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नोएडा कमिश्नरी के ड्रीम प्रोजेक्ट का हाल बेहाल, थानों में धूल फांक रही स्वयं सिद्धा की स्कूटी - noida police news

नोएडा में महिला पुलिसकर्मियों को मिली स्कूटी स्वयं सिद्धा महिलाओं की सुरक्षा की बजाय अब धूल फांक रही हैं और बारिश और गर्मी को झेलते हुए यह स्कूटी चलने की हालत में भी नहीं बची हैं.

थानों में धूल फांक रही स्वयं सिद्धा की स्कूटी
थानों में धूल फांक रही स्वयं सिद्धा की स्कूटी
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Published : Dec 21, 2021, 5:29 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्धनगर कमिश्नरी को बने हुए करीब दो साल हो गए हैं. यहां महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के निर्देश पर DCP महिला सुरक्षा की ओर से स्वयं सिद्धा नाम से योजना चलाई गई थी, जिसमें करीब 100 स्कूटी जिले की महिला पुलिसकर्मियों को दी गई. इन महिला पुलिसकर्मियों को करीब 150 हॉटस्पॉट चिह्नित कर लगा दिया गया. यह योजना शुरुआत में रफ्तार से चली, लेकिन करीब एक साल होने के बाद ठंडे बस्ते में चली गई.

महिला पुलिसकर्मियों को मिली स्कूटी स्वयं सिद्धा महिलाओं की सुरक्षा की बजाय अब धूल फांक रही हैं और बारिश और गर्मी को झेलते हुए यह स्कूटी चलने की हालत में भी नहीं बची हैं.

थानों में धूल फांक रही स्वयं सिद्धा की स्कूटी
एक अगस्त 2020 को गौतमबुद्धनगर कमिश्नरी के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने हरी झंडी दिखाकर 100 स्कूटी महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों को पेट्रोलिंग के लिए दी गईं. इन पुलिसकर्मियों को 163 हॉटस्पॉट चिह्नित कर दिए गए, जहां समय-समय पर पेट्रोलिंग और निगरानी करने के निर्देश दिए गए.

गौतमबुद्धनगर कमिश्नरी के लिए स्वयं सिद्धा एक ड्रीम प्रोजेक्ट था, लेकिन समय बीतते-बीतते यह धरातल की बजाय रसातल में पहुंच गई. आज स्थिति यह हो गई है कि स्वयं सिद्धा के लिए मिली स्कूटी थानों पर धूल फांक रही हैं. करीब एक साल बीत गया, लेकिन स्वयं सिद्धा सड़कों पर दिखाई नहीं दी. यह एक पुलिस थाने का नहीं, बल्कि जिले भर के 22 थानों का हाल है. इन सभी पुलिस थानों पर स्वयं सिद्धा धूल-मिट्टी फांक-फांककर खराब हो गई हैं.

ऐसा नहीं है स्वयं सिद्धा प्रोजेक्ट का हाल पुलिस अधिकारियों को नहीं पता है, पुलिस सूत्रों की मानें तो अधिकारियों के संज्ञान में यह बात है. इसके बाद भी वह नहीं चल रही हैं. अधिकारी कब इस पर संज्ञान लेंगे और कब स्वयं सिद्धा फिर से सड़कों पर दिखाई देंगी. यह तो अधिकारी ही बता सकते हैं.

ये भी पढ़ें- ग्रेटर नोएडा के प्रमुख जगहों पर लगाए जा रहे हैं CCTV कैमरे, कंट्रोल रूम से होगी निगरानी

इस मामले को लेकर एसीपी लाइन अंकिता शर्मा से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि स्वयं सिद्धा की टीम हर थाने में पंक्चुअल है. कुछ थानों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या कम होने की वजह से गाड़ियां नहीं चलाई जा रही हैं. उनकी मेंटेनेंस पर और ध्यान देने की जरूरत है. इस ओर ध्यान जल्द दिया जाएगा और उन्हें जल्द चलाने का काम किया जाएगा.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्धनगर कमिश्नरी को बने हुए करीब दो साल हो गए हैं. यहां महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के निर्देश पर DCP महिला सुरक्षा की ओर से स्वयं सिद्धा नाम से योजना चलाई गई थी, जिसमें करीब 100 स्कूटी जिले की महिला पुलिसकर्मियों को दी गई. इन महिला पुलिसकर्मियों को करीब 150 हॉटस्पॉट चिह्नित कर लगा दिया गया. यह योजना शुरुआत में रफ्तार से चली, लेकिन करीब एक साल होने के बाद ठंडे बस्ते में चली गई.

महिला पुलिसकर्मियों को मिली स्कूटी स्वयं सिद्धा महिलाओं की सुरक्षा की बजाय अब धूल फांक रही हैं और बारिश और गर्मी को झेलते हुए यह स्कूटी चलने की हालत में भी नहीं बची हैं.

थानों में धूल फांक रही स्वयं सिद्धा की स्कूटी
एक अगस्त 2020 को गौतमबुद्धनगर कमिश्नरी के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने हरी झंडी दिखाकर 100 स्कूटी महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों को पेट्रोलिंग के लिए दी गईं. इन पुलिसकर्मियों को 163 हॉटस्पॉट चिह्नित कर दिए गए, जहां समय-समय पर पेट्रोलिंग और निगरानी करने के निर्देश दिए गए.

गौतमबुद्धनगर कमिश्नरी के लिए स्वयं सिद्धा एक ड्रीम प्रोजेक्ट था, लेकिन समय बीतते-बीतते यह धरातल की बजाय रसातल में पहुंच गई. आज स्थिति यह हो गई है कि स्वयं सिद्धा के लिए मिली स्कूटी थानों पर धूल फांक रही हैं. करीब एक साल बीत गया, लेकिन स्वयं सिद्धा सड़कों पर दिखाई नहीं दी. यह एक पुलिस थाने का नहीं, बल्कि जिले भर के 22 थानों का हाल है. इन सभी पुलिस थानों पर स्वयं सिद्धा धूल-मिट्टी फांक-फांककर खराब हो गई हैं.

ऐसा नहीं है स्वयं सिद्धा प्रोजेक्ट का हाल पुलिस अधिकारियों को नहीं पता है, पुलिस सूत्रों की मानें तो अधिकारियों के संज्ञान में यह बात है. इसके बाद भी वह नहीं चल रही हैं. अधिकारी कब इस पर संज्ञान लेंगे और कब स्वयं सिद्धा फिर से सड़कों पर दिखाई देंगी. यह तो अधिकारी ही बता सकते हैं.

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इस मामले को लेकर एसीपी लाइन अंकिता शर्मा से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि स्वयं सिद्धा की टीम हर थाने में पंक्चुअल है. कुछ थानों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या कम होने की वजह से गाड़ियां नहीं चलाई जा रही हैं. उनकी मेंटेनेंस पर और ध्यान देने की जरूरत है. इस ओर ध्यान जल्द दिया जाएगा और उन्हें जल्द चलाने का काम किया जाएगा.

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