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प्रदूषण को लेकर नोएडा प्राधिकरण सख्त, अब तक हुई ये कार्रवाई

नोएडा की आबोहवा खराब होने पर ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन (graded response action) प्लान लागू किया गया है. पानी का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही प्रतिबंधित पॉलीथीन पर रोक लगाई जा रही है. प्रदूषण फैलाने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है.

नोएडा में घनघोर कोहरा
नोएडा में घनघोर कोहरा
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Published : Nov 12, 2021, 5:56 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश का शो विंडो शहर नोएडा-ग्रेटर नोएडा की हवा खराब है. यह हम नहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board ) कह रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स को गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. NGT के अनुसार, नोएडा में एकयूआई 334 और ग्रेटर नोएडा में 414 दर्ज किया गया है. सुबह सूरज निकलने के बावजूद आसमान में धुंध छाई रही, जिससे विजिबिलिटी खराब श्रेणी में दर्ज की गई है.

हवा की रफ्तार कम होने से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, शनिवार तक वातावरण में सुबह के समय कोहरा और धुंध रहने की आशंका है. नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया है. अब इसी के तहत प्राधिकरण कार्य करेगा.

नोएडा की सड़कों पर छाए हुए स्मॉग के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी खराब नजर आ रही है, जिसके कारण लोगो को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. लोगों में सांस और अस्थमा जैसे बीमारियां बढ़ रही हैं. नोएडा के मुख्य मार्गों पर और पेड़-पौधो पर टैंकरों के माध्यम से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. बृहस्पतिवार को नोएडा कि सड़कों पर 44 टैंकरों के माध्यम से 58.99 किलोमीटर लंबाई में पानी का छिड़काव किया गया. प्रतिबंधित पॉलीथीन का प्रयोग करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. वहीं, जिनके द्वारा नियम या NGT के नियम को तोड़ा जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें: 'खराब श्रेणी' में नोएडा और ग्रेटर नोएडा का प्रदूषण स्तर, AQI बढ़ा


नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने अलग-अलग जगहों पर 16 मामलों में तीन लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिबन्धित पालीथीन का प्रयोग करने करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा करीब 67 मार्गों पर लगभग 243 किलोमीटर लम्बाई में मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों के माध्यम से सड़कों की सफाई कराई गई. धूल पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सेंट्रल वर्ज पर भी छिड़काव कराया गया. साथ ही शोधित जल से पेड़ो की भी धुलाई कराई गई है, जो आगे भी जारी रहेगी.

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नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश का शो विंडो शहर नोएडा-ग्रेटर नोएडा की हवा खराब है. यह हम नहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board ) कह रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स को गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. NGT के अनुसार, नोएडा में एकयूआई 334 और ग्रेटर नोएडा में 414 दर्ज किया गया है. सुबह सूरज निकलने के बावजूद आसमान में धुंध छाई रही, जिससे विजिबिलिटी खराब श्रेणी में दर्ज की गई है.

हवा की रफ्तार कम होने से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, शनिवार तक वातावरण में सुबह के समय कोहरा और धुंध रहने की आशंका है. नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया है. अब इसी के तहत प्राधिकरण कार्य करेगा.

नोएडा की सड़कों पर छाए हुए स्मॉग के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी खराब नजर आ रही है, जिसके कारण लोगो को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. लोगों में सांस और अस्थमा जैसे बीमारियां बढ़ रही हैं. नोएडा के मुख्य मार्गों पर और पेड़-पौधो पर टैंकरों के माध्यम से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. बृहस्पतिवार को नोएडा कि सड़कों पर 44 टैंकरों के माध्यम से 58.99 किलोमीटर लंबाई में पानी का छिड़काव किया गया. प्रतिबंधित पॉलीथीन का प्रयोग करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. वहीं, जिनके द्वारा नियम या NGT के नियम को तोड़ा जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने अलग-अलग जगहों पर 16 मामलों में तीन लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिबन्धित पालीथीन का प्रयोग करने करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा करीब 67 मार्गों पर लगभग 243 किलोमीटर लम्बाई में मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों के माध्यम से सड़कों की सफाई कराई गई. धूल पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सेंट्रल वर्ज पर भी छिड़काव कराया गया. साथ ही शोधित जल से पेड़ो की भी धुलाई कराई गई है, जो आगे भी जारी रहेगी.

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