पर लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देकर ठगी करने का आरोप है. ठगी का अंजाम देने के लिए आरोपियों ने एक कॉल सेंटर भी खोल रखा था, जिसके माध्यम से लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा था. शिकायतकर्ता नरेंद्र शिंदे ने आरोपियो के खिलाफ धोखधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया था. उनसे सिंगापुर में कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर दो लाख रुपये लिए गए थे.
ये भी पढ़ें: बैंक अधिकारी ही निकले साइबर क्रिमिनल्स, खाते से बदली सीक्रेट इंफोर्मेशन, जानें पूरा मामला
नोएडा के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि रैकेट से जुड़े आरोपी पहले नौकरी दिलाने वाले वेबसाइट से बेरोजगार युवकों का डाटा खरीदते थे. इसके बाद उन्हें कॉल सेंटर से फोन किया जाता था. फिर उनको विदेशों में बड़े पैकेज का झांसा देकर विदेशी कंपनियों के फर्जी ऑफर लेटर भी उपलब्ध कराते थे. इस दौरान युवकों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर छोटी-छोटी रकम से वसूला जाता था. जब आरोपियों को विश्ववास हो जाता था कि युवक पूरी तरह झांसे में आ गया है तो मोटी रकम वसूली जाती थी.
जब अच्छे पैसे ठगी के माध्यम से ले लिए जाते हैं तो इसके बाद आरोपी मोबाइल और सिम बंद कर देते थे. उन्होंने बताया कि इनके पास से बरामद सभी सिम कार्ड दूसरे के नाम पर लिए गए हैं, जो नाम और पते फर्जी है. फर्जी पते पर ही इन लोगों ने बैंक अकाउंट भी खोला है. इसी अकाउंट में पैसों का ट्रांसफर कराया जाता था. इस गैंग का मास्टरमाइंड जितेश कुमार है. फिलहाल सभी आरोपियों से पूछताछ चल रही है. आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप