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नोएडा: आम जनता को सेवा देने वाली बसें फांक रहीं धूल !

मेट्रो रेल तक यात्रियों की पहुंच बनाने और मुसाफिरों की संख्या बढ़ाने के लिए नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने 16 मार्च 2019 को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 16 रूटों पर 50 एयर कंडीशन फीडर बसों का संचालन शुरू किया था, जिसमें 7 रूट नोएडा के थे. लेकिन लॉकडाउन लगने के साथ ही बसें सेक्टर 85 स्थिति एनएमआरसी के परिसर में खड़ी हो गईं. आज की स्थिति ये है कि सभी 50 बसें खड़ी-खड़ी धूल फांक रही हैं.

NMRC city buses standing for two years
दो साल से खड़ी हैं एनएमआरसी की सिटी बसें
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Published : Jun 1, 2022, 9:40 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: मेट्रो रेल तक यात्रियों की पहुंच बनाने और मुसाफिरों की संख्या बढ़ाने के लिए नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने 16 मार्च 2019 को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 16 रूटों पर 50 एयर कंडीशन फीडर बसों का संचालन शुरू किया था. जिसमें सात रूट नोएडा के थे. लेकिन कोरोना के पहले चरण के लॉकडाउन के साथ ही बसें सेक्टर 85 स्थित एनएमआरसी के परिसर में खड़ी हो गई हैं. आज की स्थिति में सभी 50 बसें रूटों से हटकर खड़ी-खड़ी धूल फांक रही हैं. बताया जा रहा है कि बसों को एंपायर ग्रुप से एग्रीमेंट कर एनएमआरसी द्वारा चलाने का काम किया गया था, पर इसी बीच एग्रीमेंट निरस्त होने के चलते बसें खड़ी हो गईं और दो साल से सड़क पर नहीं दौड़ी है.

नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा एंपायर ग्रुप से एग्रीमेंट कर आधुनिक सुविधाओं से लैस 16 रूटों पर 50 मेट्रो फीडर बसें चलाने का काम 16 मार्च 2019 को किया गया. यह बसें महक चंद दिनों तक चली और इसी बीच कोविड-19 महामारी शुरू होने के साथ ही लॉकडाउन लगा और बसें सड़कों पर चलने की जगह नोएडा के सेक्टर 85 स्थित एनएमआरसी के परिसर में खड़ी हो गई. सूत्रों की मानें तो एंपायर ग्रुप और एनएमआरसी के बीच 10 साल का एग्रीमेंट किया गया था, जो बीच में ही निरस्त कर दिया गया, जिसके चलते बसें आम जनता की सुविधाओं में नहीं लगाई जा सकीं और बसें दो साल से मौसम की मार खुले आसमान के नीचे झेल रही हैं. इसे लेकर न ही एनएमआरसी की तरफ से कुछ कहा जा रहा है और न ही एंपायर ग्रुप की तरफ से.

दो साल से खड़ी हैं एनएमआरसी की सिटी बसें

सेक्टर 85 स्थित एनएमआरसी के ऑफिस पर तैनात क्लर्क रितेश अग्रवाल ने कैमरे पर न बोलकर जानकारी देते हुए बताया कि एंपायर ग्रुप और एनएमआरसी के बीच विवाद के चलते मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जिसके चलते यह बस से निर्धारित रूटों पर नहीं चलाई जा रही है. एमआरसी के क्लर्क के द्वारा मीडिया कवरेज पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही गई. वहीं बसों की आम जनता को सेवाएं कब से देंगे इस पर वह खामोश नजर आए. वहीं इस मामले में एनएमआरसी के उच्च अधिकारी और एंपायर ग्रुप की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है और न ही कोई जानकारी दी गई है.

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नई दिल्ली/नोएडा: मेट्रो रेल तक यात्रियों की पहुंच बनाने और मुसाफिरों की संख्या बढ़ाने के लिए नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने 16 मार्च 2019 को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 16 रूटों पर 50 एयर कंडीशन फीडर बसों का संचालन शुरू किया था. जिसमें सात रूट नोएडा के थे. लेकिन कोरोना के पहले चरण के लॉकडाउन के साथ ही बसें सेक्टर 85 स्थित एनएमआरसी के परिसर में खड़ी हो गई हैं. आज की स्थिति में सभी 50 बसें रूटों से हटकर खड़ी-खड़ी धूल फांक रही हैं. बताया जा रहा है कि बसों को एंपायर ग्रुप से एग्रीमेंट कर एनएमआरसी द्वारा चलाने का काम किया गया था, पर इसी बीच एग्रीमेंट निरस्त होने के चलते बसें खड़ी हो गईं और दो साल से सड़क पर नहीं दौड़ी है.

नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा एंपायर ग्रुप से एग्रीमेंट कर आधुनिक सुविधाओं से लैस 16 रूटों पर 50 मेट्रो फीडर बसें चलाने का काम 16 मार्च 2019 को किया गया. यह बसें महक चंद दिनों तक चली और इसी बीच कोविड-19 महामारी शुरू होने के साथ ही लॉकडाउन लगा और बसें सड़कों पर चलने की जगह नोएडा के सेक्टर 85 स्थित एनएमआरसी के परिसर में खड़ी हो गई. सूत्रों की मानें तो एंपायर ग्रुप और एनएमआरसी के बीच 10 साल का एग्रीमेंट किया गया था, जो बीच में ही निरस्त कर दिया गया, जिसके चलते बसें आम जनता की सुविधाओं में नहीं लगाई जा सकीं और बसें दो साल से मौसम की मार खुले आसमान के नीचे झेल रही हैं. इसे लेकर न ही एनएमआरसी की तरफ से कुछ कहा जा रहा है और न ही एंपायर ग्रुप की तरफ से.

दो साल से खड़ी हैं एनएमआरसी की सिटी बसें

सेक्टर 85 स्थित एनएमआरसी के ऑफिस पर तैनात क्लर्क रितेश अग्रवाल ने कैमरे पर न बोलकर जानकारी देते हुए बताया कि एंपायर ग्रुप और एनएमआरसी के बीच विवाद के चलते मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जिसके चलते यह बस से निर्धारित रूटों पर नहीं चलाई जा रही है. एमआरसी के क्लर्क के द्वारा मीडिया कवरेज पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही गई. वहीं बसों की आम जनता को सेवाएं कब से देंगे इस पर वह खामोश नजर आए. वहीं इस मामले में एनएमआरसी के उच्च अधिकारी और एंपायर ग्रुप की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है और न ही कोई जानकारी दी गई है.

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