नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश का शो विंडो नोएडा में बिज़ली विभाग के 'बड़े साहब' और उनके सब-ऑर्डिनेट्स की दफ्तर में गैरहाजरी लापरवाही को दिखाती नजर आ रही है, तभी तो मिलने का समय सुबह 9:30 से 12 बजे तक का है और 'बड़े साहब' 11:30 पर ऑफिस पहुंचते हैं. शहर के उपभोक्ताओं को बिज़ली विभाग के 'बड़े साहब' से मिलने के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर इस लेट-लतीफी की वजह से जनता क्यों परेशान हो, क्या अधिकारियों की जवाब देही तय नहीं होनी चाहिए.
- वी.एन सिंह (मुख्य अभियंता, नोएडा)
- पूनम, कार्यालय सहायक
- राकेश कुमार गौतम, सहायक लेखाधिकारी
- गीतांजलि, लेखाधिकारी (मिली जानकारी के मुताबिक अवकाश पर हैं)
- विपिन कौशिक, शिविर सहायक
- डायरी एवं डिस्पैच अनुभाग में तीन कर्मचारी दिखाई दिए. यहां पर भी एक साहब नदारद थे बताया गया कि उनके पास डिवीज़न-2 का एडिशनल चार्ज है.
हालांकि खबर के दौरान सूचना मिलते ही बिजली विभाग के बड़े साहब 11:30 बजे पहुंच गए. उनके पहुंचने के बाद अधिकारियों का कार्यालय पहुंचना शुरू हो गया है, लेकिन सवाल यही कि आखिर इस लेट-लतीफी की वजह क्या है? क्यों अधिकारियों की लेटलतीफी का खामियाजा शहर की जनता भुगते?