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खर जिउतिया व्रतः पुत्र की दीर्घायु जीवन के लिए महिलाएं रखती हैं निर्जला व्रत - पुत्र की दीर्घायु जीवन की कामना

हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका अथवा खर जिउतिया व्रत (Khar Jiutiya Vrat) का विशेष महत्व है. पुत्र की दीर्घायु जीवन की कामना के लिए व्रत का अनुष्ठान किया जाता हैं. इसको लेकर माताएं निर्जला व्रत रखती हैं.

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Published : Sep 17, 2022, 11:03 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः सबसे कठिन व्रतों में से एक जीवित्पुत्रिका (खर-जिउतिया) व्रत (Khar Jiutiya Vrat) रविवार को रखा जा रहा है. महिलाएं इसमें 24 घंटे के लिए उपवास रखती हैं. यह व्रत बच्चे की दीर्घायु के लिए रखने का विधान है. वैसे तो अब पूरे देश में इसे किसी न किसी रूप में मनाया जाता है, मगर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार-झारखंड के लोग बड़ी संख्या में इसे मनाते हैं. इस पर्व के संबंध में बताया जाता है कि खर जिउतिया के व्रत के दिन महिलाएं चिलो सियारिन की कथाएं सुनती हैं.

जिउतिया का मुहूर्त कब से और कब तकः वैसे तो इसकी तिथि को लेकर अलग-अलग पंचांग अलग-अलग मत देते हैं. स्थानीय पुजारी का कहना है कि स्थानीय समय के अनुसार शुभ समय और तिथि दिखवा लेनी चाहिए. साथ ही काशी का पंचांग या जो भी आप मानते हों, उससे इसकी तस्दीक जरूर कर लें. एक अन्य पुजारी ने बताया कि शनिवार को नहाए-खाय कर महिलाएं व्रत का संकल्प लेंगी और रविवार को व्रत रख इसका पारण सोमवार की सुबह में करेंगी. उन्होंने बताया कि व्रत रखने का शुभ मुहूर्त रविवार (अष्टमी तिथि प्रारम्भ यानी सूर्योदय के पहले) से शाम 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. व्रत रखने वाली महिलाएं कथा सुनने के बाद सोमवार को पारण करने का काम करेंगी. उन्होंने बताया कि फल-फूल-माला के साथ ही सत्पुटिया की पत्ती, खली सहित अन्य चीजें प्रयोग में लाई जाती है.

जीवित्पुत्रिका अथवा खर जिउतिया व्रत

तीन दिन रखा जाएगा खर जिउतिया का व्रतः महिलाएं इस दिन संतान की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इस वर्ष खर जिउतिया व्रत 18 सितंबर 2022 को रविवार के दिन मनाया जा रहा है. यह व्रत कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से नवमी तिथि तक रखा जाता है. इस व्रत के पहले दिन नहाए-खाय होता है. दूसरे दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती है और तीसरे दिन पारण करती हैं.

खर जिउतिया व्रतः रविवार, सितम्बर 18 2022 को

अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 17 सितम्बर 2022 को शाम दो बजकर 14 मिनट से

अष्टमी तिथि समाप्त - 18 सितम्बर 2022 को शाम 4 बजकर 32 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त- शाम 12 बजकर 08 मिनट से शाम 12 बजकर 57 मिनट तक

विजय मुहूर्त- शाम 2 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 23 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 6 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 50 मिनट तक

नई दिल्ली/नोएडाः सबसे कठिन व्रतों में से एक जीवित्पुत्रिका (खर-जिउतिया) व्रत (Khar Jiutiya Vrat) रविवार को रखा जा रहा है. महिलाएं इसमें 24 घंटे के लिए उपवास रखती हैं. यह व्रत बच्चे की दीर्घायु के लिए रखने का विधान है. वैसे तो अब पूरे देश में इसे किसी न किसी रूप में मनाया जाता है, मगर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार-झारखंड के लोग बड़ी संख्या में इसे मनाते हैं. इस पर्व के संबंध में बताया जाता है कि खर जिउतिया के व्रत के दिन महिलाएं चिलो सियारिन की कथाएं सुनती हैं.

जिउतिया का मुहूर्त कब से और कब तकः वैसे तो इसकी तिथि को लेकर अलग-अलग पंचांग अलग-अलग मत देते हैं. स्थानीय पुजारी का कहना है कि स्थानीय समय के अनुसार शुभ समय और तिथि दिखवा लेनी चाहिए. साथ ही काशी का पंचांग या जो भी आप मानते हों, उससे इसकी तस्दीक जरूर कर लें. एक अन्य पुजारी ने बताया कि शनिवार को नहाए-खाय कर महिलाएं व्रत का संकल्प लेंगी और रविवार को व्रत रख इसका पारण सोमवार की सुबह में करेंगी. उन्होंने बताया कि व्रत रखने का शुभ मुहूर्त रविवार (अष्टमी तिथि प्रारम्भ यानी सूर्योदय के पहले) से शाम 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. व्रत रखने वाली महिलाएं कथा सुनने के बाद सोमवार को पारण करने का काम करेंगी. उन्होंने बताया कि फल-फूल-माला के साथ ही सत्पुटिया की पत्ती, खली सहित अन्य चीजें प्रयोग में लाई जाती है.

जीवित्पुत्रिका अथवा खर जिउतिया व्रत

तीन दिन रखा जाएगा खर जिउतिया का व्रतः महिलाएं इस दिन संतान की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इस वर्ष खर जिउतिया व्रत 18 सितंबर 2022 को रविवार के दिन मनाया जा रहा है. यह व्रत कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से नवमी तिथि तक रखा जाता है. इस व्रत के पहले दिन नहाए-खाय होता है. दूसरे दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती है और तीसरे दिन पारण करती हैं.

खर जिउतिया व्रतः रविवार, सितम्बर 18 2022 को

अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 17 सितम्बर 2022 को शाम दो बजकर 14 मिनट से

अष्टमी तिथि समाप्त - 18 सितम्बर 2022 को शाम 4 बजकर 32 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त- शाम 12 बजकर 08 मिनट से शाम 12 बजकर 57 मिनट तक

विजय मुहूर्त- शाम 2 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 23 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 6 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 50 मिनट तक

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