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नोएडा: घर के लिए निकले थे प्रवासी मजदूर, पहुंच गए शेल्टर होम

प्रवासियों से ईटीवी भारत ने बात किया तो, उन लोगों ने बताया कि किसी तरह साधन का जुगाड़ कर लुधियाना, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा से नोएडा की सीमा तक आए, जहां लाने वाले ने छोड़ा और वापस चला गया. वहीं जब नोएडा में पहुंचे तो, यहां के प्रशासन ने हमें शेल्टर होम मैं रख दिया है, जबकि हम अपने घर जाना चाहते हैं, हमें कहीं और नहीं रहना है.

Migrant workers hold shelter home in Noida during the lockdown
शेल्टर होम
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Published : May 17, 2020, 12:17 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: देशभर में लॉकडाउन-4 के शुरू होने से पहले शासन और प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने के लिए हल्की सी छूट दे दी गई है. जिसके चलते प्रवासी मजदूर जहां थे, वहां से अपने घरों के लिए चल दिए. जिन्हें जो संसाधन नहीं मिला वह पैदल ही चले, पर जैसे ही नोएडा की सीमा में पहुंचे, वैसे ही नोएडा पुलिस ने पैदल जाते हुए देख करीब डेढ़ सौ लोगों को बॉर्डर से उठाकर शेल्टर होम में रख दिया.

मजदूर निकले थे घर के लिए, पहुंच गए शेल्टर होम

वहीं शेल्टर होम में आए प्रवासियों का कहना है कि न पैसा है और न खाना, ना ही रोजगार इससे अच्छा अपना घर है. प्रवासियों ने कहा कि घर जाने के लिए निकले थे पर पुलिस ने हमें शेल्टर होम में रख दिया है, प्रशासन हमें किसी भी तरह हमारे घर पहुंचाए, हमें और कहीं नहीं रहना है.


गैर राज्य से चले और पहुंच गए शेल्टर होम

बता दें कि लुधियाना, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा से किसी तरह साधन का जुगाड़ कर यूपी के बॉर्डर तक प्रवासी मजदूर पहुंचे. जिन्हें आगे जाने के लिए उन्होंने अन्य साधन की तलाश करने ही वाले थे कि नोएडा पुलिस ने उन्हें पैदल जाता देख शेल्टर होम में रख दिया. शेल्टर होम में आए लोगों में किसी को बिहार तो किसी को फर्रुखाबाद, इटावा, मैनपुरी तो किसी को आजमगढ़ और झारखंड राज्य में जाना है और उनके पास जाने के लिए कोई साधन नहीं है, जिसके चलते प्रशासन ने उन्हें शेल्टर होम में रखा है.


'हमें कहीं और नहीं रहना है'

प्रवासियों से ईटीवी भारत ने बात किया तो, उन लोगों ने बताया कि किसी तरह साधन का जुगाड़ कर लुधियाना, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा से नोएडा की सीमा तक आए, जहां लाने वाले ने छोड़ा और वापस चला गया. वहीं जब नोएडा में पहुंचे तो, यहां के प्रशासन ने हमें शेल्टर होम मैं रख दिया है, जबकि हम अपने घर जाना चाहते हैं, हमें कहीं और नहीं रहना है. घर जाने के पीछे जब उनसे कारण पूछा गया तो, उनका कहना है कि ना हमारे पास रोजगार हैं ना खाने के लिए राशन और ना ही जेब में पैसे, इससे अच्छा हम अपने घर पर ही ठीक है.

वहीं एक प्रवासी ने बताया कि वह लॉकडाउन के दौरान अपनी बहन के पास दिल्ली गया हुआ था. लौटने ही वाला था कि लॉकडाउन लग गया. उसने कहा कि घर में मां की तबीयत खराब है पर उसे देखने वाला कोई नहीं है.


शेल्टर होम में 104 लोगों की क्षमता

बता दें कि नोएडा के सेक्टर 19 में बने शेल्टर होम में 104 लोगों की रहने की क्षमता है, जहां सोसल डिस्टेसिंग के आधार पर लोगों को बिस्तर दिए गए हैं. वहीं आज प्रशासन द्वारा करीब डेढ़ सौ लोगों को अतिरिक्त पहुंचाया गया है, जिसके कारण ज्यादातर लोगों को शेल्टर होम के बाहर रखा गया है, उनके रहने और खाने की व्यवस्था क्या होगी, इस पर प्रशासन विचार करने में लगा हुआ है.


