नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा नोएडा के थाना सेक्टर 49 में ब्लैक फंगस की दवा देने के नाम ठगी का मामला सामने आया है. यहां ब्लैक फंगस की दवा देने के नाम पर एक युवक से पैसे लिए. इसके बाद भी दवा नहीं दिया गया. शिकायत मिलने पर पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को थाना क्षेत्र के 52 मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उसका एक साथी अभी फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.
एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह, नोएडा ने कहा कि आरोपी शिवम वर्मा ने पूछताछ में बताया कि आंध्र प्रदेश में वह एक कंपनी में काम करता था. वहां से नौकरी छूट जाने के बाद वह बुलंदशहर में आशीष कुमार राघव के घर ड्राइवर की नौकरी करने लगा.
एडिशनल डीसीपी के मुताबिक, आरोपी ने बताया कि कोरोना काल में आरोपी शिवम और उसके मालिक आशीष ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जरूरतमंदों को इन्जेक्शन का लालच देकर पैसे कमाने की योजना बनाई. इस मामले में आरोपी ने आशीष को दो-चार लोगों का मोबाइव नंबर भी दिया. इसी दौरान रेशपाल नाम के एक व्यक्ति ने मालिक आशीष से सम्पर्क किया.
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रेशपाल ने बताया कि मेरे भाई ब्लैक फंगस से पीड़ित है और हमें दो लेविकेन-50 इंजेक्शन ब्लैक फंगस के इलाज के लिए देने को कहा. इसके लिए उन्होंने उससे 30000 रुपये आशीष के पेटीएम में ट्रान्सफर करने को कहा. उसने 30000 रुपये आशीष के खाते में ट्रान्सफर कर इन्जेक्शन के लिए कहा, लेकिन आरोपी ने उसे इन्जेक्शन नहीं दिया. इसके बाद उसने पैसो की मांग की तो आरोपी ने उसे पैसे भी वापस देने से मना कर दिया. एडिसनल डीसीपी ने कहा कि इस मामले में आरोपी का मालिक आशीष कुमार राघव अभी फरार है. जिसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.