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नोएडा: प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द, बोले- जब कमाएंगे नहीं, तो खाएंगे क्या ? - लॉकडाउन की घोषणा के बाद श्रम का पलायन

नोएडा के सेक्टर 62 मॉडल टाउन चौराहों पर दिल्ली से प्रवासी मजदूरों का पलायन दिखाई देने लगा है. मजदूरों ने बताया कि रोज कमाते हैं और खाते हैं ऐसे में अगर 6 दिन नहीं कमाएंगे तो खाएंगे क्या.

Migrant workers migration from Noida
नोएडा: प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द, कहा: जब कमाएंगे नहीं, तो खाएंगे क्या?
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Published : Apr 20, 2021, 8:41 AM IST

Updated : Apr 20, 2021, 1:50 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों के पलायन की तस्वीरें एक बार फिर से ताज़ा हो गई. नोएडा के सेक्टर 62 मॉडल टाउन चौराहों पर दिल्ली से प्रवासी मजदूरों का पलायन दिखाई देने लगे हैं. साल भर पहले जैसी स्थिति दिखाई दे रही है. मजदूर, फुटकर छोटा व्यापारी अपने गांव की ओर चल दिए. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि जब कमाएंगे नहीं तो पेट कैसे भरेंगे.

पलायन करते प्रवासी मजदूर
लॉकडाउन का छलका दर्द

सेक्टर 62 मॉडल टाउन चौराहे के बाद से नोएडा की सीमाएं खत्म हो जाती हैं नेशनल हाईवे पड़ता है और उसकी दूसरी तरफ गाजियाबाद की सीमाएं शुरू हो जाती है जहां से ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट बसे अन्य जनपदों के लिए रवाना होती है. प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे दिल्ली के बदरपुर में काम करते हैं. लॉकडाउन की घोषणा के बाद वह घर जाना बेहतर समझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि रोज कमाते हैं और खाते हैं ऐसे में अगर 6 दिन नहीं कमाएंगे तो खाएंगे क्या.

उन्होंने कहा कि बीते साल भी लॉकडाउन कुछ दिनों के लिए लगाया था उसके बाद समय अवधि बढ़ाई जाती रही ऐसा इस बार ना हो इसलिए मैं अपने घरों को रवाना हो रहे हैं.

पढ़ें-ऑक्सीजन की भारी किल्लत: दिल्ली सरकार ने गठित की ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी

चल पड़े अपने गांव की ओर

दिल्ली, गाज़ियाबाद, नोएडा के मज़दूर एक बार फिर से अपने गांव की ओर रुख करने लगे हैं. सेक्टर 62 मॉडल टाउन चौराहे के दोनों तरफ से सरकारी और प्राइवेट बसें अन्य जनपदों के लिए रवाना होती है ऐसे में एक बार फिर से प्रवासी मजदूर बस स्टॉप सहित अन्य स्पोर्ट्स यूपी के अलग-अलग जनपदों के लिए रवाना हो रहे हैं.

नई दिल्ली : दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों के पलायन की तस्वीरें एक बार फिर से ताज़ा हो गई. नोएडा के सेक्टर 62 मॉडल टाउन चौराहों पर दिल्ली से प्रवासी मजदूरों का पलायन दिखाई देने लगे हैं. साल भर पहले जैसी स्थिति दिखाई दे रही है. मजदूर, फुटकर छोटा व्यापारी अपने गांव की ओर चल दिए. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि जब कमाएंगे नहीं तो पेट कैसे भरेंगे.

पलायन करते प्रवासी मजदूर
लॉकडाउन का छलका दर्द

सेक्टर 62 मॉडल टाउन चौराहे के बाद से नोएडा की सीमाएं खत्म हो जाती हैं नेशनल हाईवे पड़ता है और उसकी दूसरी तरफ गाजियाबाद की सीमाएं शुरू हो जाती है जहां से ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट बसे अन्य जनपदों के लिए रवाना होती है. प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे दिल्ली के बदरपुर में काम करते हैं. लॉकडाउन की घोषणा के बाद वह घर जाना बेहतर समझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि रोज कमाते हैं और खाते हैं ऐसे में अगर 6 दिन नहीं कमाएंगे तो खाएंगे क्या.

उन्होंने कहा कि बीते साल भी लॉकडाउन कुछ दिनों के लिए लगाया था उसके बाद समय अवधि बढ़ाई जाती रही ऐसा इस बार ना हो इसलिए मैं अपने घरों को रवाना हो रहे हैं.

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चल पड़े अपने गांव की ओर

दिल्ली, गाज़ियाबाद, नोएडा के मज़दूर एक बार फिर से अपने गांव की ओर रुख करने लगे हैं. सेक्टर 62 मॉडल टाउन चौराहे के दोनों तरफ से सरकारी और प्राइवेट बसें अन्य जनपदों के लिए रवाना होती है ऐसे में एक बार फिर से प्रवासी मजदूर बस स्टॉप सहित अन्य स्पोर्ट्स यूपी के अलग-अलग जनपदों के लिए रवाना हो रहे हैं.

Last Updated : Apr 20, 2021, 1:50 PM IST
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