शेल्टर होम के केयरटेकर का कहना

सेक्टर 19 के शेल्टर होम के केयरटेकर का कहना है कि यहां पर लोगों को सुबह और रात में खाना दिया जाता है, साथ ही नाश्ते की भी व्यवस्था की गई. यहां से अब तक करीब 33 लोग उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और कुछ अन्य राज्यों के रहने वाले लोगों को प्रशासन की मदद से भेजा गया है. वहीं अब जो नए लोग आए हैं इनके खाने और रहने की व्यवस्था की गई है, साथ ही शेल्टर होम में लोग बोर ना हो उसके लिए टीवी भी लगाया गया है. 24 घंटे पानी की सुविधा दी गई है.

नई दिल्ली/नोएडा: देशभर में लॉकडाउन-4 के शुरू होने से पहले शासन और प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने के लिए हल्की सी छूट दे दी गई है. जिसके चलते प्रवासी मजदूर जहां थे, वहां से अपने घरों के लिए चल दिए. जिन्हें जो संसाधन नहीं मिला वह पैदल ही चले, पर जैसे ही नोएडा की सीमा में पहुंचे, वैसे ही नोएडा पुलिस ने पैदल जाते हुए देख करीब डेढ़ सौ लोगों को बॉर्डर से उठाकर शेल्टर होम में रख दिया.

मजदूर निकले थे घर के लिए, पहुंच गए शेल्टर होम

वहीं शेल्टर होम में आए प्रवासियों का कहना है कि न पैसा है और न खाना, ना ही रोजगार इससे अच्छा अपना घर है. प्रवासियों ने कहा कि घर जाने के लिए निकले थे पर पुलिस ने हमें शेल्टर होम में रख दिया है, प्रशासन हमें किसी भी तरह हमारे घर पहुंचाए, हमें और कहीं नहीं रहना है.


गैर राज्य से चले और पहुंच गए शेल्टर होम

बता दें कि लुधियाना, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा से किसी तरह साधन का जुगाड़ कर यूपी के बॉर्डर तक प्रवासी मजदूर पहुंचे. जिन्हें आगे जाने के लिए उन्होंने अन्य साधन की तलाश करने ही वाले थे कि नोएडा पुलिस ने उन्हें पैदल जाता देख शेल्टर होम में रख दिया. शेल्टर होम में आए लोगों में किसी को बिहार तो किसी को फर्रुखाबाद, इटावा, मैनपुरी तो किसी को आजमगढ़ और झारखंड राज्य में जाना है और उनके पास जाने के लिए कोई साधन नहीं है, जिसके चलते प्रशासन ने उन्हें शेल्टर होम में रखा है.


'हमें कहीं और नहीं रहना है'

प्रवासियों से ईटीवी भारत ने बात किया तो, उन लोगों ने बताया कि किसी तरह साधन का जुगाड़ कर लुधियाना, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा से नोएडा की सीमा तक आए, जहां लाने वाले ने छोड़ा और वापस चला गया. वहीं जब नोएडा में पहुंचे तो, यहां के प्रशासन ने हमें शेल्टर होम मैं रख दिया है, जबकि हम अपने घर जाना चाहते हैं, हमें कहीं और नहीं रहना है. घर जाने के पीछे जब उनसे कारण पूछा गया तो, उनका कहना है कि ना हमारे पास रोजगार हैं ना खाने के लिए राशन और ना ही जेब में पैसे, इससे अच्छा हम अपने घर पर ही ठीक है.

वहीं एक प्रवासी ने बताया कि वह लॉकडाउन के दौरान अपनी बहन के पास दिल्ली गया हुआ था. लौटने ही वाला था कि लॉकडाउन लग गया. उसने कहा कि घर में मां की तबीयत खराब है पर उसे देखने वाला कोई नहीं है.


शेल्टर होम में 104 लोगों की क्षमता

बता दें कि नोएडा के सेक्टर 19 में बने शेल्टर होम में 104 लोगों की रहने की क्षमता है, जहां सोसल डिस्टेसिंग के आधार पर लोगों को बिस्तर दिए गए हैं. वहीं आज प्रशासन द्वारा करीब डेढ़ सौ लोगों को अतिरिक्त पहुंचाया गया है, जिसके कारण ज्यादातर लोगों को शेल्टर होम के बाहर रखा गया है, उनके रहने और खाने की व्यवस्था क्या होगी, इस पर प्रशासन विचार करने में लगा हुआ है.


शेल्टर होम के केयरटेकर का कहना

सेक्टर 19 के शेल्टर होम के केयरटेकर का कहना है कि यहां पर लोगों को सुबह और रात में खाना दिया जाता है, साथ ही नाश्ते की भी व्यवस्था की गई. यहां से अब तक करीब 33 लोग उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और कुछ अन्य राज्यों के रहने वाले लोगों को प्रशासन की मदद से भेजा गया है. वहीं अब जो नए लोग आए हैं इनके खाने और रहने की व्यवस्था की गई है, साथ ही शेल्टर होम में लोग बोर ना हो उसके लिए टीवी भी लगाया गया है. 24 घंटे पानी की सुविधा दी गई है.

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