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ग्रे.नोएडा: वेतन नहीं मिला तो कंपनी का डाटा चोरी कर लोगों को लगा दिया चूना

पुलिस उपायुक्त मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि इंडियामार्ट का डाटा चोरी करने वाले तीनों अभियुक्त गिरफ्तार कर लिए गए हैं. ये फर्जी ई-मेल आईडी और फर्जी व्हाट्सएप आदि तैयार करके ग्राहकों से प्रोफाइल बनाने के नाम पर ठगी कर रहे थे.

knowledge park police arrested three indiamart employee in online fraud
ग्रे.नोएडा : वेतन नहीं मिला तो कंपनी का डाटा चुरा लोगों का लगा दिया चूना
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Published : Jun 14, 2020, 2:38 PM IST

नई दिल्ली/ग्रे.नोएडा: लॉकडाउन के दौरान कंपनी ने सैलरी नहीं दी तो कुछ युवकों ने उसी कंपनी का डाटा चोरी कर लोगों से पैसे ऐंठना शुरू कर दिया. इस मामले में नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

ये गिरोह ऑनलाइन बिजनेस प्लेटफॉर्म इंडियामार्ट का डाटा चोरी कर लोगों से लाखों रुपये का चूना लगा चुका है. पकड़े गए तीनों आरोपी इंडियामार्ट में ही काम करते थे. उनके द्वारा इंडियामार्ट के नाम पर खुलवाए गए फर्जी बैंक खाते से पुलिस ने डेढ़ लाख रुपये बरामद किए हैं.

वेतन नहीं मिलने पर उठाया कदम

पकड़े गए आरोपियों में ईशान जैन, पंकज कुमार हरि सिंह इंडियामार्ट में ही काम करते थे. इन पर इंडियामार्ट का डाटा चोरी करने का आरोप है कि ये लोग फर्जी ई-मेल आईडी और फर्जी व्हाट्सएप आदि तैयार कर ग्राहकों से प्रोफाइल बनाने के नाम पर ठगी कर रहे थे.

पुलिस उपायुक्त (अपराध) मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि इंडियामार्ट की ओर से एक मुकदमा दर्ज करवाया गया था. कंपनी का आरोप था कि कोई उनका डाटा चोरी करके लोगों को कॉल कर रहा है.

इंडियामार्ट की फर्जी मेंबरशिप देने के नाम पर लोगों से पैसा लिया जा रहा है. साइबर क्राइम सेल ने केस दर्ज करके जांच शुरू की तो पता चला की इस गोरखधंधे में इंडियामार्ट के लोग ही शामिल हैं. इंडियामार्ट में मैनेजर पद पर तैनात ईशान जैन कंपनी के ग्राहकों का डाटा निकालकर अपने साथी पंकज कुमार के साथ मिलकर ग्राहकों को कॉल करता था. उनसे पैसा अपने दूसरे हरि सिंह के खातों में डलवाकर तीनों अपना-अपना हिस्सा बांट लेते थे.

न्यायिक हिरासत में भेजे आरोपी

मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि इंडियामार्ट का डाटा चोरी करने वाले तीनों अभियुक्त गिरफ्तार कर लिए गए हैं. ये फर्जी ई-मेल आईडी और फर्जी व्हाट्सएप आदि तैयार करके ग्राहकों से प्रोफाइल बनाने के नाम पर ठगी कर रहे थे. पूछताछ के दौरान पुलिस को तीनों लोगों ने बताया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैला तो देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया.

24 मार्च को लॉकडाउन हुआ और कंपनी ने उन्हें तनख्वाह देनी बंद कर दी. इस कारण उनके सामने भूखों मरने का संकट पैदा हो गया था. ऐसे में उन लोगों को कोई रास्ता नजर नहीं आया और उन्होंने कंपनी का डाटा चोरी करके ग्राहकों को ठगना शुरू कर दिया. पुलिस इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. अदालत ने तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

नई दिल्ली/ग्रे.नोएडा: लॉकडाउन के दौरान कंपनी ने सैलरी नहीं दी तो कुछ युवकों ने उसी कंपनी का डाटा चोरी कर लोगों से पैसे ऐंठना शुरू कर दिया. इस मामले में नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

ये गिरोह ऑनलाइन बिजनेस प्लेटफॉर्म इंडियामार्ट का डाटा चोरी कर लोगों से लाखों रुपये का चूना लगा चुका है. पकड़े गए तीनों आरोपी इंडियामार्ट में ही काम करते थे. उनके द्वारा इंडियामार्ट के नाम पर खुलवाए गए फर्जी बैंक खाते से पुलिस ने डेढ़ लाख रुपये बरामद किए हैं.

वेतन नहीं मिलने पर उठाया कदम

पकड़े गए आरोपियों में ईशान जैन, पंकज कुमार हरि सिंह इंडियामार्ट में ही काम करते थे. इन पर इंडियामार्ट का डाटा चोरी करने का आरोप है कि ये लोग फर्जी ई-मेल आईडी और फर्जी व्हाट्सएप आदि तैयार कर ग्राहकों से प्रोफाइल बनाने के नाम पर ठगी कर रहे थे.

पुलिस उपायुक्त (अपराध) मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि इंडियामार्ट की ओर से एक मुकदमा दर्ज करवाया गया था. कंपनी का आरोप था कि कोई उनका डाटा चोरी करके लोगों को कॉल कर रहा है.

इंडियामार्ट की फर्जी मेंबरशिप देने के नाम पर लोगों से पैसा लिया जा रहा है. साइबर क्राइम सेल ने केस दर्ज करके जांच शुरू की तो पता चला की इस गोरखधंधे में इंडियामार्ट के लोग ही शामिल हैं. इंडियामार्ट में मैनेजर पद पर तैनात ईशान जैन कंपनी के ग्राहकों का डाटा निकालकर अपने साथी पंकज कुमार के साथ मिलकर ग्राहकों को कॉल करता था. उनसे पैसा अपने दूसरे हरि सिंह के खातों में डलवाकर तीनों अपना-अपना हिस्सा बांट लेते थे.

न्यायिक हिरासत में भेजे आरोपी

मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि इंडियामार्ट का डाटा चोरी करने वाले तीनों अभियुक्त गिरफ्तार कर लिए गए हैं. ये फर्जी ई-मेल आईडी और फर्जी व्हाट्सएप आदि तैयार करके ग्राहकों से प्रोफाइल बनाने के नाम पर ठगी कर रहे थे. पूछताछ के दौरान पुलिस को तीनों लोगों ने बताया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैला तो देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया.

24 मार्च को लॉकडाउन हुआ और कंपनी ने उन्हें तनख्वाह देनी बंद कर दी. इस कारण उनके सामने भूखों मरने का संकट पैदा हो गया था. ऐसे में उन लोगों को कोई रास्ता नजर नहीं आया और उन्होंने कंपनी का डाटा चोरी करके ग्राहकों को ठगना शुरू कर दिया. पुलिस इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. अदालत ने तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

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