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जनता की सुरक्षा में तैनात नोएडा PCR की हालत है दयनीय

गौतमबुद्ध नगर में कुल 22 थाने आज के समय में चल रहे हैं. हर थाने में जितनी पुलिस चौकी हैं उतनी ही लेपर्ड टीम और करीब उतनी ही पीसीआर वैन कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लगाई गई हैं, लेकिन यहां पुलिस प्रशासन की ओर से काफी लापरवाही देखने को मिल रही है.

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Published : Mar 25, 2019, 10:09 PM IST

जनता की सुरक्षा में तैनात नोएडा PCR की हालत है दयनीय

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर पुलिस थानों के लिए लेपर्ड टीम घटना स्थल के साथ मुलजिम को भी पकड़ने का काम करती है, लेकिन इन महत्वपूर्ण गाड़ियों के संबंध में देखा जाए तो महीने की 20 या 22 तारीख आते-आते यह गाड़ियां चौकी और थाने में खड़ी होने लगती हैं, इसका कारण तेल का अभाव बताया जा रहा है.

'60 लेपर्ड हैं पेट्रोलिंग में'
गौतमबुद्ध नगर के 22 थानों में लगभग 100 के आसपास पीसीआर हैं जिसमें 43 सिर्फ सिटी में है, वहीं लगभग 200 लेपर्ड हैं. यह वाहन जिले में पेट्रोलिंग करते हैं. इसके साथ ही एसएसपी वैभव कृष्ण ने नई 60 लेपर्ड जिले में पेट्रोलिंग में लगाई हैं, जिसका नाम एनपीयू रखा गया है.

बता दें कि लेपर्ड को प्रशासन की तरफ से महीने में 30 लीटर पेट्रोल दिया जाता है. वहीं, पीसीआर जो डीजल से चलती है उन्हें 210 लीटर और पेट्रोल पीसीआर को 180 लीटर पेट्रोल दिया जाता है. 24 घंटे चलने वाली गाड़ियों में पर्याप्त तेल प्रशासन की तरफ से न मिलने के चलते यह गाड़ियां महीने के 20 और 22 तारीख आते आते थाना और चौकी पर खड़ी होने लगती हैं.

ज्यादा ली जाती है VIP ड्यूटी
पीसीआर के कुछ चालकों का कहना है कि मुलजिम और कानून व्यवस्था बनाए रखने के अतिरिक्त इन गाड़ियों से बेगार और वीआईपी ड्यूटी ज्यादा ली जाती है, जिसके चलते पर्याप्त तेल गाड़ियों में ना होने से इन्हें खड़ा करना पड़ता है.

'अधिकारी नहीं करते सुनवाई'
पीसीआर चालकों का कहना है कि अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी जाती है, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती. जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

चालकों का कहना है कि कभी कभी जरूरत पड़ने पर चौकी इंचार्ज द्वारा 100/200 रुपये का तेल डलवा दिया जाता है, लेकिन इतने में पूरा दिन गाड़ी को चला पाना काफी मुश्किल होता है, जो तेल चौकी इंचार्ज या किसी अन्य पुलिसकर्मी द्वारा गाड़ियों में डलवाए जाते हैं वह तेल पड़ने के बाद गाड़ियां विशेष परिस्थिति के लिए खड़ी कर दी जाती हैं.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर पुलिस थानों के लिए लेपर्ड टीम घटना स्थल के साथ मुलजिम को भी पकड़ने का काम करती है, लेकिन इन महत्वपूर्ण गाड़ियों के संबंध में देखा जाए तो महीने की 20 या 22 तारीख आते-आते यह गाड़ियां चौकी और थाने में खड़ी होने लगती हैं, इसका कारण तेल का अभाव बताया जा रहा है.

'60 लेपर्ड हैं पेट्रोलिंग में'
गौतमबुद्ध नगर के 22 थानों में लगभग 100 के आसपास पीसीआर हैं जिसमें 43 सिर्फ सिटी में है, वहीं लगभग 200 लेपर्ड हैं. यह वाहन जिले में पेट्रोलिंग करते हैं. इसके साथ ही एसएसपी वैभव कृष्ण ने नई 60 लेपर्ड जिले में पेट्रोलिंग में लगाई हैं, जिसका नाम एनपीयू रखा गया है.

बता दें कि लेपर्ड को प्रशासन की तरफ से महीने में 30 लीटर पेट्रोल दिया जाता है. वहीं, पीसीआर जो डीजल से चलती है उन्हें 210 लीटर और पेट्रोल पीसीआर को 180 लीटर पेट्रोल दिया जाता है. 24 घंटे चलने वाली गाड़ियों में पर्याप्त तेल प्रशासन की तरफ से न मिलने के चलते यह गाड़ियां महीने के 20 और 22 तारीख आते आते थाना और चौकी पर खड़ी होने लगती हैं.

ज्यादा ली जाती है VIP ड्यूटी
पीसीआर के कुछ चालकों का कहना है कि मुलजिम और कानून व्यवस्था बनाए रखने के अतिरिक्त इन गाड़ियों से बेगार और वीआईपी ड्यूटी ज्यादा ली जाती है, जिसके चलते पर्याप्त तेल गाड़ियों में ना होने से इन्हें खड़ा करना पड़ता है.

