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'या तो सैलरी बढ़ाएं या दे दें फांसी' सफाई कर्मचारियों की PM से मांग - सफाई कर्मचारी

11 महीने से वेतन की मांग के बाद नोएडा जिला अस्पताल के सफाई कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय का रुख किया है. उनकी सरकार से मांग है कि या तो उनकी सैलरी बढ़ाई जाए या उन्हें फांसी दे दिया जाए.

सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन etv bharat
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Published : Jul 22, 2019, 4:33 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा जिला अस्पताल के कर्मचारी पिछले 11 महीनों से वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन और पत्राचार कर रहे हैं. सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी सैलरी 10 से घटाकर साढ़े 6 हजार रुपये कर दी गई है, ऐसे में उन्हें घर चलाने में परेशानी हो रही है.

सफाई कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

जिसके बाद गुस्साए कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय का रुख किया है. कर्मचारियों ने मोदी सरकार से मांग की है कि या तो मामले में सरकार कोई निर्णय करे नहीं तो उन्हें फांसी दे दे.

CM योगी को लिखा पत्र
एक कर्मचारी जितेंद्र ने बताया कि वे 11 महीनों से हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. 10 हज़ार से वेतन घटाकर साढ़े छह हजार कर दिया गया है. जिला अस्पताल के CMS, नगर मजिस्ट्रेट, DM, और मुख्य चिकित्साधिकारी से भी मिले पर उन्हें सिर्फ गुमराह किया जा रहा है. मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा पर कुछ नहीं हुआ.

'कैसे होगा विकास'
सफाई कर्मचारी ने बताया कि वे प्रधानमंत्री से मिलने उनके कार्यालय जा रहे हैं. उन्होंने सरकार से पूछा है कि कैसे होगा विकास जब उनका वेतन ही कम दिया गया. परिवार भूखे मरने की कगार पर है.

वहीं महिला कर्मचारी ने बताया कि नमक, मिर्च को परिवार मोहताज़ है. इतने कम पैसों में परिवार की परवरिश कैसे होगी. साढ़े छह हजार में बेटियां अच्छे से कैसे पढ़ पाएंगी.

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा जिला अस्पताल के कर्मचारी पिछले 11 महीनों से वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन और पत्राचार कर रहे हैं. सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी सैलरी 10 से घटाकर साढ़े 6 हजार रुपये कर दी गई है, ऐसे में उन्हें घर चलाने में परेशानी हो रही है.

सफाई कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

जिसके बाद गुस्साए कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय का रुख किया है. कर्मचारियों ने मोदी सरकार से मांग की है कि या तो मामले में सरकार कोई निर्णय करे नहीं तो उन्हें फांसी दे दे.

CM योगी को लिखा पत्र
एक कर्मचारी जितेंद्र ने बताया कि वे 11 महीनों से हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. 10 हज़ार से वेतन घटाकर साढ़े छह हजार कर दिया गया है. जिला अस्पताल के CMS, नगर मजिस्ट्रेट, DM, और मुख्य चिकित्साधिकारी से भी मिले पर उन्हें सिर्फ गुमराह किया जा रहा है. मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा पर कुछ नहीं हुआ.

'कैसे होगा विकास'
सफाई कर्मचारी ने बताया कि वे प्रधानमंत्री से मिलने उनके कार्यालय जा रहे हैं. उन्होंने सरकार से पूछा है कि कैसे होगा विकास जब उनका वेतन ही कम दिया गया. परिवार भूखे मरने की कगार पर है.

वहीं महिला कर्मचारी ने बताया कि नमक, मिर्च को परिवार मोहताज़ है. इतने कम पैसों में परिवार की परवरिश कैसे होगी. साढ़े छह हजार में बेटियां अच्छे से कैसे पढ़ पाएंगी.

Intro:नोएडा के ज़िला अस्पताल के कर्मचारी प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए रवाना हुए। पिछले 11 महीनों से वेतन की मांग को लेकर कर्मचारी प्रदर्शन और पत्राचार कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों का आरोप सरकार ये कैसे विकास कर रही, तनख्वा 10 हज़ार से घटाकर 6 हज़ार कर दी। कर्मचारियों ने मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि यह तो मामले में सरकार निर्णय करें और नहीं तो फांसी दे।


Body:"CM योगी को लिखा पत्र"
कर्मचारी जितेंद्र ने बताया कि 11 महीनों से हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। 10 हज़ार से वेतन घटाकर साढ़े छह हजार कर दिया है। ज़िला अस्पताल के CMS, नगर मजिस्ट्रेट, DM, और मुख्य चिकित्साधिकारी से मिले कर्मचारियों को सिर्फ गुमराह किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को भी मांग को लेकर पत्र दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ।

"क्या ऐसे होगा विकास"
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने उनके कार्यालय जा रहे हैं। क्या ऐसे होगा कर्मचारियों का विकास। 10 हज़ार वेतन कम कर साढ़े छह हजार कर दिया है। परिवार भूखे मरने की कगार पर है। क्या ऐसे होगा विकास? कर्मचारियों ने कहा सरकार वेतन को लेकर कोई कदम उठाए नहीं तो फांसी की सज़ा दे।


Conclusion:वहीं महिला कर्मचारी ने बताया कि पेट के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नमक, मिर्च को परिवार मोहताज़ है। कैसे इतने कम पैसों में परिवार की परवरिश करें, क्या साढ़े छह हजार में बेटियां अच्छे से पढ़ और बढ़ जाएंगी?
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