नई दिल्ली/नोएडा: लॉकडाउन के चौथे चरण के पहले दिन ही सैकड़ों की संख्या में मजदूर अपने बच्चों के साथ घर के लिए निकल पड़े हैं. दिल्ली, लुधियाना, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा से होते हुए ये मजदूर छोटे-छोटे बच्चों के साथ भूखे प्यासे नोएडा बॉर्डर पर पहुंचे.
मजदूरों को प्रशासन द्वारा नोएडा के शेल्टर होम में ले जाया गया. यहां इनके लिए खाने और पानी की व्यवस्था की गई है. शेल्टर होम में आए इन लोगों ने बताया कि इन्हें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, यूपी के विभिन्न जिलों में जाना है. शेल्टर होम में लाए गए इन प्रवासी मजदूरों का सिर्फ इतना कहना है कि इन लोगों को शेल्टर होम में नहीं रहना है. हमें अपने घर जाना है.
हर हाल में घर पहुंचना है
एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों से पैदल चल कर इस तपती धूप में भूखे-प्यासे चल रहे ये मजदूर अपने घर तो नहीं पहुंचे, लेकिन नोएडा की सीमा में पहुंचते ही प्रशासन ने इन्हें शेल्टर होम में ठहरा दिया है. अब शेल्टर होम में भी ये मजदूर भूख मिटाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगे हुए हैं. हर हाल में पहुंचना है घर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन द्वारा शेल्टर होम में रोके गए प्रवासी मजदूरों के रहने और खाने की व्यवस्था की गई है.
नाकाफी हैं सुविधाएं
साथ ही समय-समय पर बस और ट्रेन की व्यवस्था कर इन्हें घर भेजने की बात भी कही जा रही है, जबकि कुछ प्रवासी मजदूरों का कहना है कि प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधा हम लोगों के लिए नाकाफी है. शेल्टर होम में आए प्रवासी मजदूर भूखे-प्यासे हैं, लेकिन बस इन्हें अपने घर जाना है. कोविड-19 महामारी का खौफ इस कदर लोगों में फैला है कि वह अपने घर के सिवाय और कहीं नहीं रुकना चाह रहे हैं. अपने पूरे परिवार के साथ वह जल्द से जल्द अपने घर पहुंचने की होड़ में लगे हुए हैं.