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फिरोजाबाद से चलता था गैंग, कोचिंग सेंटर पर बनते थे क्लाइंट, जानिए देते थे दूसरों की जगह परीक्षा

नोएडा के थाना सेक्टर-58 में पुलिस ने धोखाधड़ी कर परीक्षा देने वाले में सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी नोएडा के सेक्टर 62 में हुई है. इनमें तीन आरोपी यूपी के फिरोजाबाद जिले और चौथा आरोपी आगरा के फतेहपुर सीकरी का रहना वाला है.

सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़
सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़
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Published : Dec 9, 2021, 11:02 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: सेक्टर-58 पुलिस ने सॉल्वर गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों की गिरफ्तारी उस समय हुई, जब ये प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के लिए जा रहे थे. इनके कब्जे से पांच मोबाइल, पांच पैन कार्ड-आधार कार्ड, एटीएम कार्ड और 52 हजार से ज्यादा रुपये नगद बरामद किए गए हैं.

नोएडा के थाना सेक्टर-58 में पुलिस ने धोखाधड़ी कर परीक्षा देने वाले में सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी नोएडा के सेक्टर 62 में हुई है. इनमें तीन आरोपी यूपी के फिरोजाबाद जिले और चौथा आरोपी आगरा के फतेहपुर सीकरी का रहना वाला है.चारों की आरोपी ग्रेजुएट हैं. इनका एक साथी रिंकू यादव, जोकि फिरोजाबाद का ही रहने वाला है. अभी फरार चल रहा है. यही आरोपी फर्जी दस्तावेज तैयार करता था.

सॉल्वर गैंग के चार सदस्य गिरफ्तार

इन आरोपियों के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 58 थाने में ही यूपी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. इस गैंग के बारे में भी पुलिस ने जानकारी जुटाई है. जिसके मुताबिक, यह गैंग बीते 4-5 सालों से काम कर रहा है. यूपी के फिरोजाबाद में ही बप्पा कैम्पस नाम से कोचिंग सेंटर चलाता है और यहीं पर क्लाइंट बनाता है.

इनमें से एक आरोपी विकास ने 10-12 अभ्यर्थियों की जगह पर परीक्षा देना स्वीकार किया है. इस गैंग ने दिल्ली पुलिस, जेल वार्डन यूपी, आईटीबीपी, सीटेट, एसएससी आदि परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाए थे.

ये भी पढ़ें- नाेएडा में अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी बनाने के लिए विदेशी कंपनियों ने भी लिया हिस्सा

इस मामले में एडिशनल डीसीपी नोएडा रणविजय सिंह ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठकर दूसरे अभ्यर्थी पेपर देते थे. प्रवेश पत्र लेकर फर्जी आधार, पैन कार्ड और अन्य दस्वातेज तैयार कर लेते थे. एक परीक्षा देने के बदले में यह विकास को दो लाख रुपये मिलते थे, जिसमें से एक लाख रुपये एडवांस और एक लाख रुपये परीक्षा के बाद लिए जाते थे. इस काम की जिम्मेदारी संजय और अनीश चाहर की है. अनीश और संजय आरोपी विकास को उन लड़कोंं से मिलवाते हैं जिनका विकास को पेपर देना होता है.

ये लोग पांच से 7 लाख रुपये एक व्यक्ति से तय करते हैं और विकास को दो लाख रुपये के हिसाब से देते हैं. विकास यह काम पिछले कई सालों से कर रहा है. बीते आठ दिसंबर को विकास ने राघवेन्द्र की जगह पर परीक्षा दी थी और गुरुवार को भी विकास परीक्षा देने की तैयारी कर रहा था. उसी समय पुलिस द्वारा उसे पकड़ लिया गया.

नई दिल्ली/नोएडा: सेक्टर-58 पुलिस ने सॉल्वर गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों की गिरफ्तारी उस समय हुई, जब ये प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के लिए जा रहे थे. इनके कब्जे से पांच मोबाइल, पांच पैन कार्ड-आधार कार्ड, एटीएम कार्ड और 52 हजार से ज्यादा रुपये नगद बरामद किए गए हैं.

नोएडा के थाना सेक्टर-58 में पुलिस ने धोखाधड़ी कर परीक्षा देने वाले में सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी नोएडा के सेक्टर 62 में हुई है. इनमें तीन आरोपी यूपी के फिरोजाबाद जिले और चौथा आरोपी आगरा के फतेहपुर सीकरी का रहना वाला है.चारों की आरोपी ग्रेजुएट हैं. इनका एक साथी रिंकू यादव, जोकि फिरोजाबाद का ही रहने वाला है. अभी फरार चल रहा है. यही आरोपी फर्जी दस्तावेज तैयार करता था.

सॉल्वर गैंग के चार सदस्य गिरफ्तार

इन आरोपियों के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 58 थाने में ही यूपी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. इस गैंग के बारे में भी पुलिस ने जानकारी जुटाई है. जिसके मुताबिक, यह गैंग बीते 4-5 सालों से काम कर रहा है. यूपी के फिरोजाबाद में ही बप्पा कैम्पस नाम से कोचिंग सेंटर चलाता है और यहीं पर क्लाइंट बनाता है.

इनमें से एक आरोपी विकास ने 10-12 अभ्यर्थियों की जगह पर परीक्षा देना स्वीकार किया है. इस गैंग ने दिल्ली पुलिस, जेल वार्डन यूपी, आईटीबीपी, सीटेट, एसएससी आदि परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाए थे.

ये भी पढ़ें- नाेएडा में अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी बनाने के लिए विदेशी कंपनियों ने भी लिया हिस्सा

इस मामले में एडिशनल डीसीपी नोएडा रणविजय सिंह ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठकर दूसरे अभ्यर्थी पेपर देते थे. प्रवेश पत्र लेकर फर्जी आधार, पैन कार्ड और अन्य दस्वातेज तैयार कर लेते थे. एक परीक्षा देने के बदले में यह विकास को दो लाख रुपये मिलते थे, जिसमें से एक लाख रुपये एडवांस और एक लाख रुपये परीक्षा के बाद लिए जाते थे. इस काम की जिम्मेदारी संजय और अनीश चाहर की है. अनीश और संजय आरोपी विकास को उन लड़कोंं से मिलवाते हैं जिनका विकास को पेपर देना होता है.

ये लोग पांच से 7 लाख रुपये एक व्यक्ति से तय करते हैं और विकास को दो लाख रुपये के हिसाब से देते हैं. विकास यह काम पिछले कई सालों से कर रहा है. बीते आठ दिसंबर को विकास ने राघवेन्द्र की जगह पर परीक्षा दी थी और गुरुवार को भी विकास परीक्षा देने की तैयारी कर रहा था. उसी समय पुलिस द्वारा उसे पकड़ लिया गया.

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