ETV Bharat / city

नोएडा: आधार कार्ड के बिना रैन बसेरा में 'नो एंट्री' - noida weather

नोएडा में ईटीवी भारत की पड़ताल के दौरान सामने आया कि रैन बसेरे में महिलाओं के सोने की व्यवस्था नहीं है. आधार कार्ड नहीं होने पर रैन बसेरे में एंट्री नहीं मिलती है. सड़कों पर सो रहे लोगों ने बताया की उन्हें कंबल भी नहीं मिले है.

noida weather, night shelter
ठंड में ठिठुरते लोग
author img

By

Published : Dec 18, 2019, 3:26 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 4:14 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ठिठुरती सर्द रातों में नोएडा प्राधिकरण ने रैन बसेरों की व्यवस्था की है. जिनमें 150 लोग के सोने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए रजिस्टर मेन्टेन होता है. ID चेक कर एंट्री मिल जाती है. लेकिन ईटीवी भारत ने सर्द रातों में व्यवस्था का जायजा लिया और सड़कों पर सो रहे लोगों से भी बात की तो चौकाने वाले बात बताई.

महिलाओं की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं

ईटीवी भारत की पड़ताल के दौरान सामने आया कि रैन बसेरे में महिलाओं के सोने की व्यवस्था नहीं है. आधार कार्ड नहीं होने पर रैन बसेरे में एंट्री नहीं मिलती है. सड़कों पर सो रहे लोगों ने बताया की उन्हें कंबल भी नहीं मिले है.

'खुले आसमान में सोने को मजबूर महिलाएं'
यूपी के शोविंडो नोएडा के सेक्टर-21 में प्राधिकरण की तरफ से एक रैन बसेरा बनाया गया। रैन बसेरे में 150 लोगों के सोने की सुविधा की गई लेकिन शायद प्राधिकरण लोगों की गिनती में महिलाओं को भूल गया. रैन बसेरे के केयरटेकर अभिमन्यु का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसलिए किसी तरीके की व्यवस्था नहीं की गई है.

'NO आधार कार्ड, नो एंट्री'
सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशन के पास खुले आसमान में सोने को मजबूर लोगों से जब बात की गई, तो उन्होंने बताया कि रैन बसेरे में एंट्री नहीं मिलती और ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास आधार कार्ड या पहचान पत्र नहीं है. मजदूर ने बताया कि वो फुटपाथ पर सोते हैं. ऐसे में आधार कार्ड और शंका चोरी हो चुका है.

'नहीं मिले कंबल और रजाई'
मजदूरों ने बात करते हुए बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. कंबल और अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है. ऐसे में मजबूरन खुले आसमान में सोना पड़ता है. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाली एक महिला ने बताया कि रैन बसेरे को लेकर कोई जानकारी नहीं है? ऐसे में वो खुले में सर्द रातों में सोने को मजबूर हैं.

'व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति'
सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर हर रोज रात गुजारते हैं. महज एक रैन बसेरा बनाकर प्राधिकरण की तरफ से भी खानापूर्ति की गई. जिला प्रशासन की तरफ से खुले आसमान में सोने वालों को कोई भी सहायता नहीं मिली. महिलाएं रैन बसेरे में सो नहीं सकती, आधार कार्ड नहीं है, तो एंट्री नहीं है. ऐसे में व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.

नई दिल्ली/नोएडा: ठिठुरती सर्द रातों में नोएडा प्राधिकरण ने रैन बसेरों की व्यवस्था की है. जिनमें 150 लोग के सोने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए रजिस्टर मेन्टेन होता है. ID चेक कर एंट्री मिल जाती है. लेकिन ईटीवी भारत ने सर्द रातों में व्यवस्था का जायजा लिया और सड़कों पर सो रहे लोगों से भी बात की तो चौकाने वाले बात बताई.

महिलाओं की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं

ईटीवी भारत की पड़ताल के दौरान सामने आया कि रैन बसेरे में महिलाओं के सोने की व्यवस्था नहीं है. आधार कार्ड नहीं होने पर रैन बसेरे में एंट्री नहीं मिलती है. सड़कों पर सो रहे लोगों ने बताया की उन्हें कंबल भी नहीं मिले है.

