नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर पुलिस थानों के लिए लेपर्ड टीम घटना स्थल के साथ मुलजिम को भी पकड़ने का काम करती है, लेकिन इन महत्वपूर्ण गाड़ियों के संबंध में देखा जाए तो महीने की 20 या 22 तारीख आते-आते यह गाड़ियां चौकी और थाने में खड़ी होने लगती हैं, इसका कारण तेल का अभाव बताया जा रहा है.
'60 लेपर्ड हैं पेट्रोलिंग में'
गौतमबुद्ध नगर के 22 थानों में लगभग 100 के आसपास पीसीआर हैं जिसमें 43 सिर्फ सिटी में है, वहीं लगभग 200 लेपर्ड हैं. यह वाहन जिले में पेट्रोलिंग करते हैं. इसके साथ ही एसएसपी वैभव कृष्ण ने नई 60 लेपर्ड जिले में पेट्रोलिंग में लगाई हैं, जिसका नाम एनपीयू रखा गया है.
बता दें कि लेपर्ड को प्रशासन की तरफ से महीने में 30 लीटर पेट्रोल दिया जाता है. वहीं, पीसीआर जो डीजल से चलती है उन्हें 210 लीटर और पेट्रोल पीसीआर को 180 लीटर पेट्रोल दिया जाता है. 24 घंटे चलने वाली गाड़ियों में पर्याप्त तेल प्रशासन की तरफ से न मिलने के चलते यह गाड़ियां महीने के 20 और 22 तारीख आते आते थाना और चौकी पर खड़ी होने लगती हैं.
ज्यादा ली जाती है VIP ड्यूटी
पीसीआर के कुछ चालकों का कहना है कि मुलजिम और कानून व्यवस्था बनाए रखने के अतिरिक्त इन गाड़ियों से बेगार और वीआईपी ड्यूटी ज्यादा ली जाती है, जिसके चलते पर्याप्त तेल गाड़ियों में ना होने से इन्हें खड़ा करना पड़ता है.
'अधिकारी नहीं करते सुनवाई'
पीसीआर चालकों का कहना है कि अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी जाती है, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती. जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
चालकों का कहना है कि कभी कभी जरूरत पड़ने पर चौकी इंचार्ज द्वारा 100/200 रुपये का तेल डलवा दिया जाता है, लेकिन इतने में पूरा दिन गाड़ी को चला पाना काफी मुश्किल होता है, जो तेल चौकी इंचार्ज या किसी अन्य पुलिसकर्मी द्वारा गाड़ियों में डलवाए जाते हैं वह तेल पड़ने के बाद गाड़ियां विशेष परिस्थिति के लिए खड़ी कर दी जाती हैं.