नई दिल्ली/नोएडा: कोरोना वायरस को दूर भगाने की मुहिम और आह्वान में जनता कर्फ्यू लगाए गए. जनता कर्फ्यू के सफल होने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा देश में लॉकडाउन घोषित किया गया. लॉकडाउन घोषित होने के बाद शासन, प्रशासन और पुलिस विभाग सभी ने लोगों को घरों में रहने का आह्वान किया.
साथ ही सभी सीमाओं पर भारी संख्या में पुलिस बल लगाकर जिले के अंदर और बाहर जाने वालों पर रोक लगा दी गई. जिसके बाद देखा जाए तो गौतमबुद्ध नगर जिले में थानों पर लिखें जाने वाले मुकदमों की संख्या नील के बराबर चल रही है. संगीन मामलों के एक भी मुकदमे अभी तक पुलिस सूत्रों की माने तो नहीं लिखा गया, जो लिखे गए हैं वह धारा 188 के तहत लिखें गए.
लॉकडाउन उनका असर
जनता कर्फ्यू के बाद देश में जहां लॉकडाउन घोषित किया गया, उस दिन से अब तक गौतमबुद्ध नगर जिले में देखा जाए तो हत्या, लूट, बलात्कार, छिनैती, डकैती जैसे संगीन अपराधों मे पूरी तरह से कमी आई है. जिले के किसी भी थाने पर इस तरह के मामले ना के बराबर लिखे गये. लॉकडाउन का असर कोरोना वायरस के साथ अपराध पर भी काफी पड़ा है.
लिखे जाने वाले मुकदमे
लॉकडाउन के बाद गौतमबुद्ध नगर जिले में जो थानों पर मुकदमा लिखें गए, वह लॉकडाउन और धारा 144 का विरोध या उल्लंघन करने वालों के खिलाफ है. जिसमें 24 मार्च को 298 और 25 मार्च को 405 मुकदमें 188 के तहत दर्ज किए गए हैं, जिसमें कुल मिलाकर 703 मुकदमें अब तक दर्ज हुए हैं. पूरे जिले में लिखे गए है.
लॉकडाउन कोरोना और अपराधियों पर पड़ा भारी
जिस तरह से गौतमबुद्ध नगर जिले में पिछले कई दिनों से अपराधी अपराध नहीं कर पाए, और थानों पर मुकदमें दर्ज नहीं हुए. उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि लॉकडाउन अपराधियों पर भी कोरोना के साथ अंकुश लगाने में कारगर साबित हो रहा है.