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सुपरटेक बिल्डर पर 293 करोड़ की RC जारी, नोएडा अथॉरिटी ने की कार्रवाई

बायर्स का कहना है कि उन्होंने बिल्डर को पूरा पैसा जमा किया हुआ है रजिस्ट्री भी हुई है ऐसे में उन्होंने आशंका भी जताई कि कहीं बिल्डर उनसे इस पैसे की रिकवरी न करे. यहां के रेजिडेंट्स ने बिल्डर को पैसे दे दिए हैं ऐसे में बिल्डर कोई अतिरिक्त चार्ज बायर्स से न वसूले.

सुपरटेक बिल्डर पर 293 करोड़ की RC जारी
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Published : Oct 23, 2019, 1:46 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: सेक्टर 74 के सुपरटेक केपटाउन बिल्डर पर नोएडा अथॉरिटी ने 293 करोड़ रुपये की आरसी जारी की है. नोएडा अथॉरिटी लगातार बिल्डर को रिकवरी सर्टिफिकेट भेज रही था लेकिन जवाब नहीं मिलने पर 293 करोड़ रुपये की RC जारी की है. सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन का ये प्रॉजेक्ट 177960.50 वर्ग मीटर में है.

नोएडा अथॉरिटी की बड़ी कार्रवाई

सुपरटेक के बायर शैलेन्द्र ने नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई की सराहना की है. बायर्स का कहना है कि उन्होंने बिल्डर को पूरा पैसा जमा किया हुआ है रजिस्ट्री भी हुई है ऐसे में उन्होंने आशंका भी जताई कि कहीं बिल्डर उनसे इस पैसे की रिकवरी न करे. यहां के रेजिडेंट्स ने बिल्डर को पैसे दे दिए हैं ऐसे में बिल्डर कोई अतिरिक्त चार्ज बायर्स से न वसूले.

रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मी ने कहा कि अथॉरिटी ने बड़ा काम किया है. बिल्डर की मनमानी पर रोक लगाई है. रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी ने कहा कि लगातार बिल्डर से लड़ाई लड़ रहे हैं. पानी, कंस्ट्रक्शन क्वालिटी समेत सभी मुद्दों पर लेकिन इस कार्रवाई से बायर्स को बल मिला है.

293 करोड़ रुपए की आरसी में तकरीबन 39 करोड़ पर ब्याज है. सुपरटेक केपटाउन के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने स्टेटमेंट दिया है कि सुपरटेक केपटाउन में एनजीटी के आदेशों के चलते 2 साल कंस्ट्रक्शन पर रोक लगी थी ऐसे में नोएडा अथॉरिटी ने आश्वासन दिया था कि 2 साल का ब्याज नहीं लगाएगा लेकिन इसके बावजूद भी अथॉरिटी ने ब्याज लगाया है जिस पर प्राधिकरण से बात की जाएगी.

नई दिल्ली/नोएडा: सेक्टर 74 के सुपरटेक केपटाउन बिल्डर पर नोएडा अथॉरिटी ने 293 करोड़ रुपये की आरसी जारी की है. नोएडा अथॉरिटी लगातार बिल्डर को रिकवरी सर्टिफिकेट भेज रही था लेकिन जवाब नहीं मिलने पर 293 करोड़ रुपये की RC जारी की है. सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन का ये प्रॉजेक्ट 177960.50 वर्ग मीटर में है.

नोएडा अथॉरिटी की बड़ी कार्रवाई

सुपरटेक के बायर शैलेन्द्र ने नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई की सराहना की है. बायर्स का कहना है कि उन्होंने बिल्डर को पूरा पैसा जमा किया हुआ है रजिस्ट्री भी हुई है ऐसे में उन्होंने आशंका भी जताई कि कहीं बिल्डर उनसे इस पैसे की रिकवरी न करे. यहां के रेजिडेंट्स ने बिल्डर को पैसे दे दिए हैं ऐसे में बिल्डर कोई अतिरिक्त चार्ज बायर्स से न वसूले.

रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मी ने कहा कि अथॉरिटी ने बड़ा काम किया है. बिल्डर की मनमानी पर रोक लगाई है. रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी ने कहा कि लगातार बिल्डर से लड़ाई लड़ रहे हैं. पानी, कंस्ट्रक्शन क्वालिटी समेत सभी मुद्दों पर लेकिन इस कार्रवाई से बायर्स को बल मिला है.

293 करोड़ रुपए की आरसी में तकरीबन 39 करोड़ पर ब्याज है. सुपरटेक केपटाउन के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने स्टेटमेंट दिया है कि सुपरटेक केपटाउन में एनजीटी के आदेशों के चलते 2 साल कंस्ट्रक्शन पर रोक लगी थी ऐसे में नोएडा अथॉरिटी ने आश्वासन दिया था कि 2 साल का ब्याज नहीं लगाएगा लेकिन इसके बावजूद भी अथॉरिटी ने ब्याज लगाया है जिस पर प्राधिकरण से बात की जाएगी.

Intro:नोएडा अथॉरिटी की बड़ी कार्रवाई, सेक्टर 74 के सुपरटेक केपटाउन बिल्डर को 293 करोड़ पर की आरसी जारी की है। नोएडा अथॉरिटी लगातार बिल्डर को रिकवरी सर्टिफिकेट भेज रहा था लेकिन जवाब नहीं मिलने पर 293 करोड़ रुपये की RC जारी की है। सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन का ये प्रॉजेक्ट 177960.50 वर्ग मीटर में है।


Body:सुपरटेक के बायर शैलेन्द्र ने नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई की सराहना की। बायर्स ने कहा कि उन्होंने बिल्डर को पूरा पैसा जमा किया हुआ है रजिस्ट्री भी हुई है ऐसे में उन्होंने आशंका भी जताई कि कहीं बिल्डर उनसे इस पैसे की रिकवरी न करे। यहाँ के रेजिडेंट्स ने बिल्डर को पैसे दे दिए हैं ऐसे में बिल्डर कोई अतिरिक्त चार्ज बायर्स से न वसूले।

रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मी ने कहा कि अथॉरिटी ने बड़ा काम किया, बिल्डर की मनमानी पर रोक लगाई है। रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी ने कहा कि लगातार बिल्डर से और लड़ाई लड़ रहे हैं पानी कंस्ट्रक्शन क्वालिटी समेत सभी मुद्दों पर लेकिन इस कार्रवाई से बायर्स बल मिला है।


Conclusion:293 करोड रुपए की आरसी में तकरीबन 39 करोड पर ब्याज है। सुपरटेक केपटाउन के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि सुपरटेक केपटाउन में एनजीटी के आदेशों के चलते 2 साल कंस्ट्रक्शन पर रोक लगी थी ऐसे में नोएडा अथॉरिटी आश्वासन दिया था कि 2 साल का ब्याज नहीं लगाएगा लेकिन इसके बावजूद भी अथॉरिटी ने ब्याज लगाया है जिस पर प्राधिकरण से बात की जाएगी।
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