'खुले आसमान में सोने को मजबूर महिलाएं'
यूपी के शोविंडो नोएडा के सेक्टर-21 में प्राधिकरण की तरफ से एक रैन बसेरा बनाया गया। रैन बसेरे में 150 लोगों के सोने की सुविधा की गई लेकिन शायद प्राधिकरण लोगों की गिनती में महिलाओं को भूल गया. रैन बसेरे के केयरटेकर अभिमन्यु का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसलिए किसी तरीके की व्यवस्था नहीं की गई है.

'NO आधार कार्ड, नो एंट्री'
सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशन के पास खुले आसमान में सोने को मजबूर लोगों से जब बात की गई, तो उन्होंने बताया कि रैन बसेरे में एंट्री नहीं मिलती और ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास आधार कार्ड या पहचान पत्र नहीं है. मजदूर ने बताया कि वो फुटपाथ पर सोते हैं. ऐसे में आधार कार्ड और शंका चोरी हो चुका है.

'नहीं मिले कंबल और रजाई'
मजदूरों ने बात करते हुए बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. कंबल और अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है. ऐसे में मजबूरन खुले आसमान में सोना पड़ता है. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाली एक महिला ने बताया कि रैन बसेरे को लेकर कोई जानकारी नहीं है? ऐसे में वो खुले में सर्द रातों में सोने को मजबूर हैं.

'व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति'
सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर हर रोज रात गुजारते हैं. महज एक रैन बसेरा बनाकर प्राधिकरण की तरफ से भी खानापूर्ति की गई. जिला प्रशासन की तरफ से खुले आसमान में सोने वालों को कोई भी सहायता नहीं मिली. महिलाएं रैन बसेरे में सो नहीं सकती, आधार कार्ड नहीं है, तो एंट्री नहीं है. ऐसे में व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.

Intro:नोएडा में ठिठुरती सर्द रातों में प्राधिकरण ने रैन बसेरा की व्यवस्था की, 150 लोग के सोने की व्यवस्था की, रजिस्टर मेन्टेन होता है, ID चेक कर एंट्री मिल जाती है। लेकिन ईटीवी भारत ने सर्द रातों में व्यवस्था का जायज़ा लिया और सड़कों पर सो रहे लोगों से भी बात की तो चौकाने वाले बात बताई। रैन बसेरे में नहीं है महिलाओं के सोने की व्यवस्था, आधार कार्ड नहीं होने पर रैन बसेरे में 'नो एंट्री', सड़कों पर सो रहे लोगों ने बताया नहीं मिला कंबल।


Body:"खुले आसमान में सोने को मजबूर महिलाएं"
यूपी के शोविंडो नोएडा के सेक्टर 21 में प्राधिकरण की तरफ से एक रैन बसेरा बनाया गया। रैन बसेरे में 150 लोगों के सोने की सुविधा की गई लेकिन शायद प्राधिकरण लोगों की गिनती में महिलाओं को भूल गया। रैन बसेरे के केयरटेकर अभिमन्यु काकहना है कि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसलिए किसी तरीके की व्यवस्था नहीं की गई है।

"NO आधार कार्ड, नो एंट्री"
सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन के पास खुले आसमान में सोने को मजबूर लोगों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि रैन बसेरे में एंट्री नहीं मिलती और ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास आधार कार्ड या पहचान पत्र नहीं है। मजदूर ने बताया कि वह फुटपाथ पर सोते हैं ऐसे में आधार कार्ड और शंका चोरी हो चुका है।


"नहीं मिले कंबल और रजाई"
मज़दूरों ने बात करते हुए बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है। कंबल और अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है ऐसे में मजबूरन खुले आसमान में सोना पड़ता है। बिहार के समस्तीपुर के रहने वाली एक महिला ने बताया कि रैन बसेरे को लेकर कोई जानकारी नहीं है? ऐसे में वो खुले में सर्द रातों में सोने को मजबूर हैं।



Conclusion:"...की गई खानापूर्ति"
सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर हर रोज रात गुजारते हैं, महज़ एक रैन बसेरा बनाकर प्राधिकरण की तरफ से भी खानापूर्ति की गई। जिला प्रशासन की तरफ से खुले आसमान में सोने वालों को नहीं मिली कोई भी सहायता। महिलाओं रैन बसेरे में सो नहीं सकती, आधार कार्ड नहीं है तो एंट्री नहीं है। ऐसे में व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।
Last Updated : Dec 18, 2019, 4:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.