नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के शो विंडो नोएडा में सेक्टर 30 चाइल्ड पीजीआई और जिला अस्पताल के लिए ऑक्सीजन गैस प्लांट जो साल 2016 के पहले बन चुका है लेकिन उसे संचालित नहीं किया गया. जबकि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस अस्पताल के 300 बेड तक ऑक्सीजन की लाइन बिछी हुई है. सभी बेड पर टैब भी लगे हुए हैं. लेकिन अनदेखी की धुन ऐसी सवार रही की 6 साल बीत गए आज तक ऑक्सीजन गैस प्लांट शुरू नहीं हो सका.
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6 साल से नहीं शुरू हो सका ऑक्सीजन प्लांट
चाइल्ड पीजीआई के डायरेक्टर डॉक्टर डी.के गुप्ता का अता-पता नहीं है. शहर में लोग परेशान हैं. फोन लगाने पर फोन या तो नॉट रिचेबल है या स्विच ऑफ बताता है. ऐसे में आखिर जनता जाए तो कहां जाए? जिले में 4 हज़ार से अधिक कोरोना वायरस के मामले हैं. सक्रियता की संख्या बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की कमी होती जा रही है. 6 साल से इस ऑक्सीजन गैस प्लांट के एनओसी नहीं मिल सकी है. इससे यह समझा जा सकता है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी कितने असंवेदनशील हैं.
1,200 करोड़ की लागत से तैयार हुआ हॉस्पिटल
नोएडा के सेक्टर 30 चाइल्ड PGI साल 2008 में शुरू होकर साल 2014-15 में निर्माण कार्य पूरा किया गया. निर्माण में 650 करोड़ रुपये खर्च किए गए. संसाधनों और सुविधाओं के साथ इसके संचालन में करीब 1200 करोड़ खर्च किए गए हैं.
17 लाख से तैयार हुआ ऑक्सीजन गैस प्लांट
नोएडा प्राधिकरण ने 17 लाख रुपये खर्च कर 300 बेड के लिए ऑक्सीजन गैस प्लांट तैयार किया था. ऑक्सीजन की पाइप लाइन भी बिछाई जा चुकी है. जानकर हैरानी होगी कि सभी बेड पर ऑक्सीजन टैब भी लगे हुए हैं, लेकिन आज तक गैस प्लांट शुरू नहीं किया जा सका है. बता दें अस्पताल में 40 से अधिक डॉक्टर, 250 नर्स, 26 टेक्नीशियन हैं. एक तरफ सरकार कोविड-19 सुविधाएं विकसित करने के लिए पैसा देना चाहती है. उपकरण देना चाहती है, लेकिन यहां उपलब्ध संसाधनों को इस संकट के समय में भी उपयोग में नहीं लाया जा रहा है.