'अधिकारी नहीं करते सुनवाई'
पीसीआर चालकों का कहना है कि अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी जाती है, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती. जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

चालकों का कहना है कि कभी कभी जरूरत पड़ने पर चौकी इंचार्ज द्वारा 100/200 रुपये का तेल डलवा दिया जाता है, लेकिन इतने में पूरा दिन गाड़ी को चला पाना काफी मुश्किल होता है, जो तेल चौकी इंचार्ज या किसी अन्य पुलिसकर्मी द्वारा गाड़ियों में डलवाए जाते हैं वह तेल पड़ने के बाद गाड़ियां विशेष परिस्थिति के लिए खड़ी कर दी जाती हैं.

Intro:नोएडा---
गौतम बुध नगर में कुल 22 थाने आज के समय में चल रहे हैं हर थाने में जितनी पुलिस चौकी उतनी लेपर्ड और करीब करीब उतनी ही पीसीआर कानून व्यवस्था को चस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए लगाई गई है जो घटना स्थल के साथ मुलजिम को भी पकड़ने का काम करती है पर इन महत्वपूर्ण गाड़ियों के संबंध में देखा जाए तो महीने की 20 या 22 तारीख आते आते यह गाड़ियां चौकी और थाना पर खड़ी होने लगती है इसके पीछे जब कारण का पता किया गया तो पता चला तेल के अभाव में खड़ी है, जो चल रही है वह जुगाड़ से चल रही है उसमें किस मद से पैसा आया यह कोई बोलने का तैयार नहीं है।


Body:गौतम बुध नगर के 22 थानों में लगभग देखा जाए तो 100 के आसपास पीसीआर है जिसमें 43 सिर्फ सिटी सिटी में है ,वहीं लगभग 200 लेपर्ड है यह वाहन जिले में पेट्रोलिंग करते हैं इसके साथ ही एसएसपी वैभव कृष्ण ने नई 60 लेपर्ड जिले में और पेट्रोलिंग में लगाई गई है जिसका नाम एनपीयू रखा गया है।
आपको बता दें कि लेपर्ड को प्रशासन की तरफ से महीने में 30 लीटर पेट्रोल दिया जाता है वहीं पीसीआर जो डीजल की है उन्हें 210 लीटर और पैट्रोल पीसीआर को 180 लीटर इन तेलो से यह सरकारी वाहन मुलजिम को पकड़ना क्षेत्र में गश्त करने के साथ ही सबसे ज्यादा यह व्यस्त रहते हैं वीआईपी ड्यूटीओं में जिसका इन्हें अलग से कोई पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाता है, 24 घंटे चलने वाली गाड़ियों में पर्याप्त तेल प्रशासन की तरफ से न मिलने के चलते यह गाड़ियां महीने के 20 और 22 तारीख आते आते थाना और चौकी पर खड़ी होने लगती है जिन्हें पूछने वाला कोई नहीं है इसके साथ ही कुछ गाड़ियां जिले में अगर चलती हुई मिल जाती है तो उसमें भरा जाने वाला पेट्रोल और डीजल जुगाड़ से भरा जाता है , वह किस मद से आता है यह खुलासा कोई नहीं कर रहा , पीसीआर के कुछ चालकों से बात की गई तो उन्होंने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुलजिम और कानून व्यवस्था बनाए रखने के अतिरिक्त इन गाड़ियों से बेगार और वीआईपी ड्यूटी ज्यादा ली जाती है जिसके चलते पर्याप्त तेल गाड़ियों में ना होने से यह खड़ी हो जाती है इस संबंध में उनका कहना था कि इसकी जानकारी हम लोगों द्वारा अधिकारियों को दी जाती है पर उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगते जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है उनका यह भी कहना है कि कभी कभी जरूरत पड़ने पर चौकी इंचार्ज द्वारा 100/200 रुपये के तेल डलवा दिए जाते हैं जिसमे पूरे दिन गाड़ी को चला पाना कभी मुश्किल होता है जो तेल चौकी इंचार्ज या किसी अन्य पुलिसकर्मी द्वारा गाड़ियों में डलवाए जाते हैं वह तेल पड़ने के बाद गाड़ियां विशेष परिस्थिति के लिए खड़ी कर दी जाती है।



Conclusion:आपको बता दें कि जिले की लेपर्ड को जहां 30 लीटर महीने का पेट्रोल मिलता है वही पीसीआर अगर डीजल है तो 210 लीटर मिलता है जो 35 लीटर की पर्ची महीने में 6 बार में मिलती है वही पैट्रोल पीसीआर के लिए 180 लीटर पेट्रोल मिलता है जो 30 लीटर की पर्ची महीने में 6 बार मिलती है इन तीनों गाड़ियों में जो तेल दिए जाते हैं वह पर्याप्त ना होने के चलते महीना पूरा होने से पहले ही खड़ी हो जाती है या फिर जुगाड़ से रेंगती है।

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