नई दिल्ली/नोएडा: गुरुवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है. आम्रपाली बिल्डर से बकाया वसूलने में लापरवाही बरतने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने यह कार्रवाई की है.
मामले में दो अधिकारियों और 5 कर्मचारियों को दोषी पाया गया है. मामले में आरोपी पांच सहायकों मनोज कुमार, कैलाश चंद्र, शशि कुमार, नंदन प्रसाद आर्य और श्याम सुंदर पर कार्रवाई के लिए शासन ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को अधिकृत किया है.
3,700 करोड़ फंसा
दरअसल, आम्रपाली बिल्डर पर तकरीबन 3,700 करोड़ का बकाया था. इसके बावजूद बिल्डर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से हर तरह की रियायत मिलती रही, बिल्डर के प्रोजेक्टों के लिए सब लीज से अनुमति दी जाती रही.
प्राधिकरण बिना बकाया वसूली आम्रपाली को हर तरीके की अनुमति देता रहा. आम्रपाली मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को बिल्डर से बकाया वसूलने का आदेश दिया था ताकि बिल्डर के प्रोजेक्ट पूरे हो सकें और खरीदारों को उनका घर मिल सके. ऐसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 3,700 करोड़ रुपये फंस गए.
मामले के लिए गठित की गई कमेटी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का करीब 3,700 करोड रुपये फंसा दिखाई दिया तो उत्तर प्रदेश शासन के संज्ञान में यह मामला लाया गया. ऐसे में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई, जांच में दो अफसरों और छह कर्मियों को दोषी माना गया.
दो अफसरों में से एक सेवानिवृत्त हो चुके हैं. छह कर्मचारी पर प्राधिकरण के सीईओ को कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया था. CEO नरेंद्र भूषण ने पांच में से तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और दो अधिकारियों पर शासन स्तर से कार्रवाई होनी है.