नई दिल्ली/नोएडा: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में तकरीबन 6 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. विदेशी कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट का निर्माण करेगी. यमुना प्राधिकरण CEO अरुण वीर सिंह ने बताया कि ज्यूरिख कंपनी एक विदेशी कंपनी है. ऐसे में नेशनल सिक्योरिटी समेत कई डाक्यूमेंट्स् की जांच की जाएगी और करीब 3 महीने के अंदर जेवर एयरपोर्ट का काम शुरू कर दिया जाएगा.
तकरीबन 6 हजार करोड़ रुपये की लगेगी लागत
यमुना प्राधिकरण के CEO अरुण वीर सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में तकरीबन 6 हज़ार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. जिसमें 2 रनवे बनाए जाएंगे और साथ ही पहली कमर्शियल फ्लाइट की उड़ान भी तय की जाएगी.
साथ ही उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट का निर्माण 4 चरणों में किया जाएगा. वहीं राज्य सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव भी रखा गया है कि इसमें 6 रनवे बनाने की संभावनाओं को भी देखा जाए. ताकि ज्यादा से ज्यादा कमर्शियल और कार्गो फ्लाइट की उड़ान संभव हो सके.
साल 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य
मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर एयरपोर्ट को पूरा करने की डेडलाइन साल 2023 रखी गई है. जहां 1334 हेक्टेयर में 4 चरणों में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम पूरा किया जाएगा.