नई दिल्ली/नोएडा: फायर एनओसी के नाम पर रिश्वत का खेल चला रहे संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में फायर स्टेशन फेज-एक के एफएसओ कुलदीप कुमार और एक फायर वेंडर को गिरफ्तार किया गया है. अब तक की जांच में कुल सात संगठित गिरोह के नाम सामने आये हैं. इन गिरोह के लोगों ने फर्जीवाड़ा कर अब तक 450 से अधिक एनओसी हासिल की है.
इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जल्द ही मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती है.
सेक्टर-14ए कंट्रोल रूम में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें फायर NOC देने के नाम पर रिश्वत लेने की बात सामने आई थी. सीओ सिटी वन ने श्वेताभ पांडेय ने मामले की जांच की तो मालूम चला कि जो ऑडियो वायरल हुआ है, उसमें एफएसओ कुलदीप कुमार और अरविंद गुप्ता की आवाज है.
पूछताछ में अरविंद गुप्ता ने बताया कि ऑडियो क्लिप में सेक्टर-48 स्थित मदरहुड हॉस्पिटल की बिल्डिंग के फायर सेफ्टी एनओसी देने के लिए एफएसओ को 80 हजार रुपये देने की बात हो रही है. ये भी कहा गया कि कुलदीप कुमार ने मदरहुड हॉस्पिटल का विजिट किया था और उसमें कुछ कमियां पाई थी. इसी की एवज में उन्होंने पैसों की मांग की थी.
ये हॉस्पिटल आरएचईए हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है. उसमें पैसे के लेनदेन की जो बातचीत हो रही है, वो मई महीने की है. एसएसपी ने बताया कि जांच में कुलदीप कुमार और अरविंद गुप्ता पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए.
सीओ थर्ड विमल कुमार ने एफएसओ कुलदीप कुमार और फायर वेंडर अरविंद गुप्ता के खिलाफ थाना सेक्टर-20 में एफआईआर दर्ज कराई, उसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि सीएफओ अरुण कुमार सिंह ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले डेढ़ साल से एनओसी के एवज में अवैध वसूली के लिए सात अलग-अलग संगठित गिरोह काम कर रहे हैं, इस गिरोह ने अपने और अपने सहयोगियों के नाम पर कई भवनों, विद्यालयों, अस्पतालों, उद्योगों के फायर डिपार्टमेंट से धोखाधड़ी कर 450 से अधिक एनओसी ली है.
इस पूरे मामले में सेक्टर-20 में सात एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. इनमें अनिल शर्मा, मनिराम डांडरियाल, देविका, देविका देसाई, जितेंद्र मोनी, जितेंद्र कुमार गौड़, एमएसपीएल, अरविंद कुमार गुप्ता, अरविंद गुप्ता, विशाल ढिंगरा, मुकेश गुप्ता, इंद्र कुमार मनी और गुरप्रीत शामिल हैं.