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डिप्रेशन में नौकरी कर रहे हैं नोएडा के ज्यादातर पुलिसकर्मी!

नोएडा के थाना सेक्टर-58 के एक अस्पताल में हेल्थ कैंप लगाया गया, जहां करीब 150 पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की जांच की गई.

पुलिसकर्मियों के लिए नोएडा के एक अस्पताल में हेल्थ कैंप लगाया गया, etv bharat
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Published : Sep 20, 2019, 10:39 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: कानून-व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त रखने वाली पुलिस की हालत देखी जाए तो आज के समय में नोएडा जैसे हाईटेक सिटी में दिन पर दिन खराब होती जा रही है. यह खुलासा तब हुआ जब नोएडा के एक थाने में पुलिसकर्मियों का हेल्थ चेकअप किया गया. इस दौरान पता चला कि ज्यादातर पुलिसकर्मी डिप्रेशन में नौकरी कर रहे हैं. इसका खुलासा थाने में लगे हेल्थ कैंप के डॉक्टर ने किया.

पुलिसकर्मियों के लिए नोएडा के एक अस्पताल में हेल्थ कैंप लगाया गया

सुरक्षा व्यवस्था कैसे होगी बेहतर
दिल्ली से सटे नोएडा शहर को एक हाईटेक सिटी कहा जाता है, जो हर मामले में अन्य शहरों से आगे है. खासकर यहां की पुलिस को देखा जाए तो वह भी एक हाईटेक पुलिस में गिनी जाती है पर आम जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने वाले पुलिस का हाल यह है कि ज्यादातर पुलिसकर्मी किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं.

क्या है पुलिसकर्मियों की समस्या
पुलिसकर्मियों के अंदर डिप्रेशन, आंखों की समस्या, शुगर और ब्लड प्रेशर की बीमारियां देखी गई हैं. नोएडा के थाना सेक्टर-58 में एक अस्पताल द्वारा हेल्थ कैंप लगाया गया, जहां करीब 150 पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की जांच की गई. जांच के बाद कैंप के डॉक्टर एमएम खान ने बताया कि ज्यादातर पुलिसकर्मी की दिनचर्या सही ना होने से उनका स्वास्थ्य बेहतर नहीं है. पुलिसकर्मियों का अस्वस्थ होना कहीं न कहीं सुरक्षा व्यवस्था पर एक प्रश्न चिन्ह है.

नई दिल्ली/नोएडा: कानून-व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त रखने वाली पुलिस की हालत देखी जाए तो आज के समय में नोएडा जैसे हाईटेक सिटी में दिन पर दिन खराब होती जा रही है. यह खुलासा तब हुआ जब नोएडा के एक थाने में पुलिसकर्मियों का हेल्थ चेकअप किया गया. इस दौरान पता चला कि ज्यादातर पुलिसकर्मी डिप्रेशन में नौकरी कर रहे हैं. इसका खुलासा थाने में लगे हेल्थ कैंप के डॉक्टर ने किया.

पुलिसकर्मियों के लिए नोएडा के एक अस्पताल में हेल्थ कैंप लगाया गया

सुरक्षा व्यवस्था कैसे होगी बेहतर
दिल्ली से सटे नोएडा शहर को एक हाईटेक सिटी कहा जाता है, जो हर मामले में अन्य शहरों से आगे है. खासकर यहां की पुलिस को देखा जाए तो वह भी एक हाईटेक पुलिस में गिनी जाती है पर आम जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने वाले पुलिस का हाल यह है कि ज्यादातर पुलिसकर्मी किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं.

क्या है पुलिसकर्मियों की समस्या
पुलिसकर्मियों के अंदर डिप्रेशन, आंखों की समस्या, शुगर और ब्लड प्रेशर की बीमारियां देखी गई हैं. नोएडा के थाना सेक्टर-58 में एक अस्पताल द्वारा हेल्थ कैंप लगाया गया, जहां करीब 150 पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की जांच की गई. जांच के बाद कैंप के डॉक्टर एमएम खान ने बताया कि ज्यादातर पुलिसकर्मी की दिनचर्या सही ना होने से उनका स्वास्थ्य बेहतर नहीं है. पुलिसकर्मियों का अस्वस्थ होना कहीं न कहीं सुरक्षा व्यवस्था पर एक प्रश्न चिन्ह है.

Intro:नोएडा--
कानून व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त रखने वाली पुलिस की हालत देखा जाए तो आज के समय में नोएडा जैसे हाईटेक सिटी में दिन पर दिन खराब होती जा रही है यह खुलासा तब हुआ जब नोएडा के एक थाने में पुलिसकर्मियों का हेल्थ चेकअप किया गया तो पता चला कि ज्यादातर पुलिसकर्मी डिप्रेशन में नौकरी कर रहे हैं इसका खुलासा थाने में लगे हेल्थ कैंप के डॉक्टर ने किया, सुरक्षा व्यवस्था कैसे बेहतर होगी यह एक सोचनीय विषय है।


Body:दिल्ली से सटे नोएडा शहर को एक हाईटेक सिटी कहा जाता है जो हर मामले में अन्य शहरों से आगे हैं खासकर यहां की पुलिस को देखा जाए तो वह भी एक हाईटेक पुलिस में गिनी जाती है पर आम जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने वाली नोएडा के हाईटेक पुलिस का हाल यह है कि ज्यादातर पुलिसकर्मी किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं, पुलिसकर्मियों के अंदर खासकर डिप्रेशन और आंखों से संबंधित से लेकर शुगर और ब्लड प्रेशर की बीमारियां देखी गई इसका पता तब चला जब नोएडा के थाना सेक्टर 58 में एक अस्पताल द्वारा हैल्थ कैंप लगाकर करीब 150 पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की जांच की गई जांच के दौरान इस बात का खुलासा कैंप के डॉक्टर एमएम खान ने किया कैंप के दौरान डॉक्टर से हुई बाद में उन्होंने बताया कि ज्यादातर पुलिसकर्मी की दिनचर्या सही ना होने से उनका स्वास्थ्य बेहतर नहीं है।


Conclusion:डॉक्टर की माने और पुलिसकर्मियों के अस्वस्थ होना कहीं सुरक्षा व्यवस्था पर प्रभाव तो नहीं डाल रहा अगर डॉक्टर का कहना सही है तो इस संबंध में अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए और जिले के सभी थानो पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ की जांच करानी चाहिए ताकि जिले कि कानून व्यवस्था बेहतर हो सके। वैसे जिले के अन्य थानो पर तैनात पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की जांच की गई तो और भी कई चौकाने वाले स्वास्थ संबंधी खुलासे जरूर होंगे!
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